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कोरोना का भयंकर रूप: व्हाइट हाउस से जारी हुई चेतावनी, बड़ी संख्या में होंगी मौतें

व्हाइट हाउस के एक अनुमान के अनुसार यह बात सामने आई है कि कोरोना वायरस की महामारी से 1 लाख से 2. 40 लाख लोगों की जानें जा सकती हैं। वो भी तब जब सोशल डिस्टेंसिंग गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जाए।

SK Gautam
Published on: 1 April 2020 2:38 PM IST
कोरोना का भयंकर रूप: व्हाइट हाउस से जारी हुई चेतावनी, बड़ी संख्या में होंगी मौतें
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नई दिल्ली: अमेरिका में कोरोना वायरस का अब भयंकर रूप देखने को मिल रहा है। अब तक अमेरिका में 1,75,067 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं जो दुनिया भर में सबसे ज्यादा है। बता दें कि कोरोना से यूएस में मरने वालों का आंकड़ा 3800 के पार पहुंच गया है जबकि चीन में 3,309 लोग कोरोना से मरे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कुछ दिन पहले ही अमेरिका को आगाह किया था कि वह कोरोना संक्रमण का अगला केंद्र बन सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- आने वाले मुश्किल वक्त के लिए तैयार रहें

व्हाइट हाउस के एक अनुमान के अनुसार यह बात सामने आई है कि कोरोना वायरस की महामारी से 1 लाख से 2. 40 लाख लोगों की जानें जा सकती हैं। वो भी तब जब सोशल डिस्टेंसिंग गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जाए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अमेरिकियों को बेहद दर्दनाक वक्त के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, मैं हर अमेरिकी को आने वाले मुश्किल वक्त के लिए तैयार रहने के लिए कहना चाहता हूं। आने वाले दो हफ्ते बहुत ही भयावह होने वाले हैं।

बचने के सारे उपाय होने बाद भी 2.40 लाख लोगों की मौत

व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर देश में रोकथाम के प्रयास जारी रहें तो भी एक लाख से 2.40 लाख लोगों की मौत की आशंका दिख रही है। व्हाइट हाउस कोरोना वायरस टास्कफोर्स में शामिल डॉ. डेबोरा बिर्क्स ने मीडिया से बातचीत में कहा, तमाम मॉडलों से ये आशंका बन रही है कि अगर महामारी को रोकने के लिए कोई उपाय ना किए जाएं तो सबसे बुरी स्थिति में 15 से 22 लाख मौतें हो सकती हैं।

हालांकि, लॉकडाउन और सोशल डिस्टैंसिंग जैसे कदम लागू करने पर मौत के डरावने आंकड़े को कम किया जा सकता है। डेबोरा ने इस बात पर जोर दिया कि अगर लोग अपना रवैया सुधार लें तो मौत की तादाद और घट सकती है।

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न्यू यॉर्क और न्यू जर्सी में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले

उन्होंने बताया कि 48 राज्यों की तुलना में न्यू यॉर्क और न्यू जर्सी में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सोशल डिस्टैंसिंग बाकी राज्यों में महामारी को फैलने से रोक सकता है। रोकथाम के शुरुआती कदमों के बाद कैलिफोर्निया और वॉशिंगटन में बीमारी फैलने की रफ्तार कम हुई है। इससे हमें थोड़ी सी उम्मीद नजर आई है। लोग ही हैं जो इसे रोकने में हमारी मदद कर सकते हैं। यहां कोई जादुई छड़ी नहीं है, ना ही कोई जादुई वैक्सीन या थेरेपी। ये केवल हमारा व्यवहार ही है जो इसे रोक सकता है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी ऐंड इन्फेक्शियस डिसीजेस के डायरेक्टर डॉ। एंथनी फाउची से सवाल किया गया कि क्या अमेरिकी देश में वायरस से एक लाख लोगों की मौत के लिए तैयार हो पाएंगे तो उन्होंने जवाब दिया, हां, आंकड़ा जितना गंभीर है, उसे देखते हुए हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए। मुझे लगता है कि जितना ज्यादा हम रोकथाम के उपायों पर जोर देंगे, उतना ही ये नंबर कम होता जाएगा।।। हमें पूरी तरह से यकीन है कि ये ट्रिक हमारे लिए असरदार साबित होने वाली है।

आने वाले दिनों में हालात और खराब होने वाले हैं

डॉ. फाउची ने कहा, आने वाले दिनों में हालात और खराब होने वाले हैं। लेकिन इससे हम हतोत्साहित नहीं होंगे क्योंकि रोकथाम के उपाय काम कर रहे हैं। अभी हम कोरोना के सबसे बुरे असर से गुजर रहे हैं इसलिए सबसे पहले हम इसकी रफ्तार को धीमा करने की कोशिश करेंगे।

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इससे पहले ट्रंप ने ईस्टर से अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की बात कही थी। हालांकि, रविवार को ट्रंप को सोशल डिस्टैंसिंग की गाइडलाइन 30 अप्रैल तक के लिए आगे बढ़ानी पड़ी। ट्रंप शुरुआत में कोरोना वायरस की तुलना सामान्य फ्लू से कर रहे थे। चीन से आ रहीं रिपोर्ट्स को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कई बार ट्रंप को आगाह किया लेकिन ट्रंप ने अनदेखी की। ट्रंप ने खुद का बचाव करते हुए कहा, मुझे नहीं लगता है कि किसी डॉक्टर को उस वक्त इस बीमारी के खतरे का अंदाजा था। लोगों ने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं देखा था।

ट्रंप ने किया खुद का बचाव

ट्रंप ने खुद का बचाव करते हुए कहा कि अगर उन्होंने तमाम कदम ना उठाए होते तो अनुमान के मुताबिक 22 लाख मौतें हो सकती थीं। अमेरिका में हर जगह लोग मरते हुए नजर आते। ट्रंप ने कहा, तब आप एरोप्लेन, होटल की लॉबी हर तरफ मौतें देखते। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, मॉडलों को देखा जाए तो एक लाख मौतें बहुत ही कम संख्या है। हालांकि, उन्होंने इस आंकड़े को भी भयावह बताया।



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