हाथी बना VVIP: सुरक्षा में लगी सेना, नेताओं से ज्यादा हैं इनके ठाट-बाट

बताते चलें कि नंडनगमुवा हाथी वहां इसलिए भी लोकप्रिय है क्योंकि वो उन चुनिंदा हाथियों में शामिल हैं जो हर साल भगवान गौतम बुद्ध के अवशेष वाले पिटारे को झांकी के दौरन बौद्ध मंदिर तक पहुंचाता है।

Shivakant Shukla
Published on: 12 Jun 2023 4:51 PM GMT
हाथी बना VVIP: सुरक्षा में लगी सेना, नेताओं से ज्यादा हैं इनके ठाट-बाट
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लखनऊ: आपने नेताओं की सुरक्षा में तैनात जवानों को तो देखा ही होगा। लेकिन शायद ही आपने कभी देखा हो कि किसी जानवर की सुरक्षा हथियारों से लैस जवान कर रहे हों। आपको ये सुनकर हैरानी तो हुई होगी लेकिन जी हां ये बिल्कुल सच है।

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दरअसल श्रीलंका की सरकार ने एक हाथी की सुरक्षा के लिए हथियारों से लैस जवानों को तैनात करने का फैसला किया है। बता दें कि इस हाथी का नाम नंडुनगमुवा राजा है जिसकी ऊंचाई करीब 10.5 फीट है। यह श्रीलंका का सबसे बड़ा पालतू हाथी है जिसकी उम्र 65 साल हो चुकी है।

सरकार ने क्यों लिया ये फैसला

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर श्रीलंकाई सरकार ने इस हाथी की सुरक्षा का फैसला क्यों लिया है तो हम आपको बताते हैं। क्योंकि वो वहां के पारंपरिक त्योहारों के दौरान कई मुख्य सड़कों से गुजरता है। इस दौरान कोई उसे नुकसान न पहुंचाए इसलिए सरकार ने उसकी सुरक्षा के लिए एक सैन्य टुकड़ी को तैनात कर दिया है।

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नंडनगमुवा हाथी की सुरक्षा को लेकर उसके मालिक ने कहा कि साल 2015 में एक कार्यक्रम के दौरान हाथी एक बाइक से टकराते-टकराते रह गया था। इसे वाकये का वीडियो देखने के बाद सरकार ने उसके मालिक से संपर्क किया और पूरी सुरक्षा मुहैया कराने का भरोसा दिया था। सैनिकों के साथ हाथी को नियंत्रित करने के लिए दो महावतों की भी सरकार ने नियुक्ति की है।

क्यों है नंडनगमुवा हाथी खास

बताते चलें कि नंडनगमुवा हाथी वहां इसलिए भी लोकप्रिय है क्योंकि वो उन चुनिंदा हाथियों में शामिल हैं जो हर साल भगवान गौतम बुद्ध के अवशेष वाले पिटारे को झांकी के दौरन बौद्ध मंदिर तक पहुंचाता है।

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इस झांकी के लिए और पिटारे को बौद्ध मंदिर तक पहुंचाने के लिए हाथी को हर साल अगस्त महीने में कैंडी हिल रिसॉर्ट तक 90 किलोमीटर की यात्रा करनी होती है। इस आयोजन में वहां करीब 100 हाथी हिस्सा लेते हैं।

Shivakant Shukla

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