Aligarh News: मणिपुर हिंसा में फंसे यूपी के कई छात्र, सीएम योगी से बचाने की गुहार

Aligarh News: मणिपुर में हिंसा की आग में यूपी और बिहार के छात्र फंसे हैं। जो मदद की गुहार लगा रहे हैं। यूपी और बिहार के करीब 100 से अधिक छात्र मणिपुर में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में विभिन्न कोर्सों में पढ़ाई कर रहे हैं।

Update:2023-05-07 19:23 IST
सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो: सोशल मीडिया)

Aligarh News: मणिपुर में हिंसा की आग में यूपी और बिहार के छात्र फंसे हैं। जो मदद की गुहार लगा रहे हैं। यूपी और बिहार के करीब 100 से अधिक छात्र मणिपुर में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में विभिन्न कोर्सों में पढ़ाई कर रहे हैं। करीब 25 से अधिक छात्र यूपी के विभिन्न जिलों के इसमें शामिल हैं। जो अपनी जान का खतरा बता रहे हैं। अलीगढ़ के एक छात्र की अपने परिजनों से फोन पर बात हुई। उसने वहां की पूरी त्रासदी बयान की।

किसी भी तरह यूपी वापस आना चाहते हैं छात्र

अलीगढ़ के छात्र के परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक वहां फंसे छात्र किसी भी तरह वापस अपने राज्य यूपी लौटना चाहते हैं। नाम न छापने की शर्त पर उस छात्र के परिजनों ने बताया कि डरे हुए छात्र एनआईटी के हॉस्टल में रह रहे हैं। जहां हॉस्टल के प्रबंध तंत्र ने उन्हें घर जाने के लिए कह दिया है। वहां भोजन का इंतजाम भी बहुत मुश्किल से हो पा रहा है। पिछले पांच दिनों से सेंटर पर इंटरनेट बंद है। पीने के लिए पानी भी बमुश्किल ही मिल पा रहा है। सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के कुछ जवान हैं। लेकिन रात में घटनाएं हो रही हैं। छात्र ने अपने परिजनों को जानकारी दी कि मणिपुर एनआईटी में गाजियाबाद, गोरखपुर, महोबा, आगरा, गोण्डा, लखनऊ, अलीगढ़ आदि जिलों के कुछ छात्र फंसे है। जो यूपी सरकार से मदद मांग रहे हैं।

ये है मणिपुर का पूरा मामला

दरअसल, मणिपुर में मेइती और कुकी व नागा समुदाय में जातीय विवाद है। बहुसंख्यक मेईती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का कुकी और नागा विरोध कर रहे हैं। कुकी और नागा समुदाय को आजादी के बाद से ही आदिवासी का दर्जा मिला हुआ है। वहीं रिजर्व फॉरेस्ट एरिया से ग्रामीणों को निकालने के अभियान पर भी नाराजगी है। मणिपुर में पिछले कई दिनों से जातीय हिंसा भड़की है। जिससे लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं। आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट और हत्या से स्थिति भयावह है। इंटरनेट बंद है। उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। हजारों लोग अपना घर छोड़ पड़ोसी राज्य असम, उड़ीसा में पलायन कर चुके हैं। नार्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों में भी यहां फंसे लोग पलायन कर रहे हैं। मणिपुर सरकार हालात पर नजर बनाए हुए। बड़ी तादाद में आर्मी और असम राइफल्स के जवान तैनात किए गए हैं।

छात्रों ने बताई हकीकत

अलीगढ़ के एक छात्र ने अपने परिजनों को फोन पर बताया कि एनआईटी मणिपुर में यूपी और बिहार के छात्र फंसे हैं। इलाके में मेइती, कुकी व नागा समुदाय एक दूसरे के घर जला रहे हैं। हमला कर रहे हैं। आगजनी हो रही हैं। परिजनों ने बताया कि छात्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हिंसा का केंद्र चुराचंदपुर है। जो इंफाल के दक्षिण में स्थित है। लेकिन पूरे मणिपुर में जातीय हिंसा की आग सुलग रही है। मीडिया रिपोर्ट्स भी इस बात की तस्दीक करती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में एक छात्र राजवीर ने बताया कि एनआईटी में पीने लायक पानी की किल्लत है। यूपी के गोंडा के रहने वाले छात्र राजवीर ने बताया कि बाहर निकलने पर भारी खतरा है। हॉस्टल में खाने-पीने का इंतजाम भी बहुत कम है। एक छात्र को दिन भर में एक लीटर बोतल पानी दिया जाता है। एनआईटी के हॉस्टल प्रबंधन ने खाना देने से मना कर दिया है। राजवीर ने बताया कि यूपी के अभय प्रताप, गौरव, प्रतीक, शिवा, मानव आदि 25 छात्र वापस यूपी लौटना चाहते हैं। छात्रों ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि मणिपुर में हिंसा से यूपी के छात्रों को बाहर निकाला जाए। छात्र जितेंद्र ने बताया कि हालात पिछले 10 दिन से खराब हैं। छात्रों ने यूपी सरकार से मदद की अपील की है।

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