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2021 में तबाह दुनिया: आएगा ऐसा भयानक बवंडर, जानें ये दावा सच या अफवाह

माया सभ्यता के कैलेंडर को आधार बनाते हुए 21 दिसंबर 2012 के दिन दुनिया का अंत होने की भविष्यवाणी की गई थी। ऐसा कहा गया था कि ऐसा महाप्रलय आएगा कि धरती पर कुछ नहीं बचेगा। अब ऐसा ही माहौल 2021 के लिए भी बनाया जा रहा है।

Shreya
Published on: 28 Dec 2020 11:25 AM GMT
2021 में तबाह दुनिया: आएगा ऐसा भयानक बवंडर, जानें ये दावा सच या अफवाह
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2021 में तबाह दुनिया: आएगा ऐसा भयानक बवंडर, जानें ये दावा सच या अफवाह

नई दिल्ली: जहां अभी दुनिया कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से उभरी भी नहीं है कि वहीं इस बीच साल 2021 में प्रलय आने और महातबाही होने जैसी खबरें सामने आने लगी हैं। यहां तक ऐसा भी कहा जा रहा है कि 2021 में दुनिया का अंत हो जाएगा। बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है, जब दुनिया के खत्म होने की बात कही गई हो। बल्कि इससे पहले भी कई बार दुनिया खत्म होने की अफवाहें फैलाई जा चुकी हैं।

21 दिसंबर 2012 को दुनिया के खत्म होने की भविष्यवाणी

इससे पहले साल 2012 में 21 दिसंबर के दिन भी कयामत आने की बात कही गई थी। करीब साढ़े तीन हजार साल पुरानी एक सभ्यता का कैलेंडर दिखाकर दहशत का ऐसा माहौल बनाया गया, जिसे पूरी दुनिया ने सच मान लिया था। दरअसल, ईसा मसीह के जन्म से करीब 1500 साल पहले मैक्सिको और अमेरिका में एक माया सभ्यता के कैलेंडर को विकसित किया गया था, जिसमें 21 दिसंबर 2012 के आगे की कोई तारीख ही नहीं थी। जिसको आधार बनाते हुए ढिंढोरा पीटा गया कि 21 दिसंबर 2012 के दिन दुनिया का अंत हो जाएगा।

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माया सभ्यता के कैलेंडर के हिसाब से की गई भविष्यवाणी

ऐसी अफवाह थी कि 21 दिसंबर 2012 के दिन ऐसा महाप्रलय आएगा कि धरती पर कुछ नहीं बचेगा। पूरी दुनियाभर में इस बात का खौफ भी देखने को मिला। लेकिन माया कैलेंडर की भविष्यवाणी झूठी साबित नहीं हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, माया सभ्यता के विद्वान अंतरिक्ष विज्ञान का भी ज्ञान रखते थे, लेकिन यह पूरी सभ्यता 800 एडी के आसपास ही खत्म हो गई थी। माया सभ्यता के कैलेंडर को ही आधार बनाकर 2012 में धरती पर प्रलय आने की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन यह सच साबित नहीं हुई।

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एक युग के खत्म होने की थी तारीख

कहा जाता है कि 21 दिसंबर 2012 मानव सभ्यता के खत्म होने की तारीख नहीं थी, बल्कि यह एक चक्र या युग के खत्म होने की तारीख थी। गोल पत्थर पर खुदे इस कैलेंडर में आगे की तारीखों के लिए जगह ही नहीं बची थी, इसलिए आगे किसी भी तारीख का जिक्र ही नहीं किया गया। बता दें कि 21 दिसंबर 2012 को 13वां बक्तून खत्म हुआ। फिर अगले ही दिन 14वां बक्तून शुरू हो गया। इस पर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया, इसलिए दुनिया के खत्म होने की भविष्यवाणियां कर दी गईं।

अब फिर से बनाया जा रहा डर का माहौल

हालांकि माया सभ्यता के कैलेंडर को लेकर ये भी दावा किया गया कि कोरोना वायरस महामारी के बीच 21 जून 2020 को दुनिया का अंत हो जाएगा। लेकिन ये भी तारीख गुजर गई और दुनिया सही सलामत है। अब एक बार फिर ऐसी ही अफवाहें फैलाई जाने लगी हैं। एक बार फिर 2021 को लेकर ऐसा ही माहौल बनाया जा रहा है।

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