हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़: पाकिस्तान में शुरू हुआ बवाल, सुप्रीम कोर्ट का तगड़ा एक्शन

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को 5 जनवरी 2021 को सुनवाई करेगी। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान अल्पसख्यक अधिकार आयोग के प्रमुख ,और मुख्य सचिव को समन किया है।

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Published on: 31 Dec 2020 12:58 PM GMT
हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़: पाकिस्तान में शुरू हुआ बवाल, सुप्रीम कोर्ट का तगड़ा एक्शन
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हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़: पाकिस्तान में शुरू हुआ बवाल, सुप्रीम कोर्ट का तगड़ा एक्शन photos (social media)

पाकिस्तान : पाकिस्तान के करक जिले में बुधवार को हिन्दू मंदिर में आग लगने के साथ तोड़फोड़ का वीडियो सामने आया है। इस वीडियो को देख लोग इमरान खान की आलोचना कर रहे हैं। मंदिर में आग लगने और इस तोड़फोड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। लोग इमरान खान से सवाल कर रहे है कि क्या इमरान खान का यही नया पकिस्तान है।

26 लोगों की हुई गिरफ्तारी

इमरान खान भारत में अल्पसख्यकों को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते रहते हैं। और पाकिस्तान में अल्पसख्यकों को बराबरी का हक देने की बात करते हैं। लेकिन उनकी सरकार में अल्पसख्यक पाकिस्तानी कट्टरपंथियों के निशाने पर दिख रही है। आपको बता दें कि हिन्दू मंदिर में तोड़ाफोरी को लेकर अब तक 26 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। कुल 350 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।

सुप्रीम कोर्ट 5 जनवरी को सुनवाई करेगी

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को 5 जनवरी 2021 को सुनवाई करेगी। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान अल्पसख्यक अधिकार आयोग के प्रमुख ,और मुख्य सचिव को समन किया है। इन लोगों को 4 जनवरी तक रिपोर्ट करने को कहा है। इसके साथ पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने पाकिस्तान हिन्दू काउंसिल के प्रमुख रमेश कुमार से मुलाकात की है। इस मुलाकात में रमेश कुमार ने सीजेपी के सामने अपना पूरा पक्ष रखा है।

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imran khan

पाकिस्तान के तकनीक मंत्री ने किया ट्वीट

मंदिर की तोड़फोड़ घटना को लेकर पाकिस्तान के कई मंत्रियों ने भी इसकी आलोचना की। पकिस्तान के विज्ञान एवं तकनीक मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भी इस मंदिर की घटना पर निंदा की है उन्होंने इस ट्वीट के जरिए कहा ' करक में हिन्दू समाधि में आग लगाने की घटना अल्पसंख्यक विरोधी मानसिकता की पहचान है। समस्या ये है कि सेना आतंकवाद से लड़ सकती है लेकिन अतिवाद इ लड़ने का काम सिविल सोसाइटी का है। हमारे समाज में अतिवाद को लेकर खामोशी है। '

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