कुंडली में शनि का ये स्थान, जातक को बनाता है लालची, जानें और भी बात...
जातक की कुंडली में शनि जिस भाव में है, उसकी स्थिति के अनुसार जीवन में सुख-दुख मिलते हैं। जानिए कुंडली में शनि की स्थिति के अनुसार जातक के लिए ग्रह शुभ है या अशुभ…...
जयपुर: विवाह का मांगलिक प्रसंग हो या परिवार में नन्हे मेहमान के आगमन की खुशी, भारतीय परिवारों में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ही सभी कार्य संपन्न होते हैं वैदिक ज्योतिष में 9 ग्रह हैं जिन्हें नवग्रह कहा जाता है। इसमें सूर्य और चंद्रमा को भी ग्रह माना जाता है। इसके अलावा मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि और राहु-केतु भी इनमें शामिल हैं। हालाँकि राहु और केतु ग्रह को छाया ग्रह कहा जाता है। हर का जातक की कुंडली में महत्व होता है। अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ता है। इसी क्रम में जातक की कुंडली में शनि जिस भाव में है, उसकी स्थिति के अनुसार जीवन में सुख-दुख मिलते हैं। जानिए कुंडली में शनि की स्थिति के अनुसार जातक के लिए ग्रह शुभ है या अशुभ…...
शनि अशुभ फल
*शनि जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि प्रथम भाव में है, वह व्यक्ति सुखी जीवन जीने वाला होता है। अगर इस भाव में शनि अशुभ फल देता है तो व्यक्ति रोगी, गरीब और गलत काम करने वाला हो सकता है।
लालची व विदेश से धन लाभ
* जातक के लिए दूसरे भाव में शनि हो तो व्यक्ति लालची हो सकते हैं। ऐसे लोग विदेश से धन लाभ कमाने होते हैं।
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व्यक्ति संस्कारी
*कुंडली में शनि तृतीय भाव में हो तो व्यक्ति संस्कारी, सुंदर शरीर वाला थोड़ा आलसी होता है।
बीमार और दुखी
*चतुर्थ भाव में शनि जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि चतुर्थ भाव में है, वह जीवन में अधिकतर बीमार और दुखी रहता है।
परेशानी हावी
*जब शनि कुंडली में पंचम भाव का शनि हो तो व्यक्ति दुखी रहता है और दिमाग से संबंधित कामों में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
खाने का शौकीन
*जब शनि व्यक्ति की कुंडली के छठे भाव में है, वह जातक सुंदर, साहसी और खाने का शौकीन होता है।
बीमारियों से परेशान
*सप्तम भाव में शनि सप्तम भाव का शनि होने पर व्यक्ति बीमारियों से परेशान रहता है। गरीब का सामना करता है लोगों के वैवाहिक जीवन में अशांति रहती है।
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सफलता आसान नहीं
*अष्टम भाव में शनि होने पर व्यक्ति किसी भी काम में आसानी से सफल नहीं हो पाता है। जीवन में कई बार भयंकर उतार-चढ़ाव आते हैं।
पैसों की कमी
*ऐसा व्यक्ति जिसकी कुंडली में नवम भाव में शनि है, धर्म-कर्म में विश्वास नहीं करता है। इनके जीवन में अधिकतर पैसों की कमी बनी रहती है।
धन सम्मान
*दशम भाव में शनि होने पर व्यक्ति धनी, धार्मिक होता है। ऐसे लोगों को नौकरी में कोई ऊंचा पद मिलता है।
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कल्पनाशील
*शनि जिसकी कुंडली के ग्याहरवें भाव में शनि है, वह लंबी आयु वाला, धनी, कल्पनाशील, स्वस्थ इन्हें सभी सुख मिलते हैं।
शांत मन वाला
*द्वादश भाव में शनि बाहरवें भाव में शनि होने पर व्यक्ति अशांत मन वाला होता है।