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चीनी हथियार हुआ घातक: इन देशों की हालत हुई खराब, भारत से मांग रहे मदद
चीन की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। एक-एक कर सभी देश चीन से अपना हाथ पीछे खीच रहे है। चीन की दोस्ती से परेशान देशों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही है।
चीन की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। एक -एक कर सभी देश चीन से अपना हाथ पीछे खीच रहे है। चीन की दोस्ती से परेशान देशों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही है। पिछले कुछ सालों से चीन अपने दोस्त बने दशकों को सैनिक साजो-सामान बेच रहा था। लेकिन इन सामानों में ज़्यादातर ख़राब निकल जाते थे। या उनकी उम्र पूरी हो चुकी होती थी।
चीनी माल को खरीदने वाले देश
इन चीनी माल को खरीदने वाले देशों में पाकिस्तान, म्यांमार, नेपाल, बांग्लादेश जैसे पड़ोसियों से लेकर केन्या और अल्जीरिया सहित अफ्रीकी देश भी शामिल हैं। बता दें, कि इन सामानों में बख्तरबंद गाड़ियां, पनडुब्बी, हवाई जहाज सभी कुछ शामिल हैं।
बड़े सहयोगी पाकिस्तान भी ठगी
इस ठगी में चीन ने अपने बड़े सहयोगी पाकिस्तान को भी नहीं छोड़ा। पकिस्तान ने पिछले दशक में चीन के साथ चार ज़ुल्फिकार क्लास फ्रिगेट्स (F-22P Zulfiquar-class frigate) का सौदा किया था। इसे चीनी टेक्नोलॉजी के आधार पर बनाया जाना था। जिसमे पहला फ्रिगेट 2009 में शामिल हुआ वही आखिरी 2013 में पाकिस्तान नौसेना में शामिल हुआ। लेकिन इसके बाद जल्द इसमें तकनीकी खराबियां सामने आने लगी। पाकिस्तान ने इस मामले पर 2018 में चीन से इनके ओवरहॉल की बात की। लेकिन चीन ने अपनी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नही दी। मजबूर होकर पाकिस्तान ने तुर्की से मदद लेते हुए उसे ठीक करा रहा है।
पाकिस्तान की सेना में शामिल एयर डिफेंस
यही नहीं पाकिस्तान ने एयर डिफेंस को मजबूत करने के लिए चीन से 9 LY-80 LOMADS एयर डिफेंस सिस्टम भी खरीदे थे, 2017 से पाकिस्तान की सेना में शामिल करना शुरू हुआ था। लेकिन केवल 3 साल में ही 3 सिस्टम्स गाइडेंस वेहिकल, सर्च वेहिकल और फायरिंग व्हीकल की खराबी की वजह से बेकार हो गए। इसे भी ठीक करने के लिए पाकिस्तान चीन से बात कर रहा है।
बांग्लादेश को भी चीन ने 2017 में दो सबमरीन बेचीं
पाकिस्तान की ही तरह बांग्लादेश को भी चीन ने 2017 में दो सबमरीन बेचीं, जो उसकी मिग क्लास की सबमरीन थीं। ये दोनों 1970 के दशक की थीं और पुरानी पड़ने की वजह से चीनी नौसेना की ट्रेनिंग के काम आती थीं। इसी साल बांगलादेश को चीन ने दो 053H3 फ्रिगेट्स भी बेचे। लेकिन पता चला कि इनका नेविगेशन रडार और गन सिस्टम खराब है। चीन ने इन्हें ठीक करने के लिए अतिरिक्त रकम मांगी है।
नेपाल और म्यामांर भी परेशान
नेपाल ने चीन से छह Y12E और MA60 एयरक्राफ्ट खरीदे थे, जिनका इस्तेमाल वो अपनी नेशनल एयरलाइंस के लिए करना चाहता था। लेकिन ये सभी एयरक्राफ्ट स्पेयर पार्ट न मिलने के कारण बेकार हो गए। और अब चीन इन्हें बदलने के लिए तैयार नहीं है। म्यामांर की सेना भी कई सालों से चीन के माल से परेशा दिख रही है। जिसके परेशां हो कर वो अब अपने सैनिक साजो-सामान की लिए भारत का रुख कर रहे हैं।
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