TRENDING TAGS :
US ने दिखाई सैन्य ताकत: तिलमिलाया चीन, साउथ चाइना सी में किया युद्धाभ्यास
चीन-अमेरिका तनाव के बीच यूएस युद्धपोतों ने विवादित साउथ चाइना सी में एक बार फिर शनिवार को सैन्य अभ्यास किया। बता दें कि एक महीने में अमेरिका ने दूसरा बड़ा सैन्य अभ्यास किया है।
नई दिल्ली : चीन-अमेरिका तनाव के बीच यूएस युद्धपोतों ने विवादित साउथ चाइना सी में एक बार फिर शनिवार को सैन्य अभ्यास किया। बता दें कि एक महीने में अमेरिका ने दूसरा बड़ा सैन्य अभ्यास किया है। इस युद्धाभ्यास में बड़े युद्धपोतों के साथ ही यूएसएस रोनाल्ड और यूएसएस निमित्ज वाहनों को भी शामिल किया गया।
दक्षिण चीन सागर में अमेरिका ने किया युद्धाभ्यास
चीन कई देशों संग सीमा तनाव पर घिरा है। ऐसे में अमेरिका चीन पर लगातार दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। इसी कड़ी में शनिवार को अमेरिकी सेना ने विवादित दक्षिण चीन सागर में ट्रेनिंग की। इस दौरान करीब 12 हजार अमेरिकी जवानों ने दो विमान वाहक और उनके एस्कॉर्टिंग क्रूजर के साथ विध्वंसक ने युद्धाभ्यास किया।
युद्धाभ्यास में शामिल दोनों वाहक यूएसएस रोनाल्ड और यूएसएस निमित्ज हैं। दोनों वाहकों के अंदर करीब 120 से अधिक विमान तैनात थे। इनको जंग के लिए तत्पर और कुशल बनाए रखने के लिए सामरिक हवाई रक्षा अभ्यास किया गया।
ये भी पढ़ेंः कांग्रेस का बड़ा खुलासा, कहा- इसलिए कांग्रेस प्रवक्ता को फंसा रही योगी सरकार
12 हजार सैनिक, 120 से ज्यादा विमान ट्रेनिंग में शामिल
नेवी लेफ्टिनेंट कमांडर सीएन ब्रोफी ने हाल ही में बताया था कि यूएस का हर स्ट्राइक ग्रुप अपने संबंधित ऑपरेशनल टास्किंग पर है। बता दें कि साउथ चाइना सी के 3.5 मिलियन में से 3.3 मिलिनय स्क्वायर माइल्स चीन अपना दावा करता है। ऐसे में इस क्षेत्र में अमेरिकी विमान वाहकों की मौजूदगी से चीन को आपत्ति हैं और वह लगातार एतराज जता रहा है।
ये भी पढ़ेंः वसुंधरा का गेमः क्यों बनीं गहलोत की संकटमोचक, क्या पलटेंगे समीकरण
साउथ चाइना सी में अमेरिकी विमान वाहकों की मौजूदगी पर चीन को एतराज
अमेरिकी सैन्य अभ्यास को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, "अमेरिकी कार्रवाई का उद्देश्य दक्षिण चीन सागर में सैन्यीकरण को बढ़ाना और देशों के बीच खाई पैदा करना है। यह अंतत: क्षेत्र में शांति और स्थिरता को कम करेगा।"
चीन के विदेश मंत्रालय की आपत्ति पर यूएस का जवाब
यूएस के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा, “दुनिया बीजिंग को दक्षिण चीन सागर को अपने समुद्री साम्राज्य के रूप में उपयोग करने की इजाजत नहीं देगी। अमेरिका दक्षिण एशियाई देशों के अपने सहयोगियियों और साझेदारों के साथ खड़ा है और उनके समुद्री संसाधनों की संप्रभुता की रक्षा कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत सुसंतगत है।"
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।