×

इन वैक्सीन से होगा कोरोना का खात्मा, लक्ष्य के हैं बेहद करीब

कोरोना वायरस ने दुनियाभर के तमाम देशों की हालत पस्त कर दी है। इस महामारी से निपटने के लिए दुनिया भर के तमाम वैज्ञानिक कई तरह के प्रयोग कर रहे हैं। आपको बता दें कि दुनियाभर में वैज्ञानिकों की करीब 90 टीम कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटी हुई हैं।

Shreya
Published on: 8 May 2020 1:02 PM IST
इन वैक्सीन से होगा कोरोना का खात्मा, लक्ष्य के हैं बेहद करीब
X

नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने दुनियाभर के तमाम देशों की हालत पस्त कर दी है। इस महामारी से निपटने के लिए दुनिया भर के तमाम वैज्ञानिक कई तरह के प्रयोग कर रहे हैं। वैज्ञानिक इस वायरस के लिए जल्द से जल्द वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। हालांकि अभी तक कोई ये नहीं बता पाया है कि वैक्सीन कब तक बनकर तैयार हो जाएगी। साथ ही वो कौन सी वैक्सीन होगी, जो कोरोना का इलाज करने में मददगार होगी।

आपको बता दें कि दुनियाभर में वैज्ञानिकों की करीब 90 टीम कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटी हुई हैं। सभी अलग-अलग चरण में हैं। लेकिन इनमें से केवल 6 ऐसी वैक्सीन हैं, जो अपने लक्ष्य के बेहद करीब हैं। इन वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरु हो चुका है। बता दें कि चीन में इस समय तीन वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। तो चलिए आपको बताते हैं कि उन 6 वैक्सीन के बारे में इसे कौन बना रहा है, ये कहां तैयार की जा रही हैं और ये क्या करेंगी।

1- AD5-nCoV वैक्सीन

इस वैक्सीन को चीन की कंपनी कैंसिनो बॉयोलॉजिक्स तैयार कर रही है। कंपनी ने 16 मार्च से ही परीक्षण शुरू कर दिए थे। चीन के एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज और इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी भी इस कंपनी के साथ मिलकर काम कर रही हैं। इस कंपनी ने कोरोना के वायरस का खात्मा करने के लिए वायरस का ही इस्तेमाल किया है।

व्यक्ति के शऱीर में फेफड़े, आंतों, फेफड़े, आंतों, आंखों और नर्वस सिस्टम में संक्रमण की वजह बनने वाले वायरस (एडेनोवायरस) का इस्तेमाल किया जा रहा है। चीन इस एडेनोवायरस को मरीज के शरीर में डालकर कोशिका के उस प्रोटीन को सक्रिय करेगा, जो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ेगा। इससे व्यक्ति की इम्यूनिटी भी मजबूत होगी।

यह भी पढे़ं: तबाही की कगार पर उत्तर कोरिया, देश को बचाने के लिए तानाशाह ने चीन से मांगी मदद

2- LV-SMENP-DC वैक्सीन

चीन के शेंझेन जीनोइम्यून इंस्टीट्यूट इस वैक्सीन को तैयार किया है। जो कि HIV के लिए जिम्मेदार वायरस यानि लेंटीवायरस पर बेस्ड है। इस चीनी कंपनी ने प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय करने वाली कोशिकाओं की मदद ली है। ये कोशिकाएं शरीर में बाहरी वायरस के आने पर तुरंत सक्रिय हो जाती है, उसेक बाद उस पर हमला करती हैं। इसके हमले या वायरस का खात्मा हो जाता है या फिर वह निष्क्रिय हो जाता है।

3- वुहान में तैयार हो रही तीसरी वैक्सीन

वहीं तीसरी वैक्सीन चीन के वुहान स्थित बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स इंस्टीट्यूट में तैयार की जा रही है। यह एक ऐसी वैक्सीन है, जो निष्क्रिय कोरोना वायरस से बनी होगी। वैज्ञानिकों ने निष्क्रिय कोरोना वायरस की जींस में कुछ बदलाव किए हैं कि जिससे कोई व्यक्ति संक्रमित नहीं हो सकता। यह वैक्सीन तैयार करने की पारंपरिक विधि है, ज्यादातर टीका ऐसी ही बनाए जाते हैं।

यह भी पढे़ं: WhatsApp की नई दुनिया: तुरंत एडमिशन स्कूल में, क्लास और कॉपी-पेन भी

4- ChAdOx1 वैक्सीन

ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ChAdOx1 वैक्सीन बनाया जा रहा है। यूरोप में इसका पहला क्लीनिकल ट्रायल 23 अप्रैल को शुरू किया गया था। यहां भी वायरस का खात्मा करने के लिए वायरस का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। वैज्ञानिकों इसके लिए चिंपाजी से लिए गए कमजोर एडेनोवायरस का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें भी कुछ जेनेटिक बदलाव किए गए हैं, जिससे यह इंसानों के शरीर में उल्टा काम शुरू न कर दें।

5- mRNA-1273 वैक्सीन

अमेरिका के मैसाच्युसेट्स में स्थित बायोटेक्नोलॉजी कंपनी मॉडर्ना थेराप्यूटिक्स एक ऐसी वैक्सी तैयार कर रही है, जो प्रतिरोधक क्षमता को कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए प्रशिक्षित करेगी। यह वैक्सीन कोरोना वायरस को इंसानों के शरीर में फैलने से रोकने में मदद करेगी। इसके लिए अमेरिकी कंपनी ने लगभग निष्क्रिय और कमजोर वायरस को इंसान के शरीर में डालने की तैयारी की है। ताकि शरीर इसके लिए इम्यूनिटी विकसित कर ले।

यह भी पढे़ं: एक ही घर में तीन लोग मिले कोरोना पॉजिटिव, इलाके में मची दहशत

लेकिन अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना थेराप्यूटिक्स ने इसके लिए कोरोना वायरस का इस्तेमाल नहीं किया है। इसके लिए वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना का जेनेटिक कोड तैयार किया गया है। इसका एक छोटा सा हिस्सा सुई से शरीर में डाला जाएगा। जिसके बाद वह कोरोना के खिलाफ लड़ेगा।

6- INO-4800 वैक्सीन

ये भी अमेरिका में ही तैयार किया ज रहा है। इसको पेंसिलवेनिया में स्थित फार्मा कंपनी इनोवियो तैयार कर रही है। यह एक ऐसी वैक्सीन है, जिसमें मरीज की कोशिकाओं में प्लाज्मिड से सीधे डीएनए शरीर के अंदर इंजेक्ट करेगी। इससे इंसान के शरीर में कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित होंगे।

यह भी पढे़ं: कोरोना संकट पर बोले राहुल गांधी, … तो नौकरी जाने की आ जाएगी सुनामी

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



Shreya

Shreya

Next Story