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बदला मस्जिद में: पढ़ी जाएगी नमाज, तुर्की सरकार का हो रहा विरोध
यूनेस्को के महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने इस फैसले पर चिंता जताते हुए बयान दिया कि यह इमारत वास्तुकला की बेजोड़ कृति है और सदियों से यूरोप व एशिया के बीच वार्ता का अनूठा प्रमाण है।
नई दिल्ली: विश्व प्रसिद्ध इमारत और म्यूजियम हागिया सोफिया को मस्जिद में तब्दील करने का फैसला लिया गया है। यह फैसला तुर्की की सरकार द्वारा लिया गया है। इस्तांबुल स्थित तुर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोगन ने इस बदलाव की घोषणा तब की है, जब वहां की एक अदालत ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया।
इस मस्जिद में 84 साल बाद पढ़ी जाएगी नमाज
दरअसल, तुर्की के कुछ इस्लामी और राष्ट्रवादी समूह लंबे समय से इसे मस्जिद में बदलने की मांग कर रहे थे। अब कोर्ट और सरकार ने उनकी मांग पूरी कर दी है। 24 जुलाई से हागिया सोफिया में करीब 84 साल बाद एक बार फिर से नमाज पढ़ी जाएगी।
15 सौ साल पहले बनाया गया था कैथेड्रल चर्च
यूनेस्को के वैश्विक धरोहरों में शामिल हागिया सोफिया को 15 सौ साल पहले यूनानी साम्राज्य में एक कैथेड्रल चर्च के तौर पर बनाया गया था। 1453 में यूरोप में हुए आटोमन वॉर के बाद इसे मस्जिद में बदल दिया गया था। लेकिन 1934 में कैबिनेट के फैसले के बाद इसे एक म्यूजियम में बदल दिया गया था।
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अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की सरकार का कहना है कि हमारी मस्जिदों की तरह हागिया सोफिया के दरवाजे भी सभी के लिए खुले रहेंगे। राष्ट्रपति तैयब एर्दोगन ने कहा है कि यहां स्थानीय, विदेशी मुसलमान और गैर मुसलमान भी आ सकेंगे।
संग्रहालय ही बने रहने देना चाहिए था
उधर तैयब एर्दोगन के इस फैसले की जमकर आलोचना हो रही है। लोगों का मानना है कि ईसाई और मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल को एक संग्रहालय ही बने रहने देना चाहिए था।
यूनेस्को के महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने इस फैसले पर चिंता जताते हुए बयान दिया कि यह इमारत वास्तुकला की बेजोड़ कृति है और सदियों से यूरोप व एशिया के बीच वार्ता का अनूठा प्रमाण है। यूनेस्को की तरफ से यह भी कहा गया है कि सोफिया संग्रहालय में किसी भी तरह के बदलाव से पहले तुर्की द्वारा उसे सूचित किया जाना चाहिए था।
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संयुक्त राष्ट्र की तरफ से भी जताई गई चिंता
इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र की तरफ से भी इस मामले में चिंता जताई गई है। अंतरराष्ट्रीय चर्च परिषद ने तुर्की के राष्ट्रपति को इस कदम पर एक पत्र लिखते हुए निराशा व्यक्त की और उनसे अपने फैसले को उलटने का आग्रह किया।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मार्गन अर्टगस बयान दिया कि हम हागिया सोफिया का दर्जा बदलने के तुर्की सरकार के फैसले से निराश हैं। ग्रीस और रूस के इसाई समुदाय ने भी इस पर अफसोस जताया है।