Assam: बिहू पर ऐतिहासिक कार्यक्रम की तैयारी, 11 हजार कलाकार बनाएंगे विश्व रिकॉर्ड, पीएम नरेंद्र मोदी भी रहेंगे मौजूद
Assam: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वास सरमा का कहना है कि बिहू के मौके पर अभी तक असम में इतना बड़ा कार्यक्रम कभी आयोजित नहीं किया गया। ऐसा पहली बार होगा जब एक ही स्थान पर 11 हजार कलाकार एक साथ नृत्य के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
Assam: असम में इस बार रोंगाली बिहू समारोह की जोरदार तैयारियां की जा रही हैं। 14 अप्रैल को गुवाहाटी में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। दरअसल, इस समारोह के अंतर्गत आयोजित होने वाले नृत्य के कार्यक्रम में 11 हजार कलाकार एक साथ हिस्सा लेंगे। इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए काफी दिनों से तैयारियां चल रही हैं। गुवाहाटी के केसुरसजाई इंदौर स्टेडियम में आयोजित होने वाले इस भव्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे।
इस कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए कई राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को भी समारोह में आमंत्रित किया गया है। जी 20 और आसियान देशों के प्रतिनिधियों को भी असम सरकार की ओर से न्योता भेजा गया है। बिहू के मौके पर अभी तक इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ था और यही कारण है कि इस कार्यक्रम को लेकर काफी कौतूहल बना हुआ है।
पहली बार 11 हजार कलाकार लेंगे हिस्सा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वास सरमा का कहना है कि बिहू के मौके पर अभी तक असम में इतना बड़ा कार्यक्रम कभी आयोजित नहीं किया गया। ऐसा पहली बार होगा जब एक ही स्थान पर 11 हजार कलाकार एक साथ नृत्य के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। दरअसल असमिया नववर्ष की शुरुआत के मौके पर 14 व 15 अप्रैल को असम, मणिपुर बंगाल और कुछ अन्य इलाकों में रोंगाली बिहू मनाया जाता है।
असम में बिहू का त्योहार साल में तीन बार मनाया जाता है। जनवरी महीने के दौरान भोगली बिहू का आयोजन किया जाता है। उसके बाद अप्रैल महीने के दौरान रोंगाली बिहू का कार्यक्रम आयोजित होता है जबकि अक्टूबर महीने के दौरान कोंगाली बिहू का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इन सभी कार्यक्रमों का आयोजन फसल चक्र के आधार पर किया जाता है और असम में इन कार्यक्रमों की काफी ज्यादा मान्यता है।
लोकनृत्य में हिस्सा लेंगी 70 फ़ीसदी महिलाएं
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि हजारों कलाकारों के लोकनृत्य का कार्यक्रम 15 मिनट का ही है मगर इसके लिए तैयारियां लंबे समय से की जा रही हैं। इतनी ज्यादा संख्या में कलाकारों का एक साथ कार्यक्रम आयोजित करना काफी मुश्किल काम है और इसीलिए तैयारियों में काफी वक्त लगा है। लोकनृत्य के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में 70 फ़ीसदी महिलाएं हिस्सा लेंगी जबकि 30 फ़ीसदी पुरुष कलाकार भी शामिल होंगे।
कार्यक्रम के दौरान ढोल, ताल, गोगोना, पीपा, टोका और जुतुली जैसे वाद्य यंत्रों की मदद ली जाएगी। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की मदद से कलाकारों का चयन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे। पीएम मोदी के अलावा कई अन्य वीवीआईपी भी इस कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहेंगे।
काफी दिनों से चल रही हैं तैयारियां
पूरे कार्यक्रम का संयोजन कर रहे रंजीत गोगोई ने कहा बताया कि कार्यक्रम की तैयारियों के लिए फरवरी महीने के दौरान ही एक मॉडल वीडियो तैयार कराया गया था। इसके बाद असम के सभी जिलों में एक-एक मास्टर को ट्रेनिंग दी गई। मार्च महीने के अंतिम हफ्ते के दौरान सभी जिलों में पांच दिनों की वर्कशॉप का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि इस बड़े कार्यक्रम की काफी दिनों से तैयारियां चल रहे हैं और हमें उम्मीद है कि हम इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने में कामयाब होंगे