TRENDING TAGS :
मीट खाने से होता है कोरोना! यहां जानें अफवाह है या सच्चाई
कोरोना वायरस चीन के वुहान के मीट मार्केट से फैलना शुरू हुआ था। इस मार्केट में चिकन, सी फूड, मीट, शीप, सुअर और सांप जैसे जानवरों के मांस की बिक्री होती है। इस वजह से ही भारत में इस बात को लेकर अफवाह फैल गई कि नॉनवेज खाने से भी कोरोना वायरस फैल सकता है
नई दिल्ली: कोरोना वारयस की दहशत अब लगभग पूरे विश्व के देशों तक फ़ैल चुकी है। चीन के वुहान से फैला यह जानलेवा कोरोना वायरस अब भारत समेत 30 देश इससे प्रभाविठो चुके हैं। भारत में अब तक कोरोना के 28 केसों की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में अब कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सोशल मीडिया पर लोगों को नॉनवेज छोड़ने की भी सलाह दी जा रही है।
यह बड़ा सवाल कि नॉनवेज खाना सुरक्षित है?
गौरतलब है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान के मीट मार्केट से फैलना शुरू हुआ था। इस मार्केट में चिकन, सी फूड, मीट, शीप, सुअर और सांप जैसे जानवरों के मांस की बिक्री होती है। इस वजह से ही भारत में इस बात को लेकर अफवाह फैल गई कि नॉनवेज खाने से भी कोरोना वायरस फैल सकता है।
मीट ना खाने की सलाह
लोगों का कहना है कि ये वायरस जानवरों से लोगों तक पहुंच रहा है और इसी वजह से लोग मीट ना खाने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि अब तक इस बात को कोई प्रमाण नहीं मिला है कि कोरोना वायरस का जानवरों से कोई संबंध है या नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इन अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा है।
ये भी देखें: रक्षा मंत्री की खूबसूरत बहू, जानें आखिर करती हैं कौन सा काम
भारत में नॉनवेज खाना पूरी तरह सुरक्षित है बशर्ते वो पूरी साफ-सफाई से बनाया गया हो। किसी भी तरह का नॉनवेज कच्चा या अधपका नहीं होना चाहिए। अच्छी तरह से उबले और पके नॉनवेज में संक्रमण का कोई खतरा नहीं होता है। मीट लेते वक्त और पकाते वक्त हाईजीन का ध्यान रखना जरूरी है।
कोरोना बीयर ब्रांड की मांग कहा- नाम बदल कर ‘BudLightVirus’ किया जाय
सोशल मीडिया पर ये भी अफवाह है कि लोकप्रिय बीयर ब्रांड कोरोना की वजह से भी कोरोना वायरस फैल रहा है। ये बस एक संयोग है कि इस बीयर ब्रांड का भी नाम कोरोना है और इसका वायरस से कोई लेना देना नहीं है। लोग बस इनके नामों की वजह से इसे जोड़ कर देख रहे हैं।
ये भी देखें:महिला सशक्तिकरण के बारे में बोलने वाली मेनका गांधी ने मीडिया कर्मी को दिया ये जवाब
एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना बीयर ब्रांड ने इस वायरस का नाम बदल कर ‘BudLightVirus’ करने की मांग की थी और इसके लिए 15 मिलियन डॉलर का भी ऑफर किया था।