TRENDING TAGS :
चमगादड़ पर रिसर्च करने से कांपा US, चीन में कोरोना पर रिसर्च में डराने वाला खुलासा
चीन के वुहना से फैले कोरोना वायरस दुनियाभर में तांडव मचा रखा है। लेकिन इस जानलेवा वायरस को लेकर चीन पर कई आरोप लग रहे हैं। इस वायरस को लेकर चीन बार-बार झूठ बोल रहा है।
नई दिल्ली: चीन के वुहना से फैले कोरोना वायरस दुनियाभर में तांडव मचा रखा है। लेकिन इस जानलेवा वायरस को लेकर चीन पर कई आरोप लग रहे हैं। इस वायरस को लेकर चीन बार-बार झूठ बोल रहा है। पहले खबर आई थी कि चमगादड़ खाने से ये वायरस फैला है और अपने चमगादड़ पर रिसर्च की बात सामने आ रही है।
अब इन सब हंगामे के बीच अमेरिका ने चमगादड़ों या दूसरे जानवरों पर रिसर्च ना करने का फैसला ले लिया है। अमेरिका में ट्रंप की सरकार ने सभी वैज्ञानिकों को निर्देश जारी कर 'कोरोना काल' में चमगादड़ों या दूसरे जानवरों पर रिसर्च ना करने के निर्देश दिए हैं। तो वहीं अभी चीन का इस ऐसा कोई ऐसा फैसला सामने नहीं आया है।
यह भी पढ़ें...भारत के खिलाफ इतनी बड़ी साजिश! लग जाते लाशों के ढेर, साजिशकर्ता गिरफ्तार
अमेरिकी सरकार ने सभी संबंधित वैज्ञानिकों से कहा कि इस तरह के प्रोजेक्ट से वायरस इंसान से जानवरों में पहुंच सकता है और वायरस के प्रभावों को कम करने के प्रयासों पर संकट खड़ा हो सकता है जिसकी वजह से अमेरिका में हालात और भी खराब हो सकते हैं।
अब चीन में कोरोना वायरस पर एक नई स्टडी की गई है इसमें जो खुलासे हुए हैं वो पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं। अब तक हम आप यही जानते समझते थे कि कोरोना से बचने के लिए 6 फीट की दूरी ज़रूरी है, लेकिन चीन के नये रिसर्च के मुताबिक चीनी वैज्ञानिकों ने 13 फीट की दूरी को जरूरी माना है। मरीजों को होम क्वारंटाइन करने को भी गलत बताया है क्योंकि होम क्वारंटाइन से क्लस्टर संक्रमण फैलने का ख़तरा है।
यह भी पढ़ें...Google ने बनाया डॉक्टरों के लिए ख़ास Doodle, वीडियो में किया ऐसे शुक्रिया
चीन के हुओ शेंजेन अस्पताल में 19 फरवरी, 2 मार्च के दौरान रिसर्च के दौरान कुल 24 मरीज़ों को वार्ड में रखा गया था। वार्ड के फर्श और हवा के नमूनों की जांच की गई थी। जांच में पाया गया कि वायरस से भरे एयरोसोल को स्वस्थ व्यक्ति की ओर फेंका जाए तो उसका कंसन्ट्रेशन 13 फीट तक जाते–जाते कमजोर पड़ता है जिसे Downstream कहते हैं। लेकिन 8 फीट की दूरी तक ये बहुत प्रभावी होता है इसीलिए वैज्ञानिको ने 13 फीट दूरी को ज़रूरी माना है।
यह भी पढ़ें...लॉकडाउन: सरकारी समिति ने गृह मंत्रालय को दिए सुझाव, खोलें जाएं ये सेक्टर
अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि ये Ultrafine कण संक्रामक हैं? और WHO ने भी इसके जोखिम को कम करके आंका है, लेकिन अगर ये सच है तो यकीन मानिए खतरा अब और भी ज्यादा बढ़ गया है, हमें और भी ज्यादा सावधानी बरतनी होगी।