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वुहान की हालत देख WHO ने कहा- सोशल डिस्टेंसिंग खत्म की तो फिर लौटेगा कोरोना

लंदन के Imperial College में भी कोरोना पर रिस्पॉन्स टीम ने अनुसार कोरोना भी चरणों में आ सकता है, जैसे दूसरी महामारियां आई थीं। माना जा रहा है कि वुहान ने सोशल डिस्टेंसिंग खत्म की है तो वहां भी वायरस अगस्त में आ सकता है जो अक्टूबर में पीक पर होगा।

SK Gautam
Published on: 30 April 2020 3:29 PM IST
वुहान की हालत देख WHO ने कहा- सोशल डिस्टेंसिंग खत्म की तो फिर लौटेगा कोरोना
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नई दिल्ली: कोरोना से लोगों को बचाने के लिए टीके की खोज में पूरी दुनिया के वैज्ञानिक लगे हुए हैं। इसी के साथ लॉकडाउन भी लगाया गया है। हफ्तों की बंदी के बाद कई देश धीरे-धीरे इसे खोलने की तैयारी में हैं। लेकिन बंदी खत्म होने के बाद भी चीन के वुहान शहर की हालत ख़राब है। ये वही शहर है, जहां से पूरी दुनिया में कोरोना फैला। शहर के हाल से साफ हैं कि ये कोरोना संकट की सिर्फ शुरुआत है। बता दें कि पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 32 लाख पार कर चुका है, वहीं 2 लाख 25 हजार से ज्यादा जानें जा चुकी हैं।

क्या पहले जिस सब कुछ हो पायेगा?

दिसंबर में कोरोना की जब शुरुआत हुई तो वुहान में इसे फ्लू ही समझा गया। लेकिन जल्दी ही ऐसे मामलों की संख्या बढ़ने पर पता चला कि ये कोई नया संक्रमण है जो फ्लू से खतरनाक है। आनन-फानन यहां 23 जनवरी को लॉकडाउन का एलान किया गया जो 8 अप्रैल को खुला। इसके बाद भी यहां मामले पूरी तरह से खत्म नहीं हुए। यही वजह है कि लॉकडाउन हटने के बाद भी सारी दुकानें नहीं खुलीं। जो रेस्त्रां खुले, उनमें टेकअवे यानी खाना पैक कराके ले जाने की मनाही है। लोग बिना मास्क के बाहर नहीं निकल सकते और निकलने पर भी सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना जरूरी है।

लॉक डाउन खुलने के बाद भी जीरो प्रॉफिट पर व्यापारी

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि बंदी हटने के बाद से वे जीरो प्रॉफिट पर हैं और तब भी दुकान का किराया देना पड़ रहा है। सीएनएन से बात करते हुए वुहान के अर्थशास्त्री लैरी ह्यू ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से लंबे समय तक शहर को नुकसान झेलना पड़ सकता है, शायद तीन सालों तक हालात ऐसे ही रहें।

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रातोंरात हालात बदल गए

लगभग 11 मिलियन की आबादी वाला ये शहर वैसे तो अमेरिका के ज्यादातर स्टेट्स से बड़ा है लेकिन चीन के भीतर ये टू-टियर शहर कहलाता है। हुबई प्रांत में बसा ये शहर पूरे देश के लिए मैन्युफैक्चरिंग और ट्रांसपोर्टेशन का केंद्र है। कोरोना के मामले बढ़ने के साल शहर को तो लॉकडाउन किया ही गया, साथ ही इसे पूरे चीन से काट दिया गया। शहर की सीमाएं सील रहीं। रातोंरात हालात बदल गए और लोग राशन-दूध के लिए सरकारी मदद पर निर्भर हो गए। अब लॉकडाउन खुलने के साथ शहर के प्रशासन पर दबाव है कि वो सबकुछ सामान्य करे। ज्यादा दबाव बीजिंग की ओर से आ रहा है क्योंकि मैन्युफैक्चिरिंग हब होने के कारण वुहान के लॉकडाउन का पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा था।

क्या कहते हैं विशेषज्ञों

एक्सपर्ट लॉकडाइन का फैसला देने में हुई देरी को भी चरमराई इकनॉमी की वजह बता रहे हैं। जैसे कि के एशिया पैसिफिक अर्थशास्त्री शौन रॉअचे कहते हैं कि वुहान की हालत देखते हुए दूसरे देशों को सबक मिला कि जल्दी लॉकडाउन थोड़े समय के लिए अर्थव्यवस्था पर असर डाल सकता है लेकिन यही सही है। इसके बाद रीओपनिंग आसान हो जाती है। ये भी माना जा रहा है कि लॉकडाउन के कारण छोटे और मध्यम साइज के बिजनेस पर ज्यादा असर होगा क्योंकि इसके बाद रिकवरी के लिए उनके पास पर्याप्त क्रेडिट नहीं होता है। ऐसे में दुकानें खुल भी जाएं तो मांग पर पूरी नहीं उतर पाती हैं।

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कोरोना के दोबारा हमले का डर

हालांकि अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए सरकार ने वादा किया कि सरकारी संस्थानों से अगले 3 महीनों के लिए किराया नहीं लिया जाएगा। लेकिन इससे प्राइवेट काम कर रहे लोगों को कोई फायदा नहीं। यही वजह है कि अब भी आधे से ज्यादा दुकानें बंद पड़ी हुई हैं। इनमें रेस्त्रां के अलावा जिम और सिनेमा हॉल भी शामिल हैं। दुकानों के न खुलने या लोगों के बाहर न निकलने की एक वजह ये भी है कि उन्हें कोरोना के दोबारा हमले का डर है। एक वक्त पर वायरस से बुरी तरह से प्रभावित हो चुके इस शहर में कोरोना के इक्का-दुक्का मामले आ भी रहे हैं। साथ ही चीन के दूसरे हिस्सों में कोरोना संक्रमण दिख रहा है। हालांकि चीन इसे अब फॉरेन वायरस की तरह देख रहा है। उसका दावा है कि सारे मामले विदेश से चीन आए या आ रहे लोगों से फैल रहा है।

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साल 1918 में फैले स्पैनिश फ्लू एक के बाद एक करके तीन बार लौटी थी

कोरोना के संक्रमण पर WHO ने 20 अप्रैल की चेतावनी दी थी कि इस वायरस का सबसे घातक रूप दिखना अभी बाकी है। WHO प्रमुख Tedros Adhanom Ghebreyesus ने साल 1918 में फैले स्पैनिश फ्लू से इसकी तुलना करते हुए कहा कि वो बीमारी एक के बाद एक करके तीन बार लौटी थी। जैसे ही लोग असावधान होंगे, कोरोना का घटता कहर फिर लौटेगा और ज्यादा प्रभावी होकर लौटेगा। लंदन के Imperial College में भी कोरोना पर रिस्पॉन्स टीम ने अनुसार कोरोना भी चरणों में आ सकता है, जैसे दूसरी महामारियां आई थीं। माना जा रहा है कि वुहान ने सोशल डिस्टेंसिंग खत्म की है तो वहां भी वायरस अगस्त में आ सकता है जो अक्टूबर में पीक पर होगा।



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