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Intellectual Property Day: बौद्धिक संपदा अधिकार मानव मस्तिष्क के विचारों से उत्पन्न एक उपज है,जानिए इसका इतिहास, महत्त्व
World Intellectu7al Property Day 2023: विश्व बौद्धिक संपदा दिवस की स्थापना विश्व आर्थिक संपदा संगठन द्वारा वर्ष 2000 में इस बारे में जागरूकता बढ़ाने और पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, डिजाइन दैनिक जीवन पर कैसे प्रभाव डालते हैं जानने के लिए मनाया जाता है|
World Intellectual Property Day 2023: विश्व बौद्धिक संपदा दिवस की स्थापना विश्व आर्थिक संपदा संगठन द्वारा वर्ष 2000 में इस बारे में जागरूकता बढ़ाने और पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, डिजाइन दैनिक जीवन पर कैसे प्रभाव डालते हैं जानने के लिए मनाया जाता है|। प्रत्येक वर्ष वैश्विक स्तर पर 26 अप्रैल को विश्व बौद्धिक संपदा दिवस नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देने में बौद्धिक संपदा अधिकारों के महत्त्व के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।
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विश्व बौद्धिक संपदा दिवस का इतिहास
विश्व बौद्धिक संपदा दिवस के विश्व बौद्धिक संपदा संगठन द्वारा वर्ष 2000 में स्थापित किया गया था। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट संस्था है। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन का उद्देश्य संतुलित और सुलभ अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा प्रणाली विकसित करना है जो सार्वजनिक हितों की रक्षा करते हुए आर्थिक विकास की ओर योगदान करती है, नवाचार को प्रोत्साहित करती है और रचनात्मकता को पुरस्कृत करती है। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के कुछ सदस्यों ने 26 अप्रैल को विश्व बौद्धिक संपदा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा कर दी क्योंकि 1970 में इसी दिन विश्व बौद्धिक संपदा संगठन कॉन्वेंशन लागू हुआ था।
विश्व बौद्धिक संपदा दिवस का महत्त्व
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन एक विशेष संस्था होने के कारण युवा आविष्कारों उद्यमियों को अपने लक्ष्य प्राप्त करने, आय उत्पन्न करने, रोजगार पैदा करने और राष्ट्रीय विकास का पूर्ण समर्थन करता है। यह स्थानीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए बौद्धिक संपदा का उपयोग करने में मदद करने में एक अहम भूमिका निभाता है।
विश्व बौद्धिक संपदा दिवस की थीम
विश्व बौद्धिक संपदा दिवस 2023 के लिए महिला और आईपी नवाचार और रचनात्मकता में तेजी लाना थीम को चुना गया है।
विश्व बौद्धिक संपदा का उपयोग
बौद्धिक संपदा अधिकार मानसिक रचनाएं कलात्मक और वाणिज्यिक दोनों के इस संदर्भ में विशेष अधिकारों के समूह है। प्रथम अधिकार सभी को कॉपीराइट कानून से अवगत कराता है जैसे पुस्तक, फ़िल्म छायाचित्र, पेंटिंग, संगीत और सॉफ़्टवेयर को संरक्षण प्रदान करता है।
दूसरी श्रेणी औद्योगिक संपत्ति के रूप में मानी जाती है क्योंकि इनका उपयोग औद्योगिक या वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए किया जाता है।
भारत में बौद्धिक संपदा अधिकार की ख़ामियाँ
• भारत में सर्वप्रथम वर्ष 1911 में भारतीय पेटेंट और डिजाइन अधिनियम बनाया गया था। स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1970 में पेटेंट अधिनियम दोबारा बना और इसे वर्ष 1972 से लागू किया गया। इस अधिनियम के अन्तर्गत पेटेंट संशोधन अधिनियम 2002 और पेटेंट संशोधन अधिनियम 2005 द्वारा संशोधन किए गए हैं।
• वर्ष 2005 से भारत ने दवाओं पर भी पेटेंट देना शुरू कर दिया है। भारतीय पेटेंट मुख्यालय का कार्यालय कोलकाता में है।
• वर्ष 2005 में जब भारतीय पेटेंट अधिनियम में विश्व व्यापार संगठन की आशाओं के अनुरूप संशोधन किये गए तो पेटेंट,डिजाइन, ट्रेडमार्क के समक्ष पेटेंट के लिए 56,000 से भी अधिक आवेदन पड़े हुए थे।