×

NASA के वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह पर मिली ऐसी-ऐसी चीजें, देखकर खुली रह गई आंखें

वैज्ञानिक लंबे समय से यह मानते आ रहे थे कि कभी पूरे लाल ग्रह पर पानी भरपूर मात्रा में बहता था। तीन अरब साल पहले जलवायु में आए बड़े बदलावों के कारण मंगल का नक्शा बदल गया।

Newstrack
Published on: 29 Sep 2020 5:07 AM GMT
NASA के वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह पर मिली ऐसी-ऐसी चीजें, देखकर खुली रह गई आंखें
X
स्विनबर्न विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर एलन डफी ने इसे बड़ी सफलता बताते हुए हुए कहा कि इससे जीवन के अनुकूल परिस्थितियों की संभावनाएं खुलती हैं।

वाशिंगटन: आज की सबसे बड़ी खबर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को लेकर आ रही है। नासा के वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह के मिशन में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। वैज्ञानिकों ने अपनी खोज में मंगल ग्रह पर पानी के स्रोत का पता लगा लिया है।

उन्हें मंगल ग्रह की जमीन के अंदर यानी नीचे तीन झीलें मिली हैं। नासा के वैज्ञानिकों को दो साल पहले भी मंग्रल ग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर एक बहुत बड़े नमकीन पानी वाली झील मिली थी। जो बर्फ के नीचे दबी है।

कहने का मतलब साफ है कि अब वह दिन भी दूर नहीं, जब इंसान मंगल ग्रह पर जाकर अपने रहने के लिए बस्तियां बसाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसइ) के स्पेसक्राफ्ट मार्स एक्सप्रेस ने 2018 में जिस जगह पर बर्फ के नीचे नमकीन पानी की झील का पता लगाया था।

Scientist नासा के वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर खोज करते हुए(फोटो: सोशल मीडिया)

2012 से 2019 के बीच 134 बार मानिटरिंग

इस झील को पुख्ता करने के लिए 2012 से 2015 तक मार्स एक्सप्रेस सैटेलाइट 29 बार उस क्षेत्र से गुजरा। वहां की फोटो भी खिंची। उसी इलाके के आसपास उसे इस बार फिर तीन और झीलें मिली हैं। इन तीन झीलों के लिए स्पेसक्राफ्ट को 2012 से 2019 के बीच 134 बार परखना पड़ा है।

इस बारे में रोम यूनिवर्सिटी की एस्ट्रोसाइंटिस्ट एलना पेटीनेली का कहना है कि हमने दो साल पहले खोजी गई झील के आसपास ही तीन और झीलों का पता लगा लिया हैं। मंगल ग्रह पर पानी के स्रोतों का बेहद दुर्लभ और जालनुमा ढांचा दिख रहा है। जिसे हम समझने का प्रयास कर रहे हैं। पहले के शोध में मंगल के धरातल पर तरल जल के संभावित निशान मिले थे।

उन्होंने ये भी बताया की मंगल एक सूखा और बंजर ग्रह नहीं है जैसा कि पहले सोचा जाता था। कुछ निश्चित परिस्थितियों में पानी तरल अवस्था में मंगल पर पाया गया है।

Nasa Man नासा के वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर खोज करते हुए(फोटो: सोशल मीडिया)

ये भी पढ़ें- कांग्रेस राज्य सरकारों की तैयारी, उठाने जा रहे ये कदम, मोदी सरकार की बढ़ी मुसीबत

खोजी गई झील मंगल ग्रह के दक्षिणी ध्रुप पर स्थित है

वैज्ञानिक लंबे समय से यह मानते आ रहे थे कि कभी पूरे लाल ग्रह पर पानी भरपूर मात्रा में बहता था। तीन अरब साल पहले जलवायु में आए बड़े बदलावों के कारण मंगल का नक्शा बदल गया।

गौरतलब है कि मंगल ग्रह की सतह पर पानी तरल अवस्था में पाया गया है। विज्ञान मैगजीन नेचर एस्ट्रोनॉमी में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। 2018 में खोजी गई झील मंगल ग्रह के दक्षिणी ध्रुप पर स्थित है।

यह मंगल ग्रह पर पाया गया अब तक का सबसे बड़ा जल निकाय है। यह बर्फ से ढंकी हुई है। यह तकरीबन 20 किलोमीटर चौड़ा है।

वहीं ऑस्ट्रेलिया के स्विनबर्न विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर एलन डफी ने इसे बड़ी सफलता बताते हुए हुए कहा कि इससे जीवन के अनुकूल परिस्थितियों की संभावनाएं खुलती हैं।

यह भी पढ़ें…Petrol Diesel Price: डीजल के दाम में भारी कटौती, फटाफट चेक करें रेट

Jheel झील की फोटो(सोशल मीडिया)

मंगल ग्रह पर उस जमाने में जरुर रही होगी दुनिया, मिले सबूत: नासा

इससे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने घोषणा की थी कि मंगल पर 2012 में उतरे खोजी रोबोट क्यूरियोसिटी को चट्टानों में तीन अरब साल पुराने कार्बनिक अणु मिले हैं। यह इस बात की ओर इशारा करती है कि उस जमाने में इस ग्रह पर जीवन होगा।

उन्होंने बताया की अमेरिकी रोबोट्स रोवर क्यूरियोसिटी और ESA के सैटेलाइट्स की वजह से यह जानकारी जुटाना आसान हो गया है कि मंगल पर किस जगह नमी है।

किस जगह सूखा है। रोवर्स ने पता लगाया है कि वहां हवा में कहीं अधिक आद्रता है। इस ग्रह की सतह की खोज में जुटे रोवर्स ने यह भी पाया है कि इसकी मिट्टी पहले लगाए गए अनुमानों से कहीं अधिक नरम है।

यह भी पढ़ें…मौत की इमारत: निकल रहीं लाशें ही लाशें, कई लोगों के फंसे होने की आशंका

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

न्यूजट्रैक के नए ऐप से खुद को रक्खें लेटेस्ट खबरों से अपडेटेड । हमारा ऐप एंड्राइड प्लेस्टोर से डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें - Newstrack App

Newstrack

Newstrack

Next Story