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होगी हेल्थ इमरजेंसी लागू! कोरोना वायरस पर WHO करेगा बड़ी बैठक
चीन में कोरोना वायरस की मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। दुनिया के कई देशों में इसके पहुंचने के बाद अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमन आपात समिति की आज बैठक की जाएगी।
जिनेवा: चीन में कोरोना वायरस की मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। दुनिया के कई देशों में इसके पहुंचने के बाद अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमन आपात समिति की आज बैठक की जाएगी। आपको बता दें कि कोरोना वायरस की चपेट में आने से अब तक 169 लोगों की मौत हो चुकी है।
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WHO के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने ट्वीट करते हुए बताया कि, इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि इस वायरस के फैलते संक्रमण को स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया जाए या नहीं। वैसे तो कोरोनावायरस के सिर्फ एक प्रतिशत मामले चीन से बाहर पाए गए हैं। उनमें भी ज्यादातर लोग या तो चीन की यात्रा कर लौटे थे या चीन की यात्रा करने वाले लोगों के संपर्क में आए थे। लेकिन चीन से बाहर के तीन देशों में कुछ ऐसे मामले भी हैं, जिनमें वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचा है।
खास बात ये है कि WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस, जो इस हफ्ते चीन की यात्रा पर गए थे और वहां उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। उन्होंने अब कहा है कि चीन के बाहर हो रहे कोरोना वायरस के प्रसार के लिए मीटिंग जरूरी हो गई है।
पांच में से एक मामला है गंभीर
टेड्रोस ने ट्विटर पर लिखा, मैंने नए कोरोनावायरस के प्रसार को लेकर इंटरनेशनल हेल्थ रेग्युलेशंस इमरजेंसी कमेटी की बैठक कल फिर से बुलाने का फैसला किया है।" उन्होंने कहा कई लोग जो वायरस के संपर्क में आते हैं उनके अंदर हल्के-फुल्के लक्षण देखने को मिलते हैं लेकिन पांच में से कम से कम एक के अंदर बीमारी के जबरदस्त लक्षण, जैसे निमोनिया और सांस की समस्या देखने को मिली है। 31 दिसंबर को पहली बार इसे पहचाने जाने के बाद से इस वायरस से अब तक 169 लोगों की मौत हो चुकी है और ये वायरस अब तक एक दर्जन से अधिक देशों में फैल चुका है। इस वाइरस की शुरूआत चीन के वुहान शहर से हुई है।
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पिछली रिपोर्ट में हो गई थी बड़ी गलती
जर्मनी और जापान दोनों ने ही अपने देशों में इंसानों इसी प्रसार के मामलों के बारे में बताया था। WHO की इमरजेंसी कमेटी की मुलाकात पिछले हफ्ते हुई थी लेकिन उस टाइम इस वायरस को अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य इमरजेंसी कहे जाने से पहले ही रोक दिया गया था। ऐसा कहा गया था कि इसके लिए वायरस के बारे में और जानकारी जरूरी है। टेडरोस ने इस मामले में ये भी कहा है कि WHO को पिछले हफ्ते की अपनी रिपोर्ट्स को लेकर भी बहुत दुख है। जिनमें अंतरराष्ट्रीय खतरे को 'अधिकतम' के बजाए 'मध्यम' कहा गया था।