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एक और खतरनाक बीमारी: दुनिया में तेजी से बिगड़ सकते हैं हालात, दी गई चेतावनी
हर साल करीब 20 लाख मृत बच्चे पैदा यानी Stillbirth होते हैं। ये मामले ज्यादा विकासशील देशों से जुड़े होते हैं। कहा जा रहा है कि ये हालात तेजी से बिगड़ सकते हैं।
नई दिल्ली: पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Epidemic) का प्रकोप झेल रही है। तमाम देशों में लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस बीत एक परेशान करने देने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (United Nations Children's Fund) और उनके सहयोगियों ने कहा कि हर साल करीब 20 लाख मृत बच्चे पैदा यानी Stillbirth होते हैं। ये मामले ज्यादा विकासशील देशों से जुड़े होते हैं। कहा जा रहा है कि ये हालात तेजी से बिगड़ सकते हैं।
क्या होता है स्टिलबर्थ?
बता दें कि गर्भाधान के 28 हफ्ते या उसके बाद मृत बच्चे के पैदा होने या प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो जाने को स्टिलबर्थ (Stillbirth) कहा जाता है। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी (यूनीसेफ) की कार्यकारी निदेशक हैनरिटा फोर ने कहा कि हर 16 सेकेंड में कोई मां स्टिलबर्थ की पीड़ा झेलेगी। गुरुवार को प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, कोरोना महामारी के चलते ये आंकड़े बढ़ भी सकते हैं।
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तेजी से बढ़ सकते हैं STILLBIRTH के मामले (सांकेतिक फोटो- सोशल मीडिया)
इस वजह से बढ़ सकते हैं स्टिल बर्थ के मामले
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण की वजह से हेल्थ सर्विसेस 50 प्रतिशत तक घटी हैं, इसके परिणामस्वरूप अगल साल 117 विकासशील देशों में दो लाख और स्टिलबर्थ (Stillbirth) हो सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि डिलीवरी के पहले अच्छी देखभाल, बेहतर निगरानी और सुरक्षित प्रसव के लिए प्रोफेशनल डॉक्टरों की सहायता से ऐसे मामलों को रोका जा सकता है।
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प्रसव के दौरान के हैं 40 फीसदी केस
वहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने कहा कि Stillbirth के कुल मामलो में से 40 फीसदी केस प्रसव (Delivery) के दौरान के हैं। अगर महिलाएं Skilled Health Workers की मदद से सेफ डिलीवरी कराए तो ऐसे मामलों को रोका जा सकता है। उप-सहारा अफ्रीका और मध्य एशिया में स्टिलबर्थ के करीब आधे मामले प्रसव के वक्त के हैं, जबकि यूरोप, उत्तर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में इसके छह प्रतिशत मामले हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, विकसित देशों में जातीय अल्पसंख्यकों में Stillbirth के ज्यादा मामलेत होते हैं।
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