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Sudan Civil War: सूडान में हालात हो रहे बदतर, करीब 200 लोग हिंसा की भेंट चढ़े, सैंकड़ों भारतीय भी हैं फंसे
Sudan Civil War: राजधानी खार्तूम के अस्पतालों में डॉक्टर्स नहीं पहुंच पा रहे हैं। अस्पतालों में दवाओं और अन्य जरूरी मेडिकल सामग्रियों की भी किल्लत हो गई है।
Sudan Civil War: उत्तर अफ्रीकी देश सूडान गृह युद्ध की आग में जल रहा है। पिछले तीन दिनों से सेना और पैरामिलिट्री रेपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच भयानक जंग जल रही है। दोनों संगठनों के बीच यह वर्चस्व की लड़ाई है। दोनों एक-दूसरे पर तोप और जेट्स से हमला कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक करीब 200 लोग हिंसा की भेंट चढ़ चुके हैं, जबकि 1800 लोग जख्मी हुए हैं। गोलीबारी के कारण घायलों तक स्वास्थ्यकर्मी नहीं पहुंच पा रहे हैं।
राजधानी खार्तूम के अस्पतालों में डॉक्टर्स नहीं पहुंच पा रहे हैं। अस्पतालों में दवाओं और अन्य जरूरी मेडिकल सामग्रियों की भी किल्लत हो गई है। जिसके कारण घायलों का इलाज नहीं हो पा रहा है। खार्तूम में स्कूलों, बैंकों और सरकारी कार्यालयों को बंद किया जा चुका है। सड़कों पर केवल बख्तरबंद गाड़ियां और तोपें घूम रही हैं।
खाड़ी देशों ने फ्लाइट्स पर लगाई रोक
सूडान में खराब होते हालात को देखते हुए पड़ोसी देश भी अलर्ट हो गए हैं। चाड ने सूडान से लगने वाली अपनी सीमा को सील कर दिया है। अगर हिंसा का दौर लंबा चला तो बड़ी संख्या में शरणार्थी उसके यहां पहुंच सकते हैं। इसके अलावा खाड़ी देशों ने सूडान जाने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है। दरअसल, पिछले दिनों सऊदी अरब की फ्लाइट में आग लग गई थी। जिसे देखते हुए इस खाड़ी देश ने सूडान जाने वाली फ्लाइट्स को अगले आदेश तक रोक दिया। सऊदी अरब के बाद मिस्त्र और कतर ने भी सूडान जाने वाली फ्लाइट्स रद्द कर दी।
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सैंकड़ों भारतीय भी हैं फंसे
सूडान में बड़ी संख्या में भारतीयों के फंसे होने की बात भी कही जा रही है। 16 अप्रैल को एक भारतीय नागरिक अल्बर्ट ऑगस्टीन की गोली लगने से मौत हो गई थी, जिसकी पुष्टि भारतीय मिशन कर चुका है। ऑगस्टीन सूडान में डल ग्रुप कंपनी के साथ काम करते थे। भारत सरकार सूडान में रहे अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी कर चुकी है। उन्हें घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। बताया जा रहा है कि विदेश मंत्रालय सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने की योजना बना रहा है। इससे पहले भी कई युद्धग्रस्त क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
सूडान में फंसे भारतीयों में से 181 कर्नाटक के हैं, जिनमें से 31 आदिवासी हैं। कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय को दी है। 10 महीने पहले कर्नाटक से अपनी पत्नी के साथ सूडान गए 36 प्रभु ने वहां से फोन पर बताया कि वहां यहां आयुर्वेदिक उत्पादों की बिक्री करने आए थे। उन्होंने बताया कि वह लोग हक्की पिक्की जनजाति के हैं। प्रभु के मुताबिक, सूडान में फंसे कर्नाटक के आदिवासियों में सात शिवमोगा, पांच चन्नागिरी और 19 मैसूर के हुनसुर से हैं। उन्होंने बताया कि वे तीन दिन से बिना कुछ खाए-पिए रह रहे हैं। यहां कोई उनकी समस्या सुनने को तैयार नहीं है। वे अपनी पत्नी के साथ पिछले कई दिनों से एक किराए के मकान में फंसे हुए हैं। उन्हें यकीन नहीं है कि वह भारत वापस लौट पाएंगे।