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सख्त आदेश: 90 किलो पोटी करना होगा सब को, न होने पर मिलेगी कड़ी सजा

नॉर्थ कोरिया में देश की आर्थिक स्थिति से उबरने के लिए तानाशाह किम ने खेती-किसानी को सुधारने की बात करते हुए ये आदेश दिया है। 

Vidushi Mishra
Published on: 17 May 2020 6:20 PM IST
सख्त आदेश: 90 किलो पोटी करना होगा सब को, न होने पर मिलेगी कड़ी सजा
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नई दिल्ली। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह अपनी अजीबो-गरीब हरकतों के लिए प्रसिध्द है। वहीं ये देश अपने में ही बेहद रहस्यमयी देश माना जाता है। कभी कुछ खबरे आती है तो कभी कुछ तानाशाह के बारे में सुनने को मिलता है। ऐसे में अब नया वाक्या सामने आया है। नार्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने अपने देशवासियों के रोज 90 किलो के लगभग मलत्याग (feces) करने को कहा है। जिससे खेती के लिए खाद की कमी न हो।

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90 किलो मल त्याग करना

नॉर्थ कोरिया में देश की आर्थिक स्थिति से उबरने के लिए तानाशाह किम ने खेती-किसानी को सुधारने की बात करते हुए ये आदेश दिया है।

इसी कड़ी में एक रिपोर्ट छापी, जिसके मुताबिक, उत्तर कोरिया के हर स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना अकेले ही कम से कम 90 किलो मल त्याग करना है और खेती के लिए उसकी खाद तैयार करनी है।

तो इस हिसाब से पूरे महीने में एक व्यक्ति लगभग 3 टन मल त्याग करेगा। अब अगर इससे कम मल त्याग करता है तो उसे सजा के तौर पर उसे 300 किलोग्राम खाद या फिर जानवरों के मल से बनी खाद सरकार को उपलब्ध करनी होती है।

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क्योंकि कोई भी स्वस्थ से स्वस्थ तनदुरुस्त व्यक्ति एक दिन में इतना मल त्याग नहीं कर सकता इसलिए सारे ही लोग सजा के तौर पर जानवरों की खाद उपलब्ध कराने को मजबूर हैं।

तानाशाह के नियम के मुताबिक, खाद भी न जुटा पाने वालों को पैसे देने होते हैं ताकि सरकारी अधिकारी उसकी खाद खरीद सकें। हर हफ्ते सरकारी लोग इलाके बांटकर रिकॉर्ड रखते हैं कि किसके हिस्से से कितना मल या पैसे आ रहे हैं। लोगों को मल त्याग के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इसे सोशलिस्ट मुहिम का रूप दिया जा चुका है।

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इतनी ज्यादा मात्रा में मल त्याग तो नहीं

सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, चूंकि कोई भी शख्स इतनी ज्यादा मात्रा में मल त्याग तो कर नहीं सकता, भले ही उसे चाहे कुछ भी करना पड़े। उसे बदले में पैसे देने होते हैं, जिसका कोई हिसाब नहीं होता कि क्या वाकई में पैसों से खाद बनवाई गई है।

वहीं खुद लोग मानते हैं कि ये गरीब लोगों को और गरीब करने का तरीका है लेकिन तानाशाह किम के डर से कोई भी विरोध में सामने नहीं आ पाता। क्योंकि कोई भी इनके खिलाफ आवाज नहीं उठा सकता है।

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Vidushi Mishra

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