अब आतंकवादी करेंगे चीन का काम तमाम, अमेरिका ने उठाया ऐसा घातक कदम

चीन का आरोप है कि आतंकी संगठन ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिकमूवमेंट (ईटीआइएम) पड़ोसी देश तुर्की के साथ मिलकर तुर्क सभ्यता के विकास के साथ ही इस्लामी आधार भी बढ़ाना चाहता है। इसलिए इस पर प्रतिबंध लगना जरूरी है।

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Published on: 7 Nov 2020 5:52 AM GMT
अब आतंकवादी करेंगे चीन का काम तमाम, अमेरिका ने उठाया ऐसा घातक कदम
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चीन ने अमेरिका के इस कदम पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इससे वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का 'दोहरा चरित्र' उजागर हो गया है।

वाशिंगटन: इस वक्त की बड़ी खबर अमेरिका से आ रही है। अमेरिका ने चीन के जिनझियांग प्रांत के अलगाववादी आतंकी संगठन ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआइएम) को आतंकी सूची से बाहर कर दिया है।

इस संगठन को अल-कायदा, ओसामा बिन लादेन तथा तालिबान के साथ जुड़ाव के लिए यूएन की 1267 आतंकवाद निरोधी कमेटी ने 2002 में आतंकवादी संगठन घोषित किया था।

अमेरिका के इस कदम से चीन एक दम से बौखला उठा है। शुक्रवार को इस मामले में चीन की तरफ से प्रतिक्रिया भी आई। चीन ने ईटीआइएम को आतंकी सूची से बाहर करने पर अमेरिका के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।

donald trump अब आतंकवादी करेंगे चीन का काम तमाम, अमेरिका ने उठाया ऐसा घातक कदम (फोटो:सोशल मीडिया)

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चीन ने अमेरिका के खिलाफ जमकर निकाली भड़ास

चीन ने अमेरिका के इस कदम पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इससे वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का 'दोहरा चरित्र' उजागर हो गया है।

यहां बताते चलें कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने 5 नवंबर को ईटीआइएम से बैन हटा लिया था। आतंकी ओसामा बिन लादेन और तालिबान के साथ जुड़ाव के लिए अल-कायदा से जुड़े इस संगठन को यूएन की 1267

आतंकवाद निरोधी कमेटी ने 2002 में आतंकवादी संगठनों की लिस्ट में शामिल किया था। अब जबकि अमेरिका ने इस पर से प्रतिबंध हटा दिया तो चीन ने आरोप लगते हुए कहा है कि उइगर मुस्लिम बहुल जिनझियांग प्रांत में सक्रिय यह संगठन प्रांत के भीतर और बाहर कई हिंसक हमलों और हत्याओं के लिए जिम्मेदार है।

Xi jinping चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फोटो: सोशल मीडिया)

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अमेरिका व चीन के रिश्ते और बिगड़ेंगे

अमेरिका का ये कदम सही नहीं है। चीन का आरोप है कि आतंकी संगठन ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिकमूवमेंट (ईटीआइएम) पड़ोसी देश तुर्की के साथ मिलकर तुर्क सभ्यता के विकास के साथ ही इस्लामी आधार भी बढ़ाना चाहता है।

इसलिए इस पर प्रतिबंध लगना जरूरी है। बता दें कि अमेरिका ने उइगर मुसलमानों के साथ दु‌र्व्यवहार को लेकर हाल के महीनों में चीन की कड़ी आलोचना की है।

अमेरिका और चीन के रिश्ते लगातार बिगड़ते ही जा रहे हैं। इस बार भी अमेरिका ने चीन के खिलाफ जो कदम उठाया है उससे असर दोनों देशों के सम्बन्धों पर अवश्य पड़ेगा।

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