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US President Joe Bidden: आसान नहीं होगी राह, सीनेट में कमजोर है पकड़
रिपब्लिकन पार्टी के पास 53 सीटों के साथ सीनेट में बहुमत है जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 47 सीटें ही हैं। इस तरह रिपब्लिकन सदस्य राष्ट्रपति बनने के बाद भी बिडेन की राह आसान अथवा मुश्किल कर सकते हैं।
नीलमणि लाल
राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद भी जो बिडेन की मुश्किलें कम नहीं होंगी। इसकी वजह इस चुनाव में अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी की पकड़ का कमजोर होना है।
हाउस यानी कांग्रेस में बढ़त हासिल कर उस पर अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे डेमोक्रेटिक सदस्य उच्च सदन पर भी नियंत्रण हासिल करना चाहते थे। इससे वह देश में राष्ट्रपति बनने वाले अगले व्यक्ति के एजेंडे को आगे बढ़ाने अथवा उसमें रुकावट डालने की स्थिति में हो सकते हैं। डेमोक्रेटिक सदस्यों से मिली कड़ी चुनौती के बावजूद सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के पास बहुमत है।
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इस बार राष्ट्रपति चुनाव के साथ ही अमेरिकी संसद कांग्रेस के लिए भी साथ-साथ चुनाव हो रहे हैं। रिपब्लिकन पार्टी के पास 53 सीटों के साथ सीनेट में बहुमत है जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 47 सीटें ही हैं। इस तरह रिपब्लिकन सदस्य राष्ट्रपति बनने के बाद भी बिडेन की राह आसान अथवा मुश्किल कर सकते हैं।
अमेरिकी संसदीय प्रणाली को कुछ इस तरह से बनाया गया है कि अगर राष्ट्रपति की पार्टी को सीनेट में बहुमत हासिल नहीं है तो वह चाहकर भी अपने मन मुताबिक काम नहीं कर सकता है। जजों की नियुक्ति से लेकर अपनी सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति को सीनेट पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में यदि जो बाइडन राष्ट्रपति बन भी जाते हैं तो सीनेट में बहुमत के बिना उनके लिए काम करना आसान नहीं होगा।
सीनेट के लिए प्रत्यक्ष चुनाव होता है
अमेरिका के 50 राज्यों से सीनेट के लिए दो सदस्य चुनकर आते हैं। भारत में राज्यसभा की तरह ही सीनेट के लिए हर दो साल में एक तिहाई सदस्यों के लिए चुनाव होता है। इस समय रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच सीनेट की सीटों पर कांटे की लड़ाई चल रही है।
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डेमोक्रेटिक पार्टी को उम्मीद थी कि ट्रंप के प्रति लोगों की नाराजगी का लाभ उसे सीनेट चुनाव में मिलेगा लेकिन ऐसा नजर नहीं आ रहा। दो साल पहले जिन सीटों पर डेमोक्रेट को जीत मिली थी, वहां तो उनकी स्थिति बेहतर है, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी के सीनेट के मौजूदा सदस्यों को परास्त करने की उसकी कोशिश सफल होती नजर नहीं आ रही।
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