Mahashivaratri 2021: शिवरात्रि पर बन रहा ये शुभ योग, इस तरह करें हर बाधा शांत

शिव योग में जो भी धर्म-कर्म मांगलिक अनुष्ठान आदि कार्य करेगा। उसका संकल्पित कार्य कभी भी बाधित नहीं होगा। उसके कार्य का सुपरिणाम कभी निष्फल नहीं रहेगा, इसीलिए इस योग के किये गए शुभकर्मों का फल अक्षुण रहता है।

Update:2021-03-06 08:39 IST
Mahashivaratri 2021: महाशिवरात्रि पर बना रहा अतिशुभ योग, इस तरह करें हर बाधा शांत

जयपुर : शिवरात्रि का दिन हिंदू पंचांग के अनुसार बेहद खास माना जाता है। इस दिन भक्त भोलेनाथ की पूजा करते हैं। हर साल यह पर्व फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का पर्व इस साल 11 मार्च को है। इस बार महाशिवरात्रि पर शिव योग के साथ घनिष्ठा नक्षत्र होगा और चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेंगे। इस दिन सुबह 09 बजकर 22 मिनट तक महान कल्याणकारी 'शिवयोग' भी विद्यमान रहेगा। उसके बाद सभी कार्यों में सिद्धि दिलाने वाला 'सिद्धयोग' आरम्भ होगा।

मांगलिक अनुष्ठान

शिव योग में जो भी धर्म-कर्म मांगलिक अनुष्ठान आदि कार्य करेगा। उसका संकल्पित कार्य कभी भी बाधित नहीं होगा। उसके कार्य का सुपरिणाम कभी निष्फल नहीं रहेगा, इसीलिए इस योग के किये गए शुभकर्मों का फल अक्षुण रहता है। सिद्ध योग में भी सभी आरम्भ करके कार्यसिद्धि प्राप्त की जा सकती है। इन योगों के विद्यमान रहने पर रुद्राभिषेक करना, शिव नाम कीर्तन करना, शिवपुराण का पाठ करना अथवा शिव कथा सुनना, दान पुण्य करना तथा ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना अतिशुभ माना गया है।

 

 

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शुभ समय और शुभ मुहू्र्त

महाशिवरात्रि तिथि: - 11 मार्च 2021, महाशिवरात्रि निशिता काल: 11 मार्च (रात 12:06 से लेकर 12:55 तक) अवधि: 48 मिनट, महाशिवरात्रि प्रथम प्रहर: 11 मार्च (शाम 06:27 से लेकर 09:29 तक), महाशिवरात्रि द्वितिय प्रहर: 11 मार्च (रात 09:29 से लेकर 12:31 तक)

महाशिवरात्रि तृतीय प्रहर: 11 मार्च (रात 12:31 से लेकर 03:32 तक), महाशिवरात्रि चतुर्थ प्रहर: 12 मार्च (सुबह 03:32 से लेकर 06:34 तक), महाशिवरात्रि पारण समय: 12 मार्च (सुबह 06:34 से लेकर शाम 03:02 तक)

 

 

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महाशिवरात्रि पर्व में रात्रि की प्रधानता रहती है। इस कारण 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व मनाना शास्त्र सम्मत होगा। महाशिवरात्रि का निशीथ काल 11 मार्च को रात 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। यह पावन पर्व देवों के देव महादेव भोलेनाथ को समर्पित है। इस दिन शिव भक्त महादेव का आशीर्वाद पाने के लिए कई उपाय करते हैं।इस बार चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 मार्च को दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 12 मार्च को दोपहर 3 बजे बजकर कर 2 मिनट तक रहेगी।

मनोनुकूल पति का आशीर्वाद

शिवपुराण के अनुसार, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा जाता है। महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं। इस दिन ज्योतिष उपाय करने से सभी परेशानियां खत्म हो सकती हैं। महाशिवरात्रि के दिन शुभ काल के दौरान ही महादेव और पार्वती की पूजा की जानी चाहिए, तभी इसका फल मिलता है। इस दिन का प्रत्येक घड़ी-पहर परम शुभ रहता है। कुवारी कन्याओं को इस दिन व्रत करने से मनोनुकूल पति की प्राप्ति होती है और विवाहित स्त्रियों का वैधव्य दोष भी नष्ट हो जाता है।

शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें

महाशिवरात्रि में शिवलिंग की पूजा करने से जन्मकुंडली के नवग्रह दोष तो शांत होते हैं। विशेष करके चंद्र्जनित दोष जैसे मानसिक अशान्ति, मां के सुख और स्वास्थ्य में कमी, मित्रों से संबंध, मकान-वाहन के सुख में विलम्ब, हृदयरोग, नेत्र विकार, चर्म-कुष्ट रोग, नजला-जुकाम, स्वाश रोग, कफ-निमोनिया संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है और समाज में मान प्रतिष्ठा बढ़ती है।

 

 

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महाशिवरात्रि पर करें हर क्षण का सदुपयोग

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से व्यापार में उन्नति और सामाजिक प्रतिष्ठा बढती है। भांग अर्पण से घर की अशांति, प्रेत बाधा तथा चिंता दूर होती है. मदार पुष्प से नेत्र और ह्रदय विकार दूर रहते हैं। शिवलिंग पर धतूर के पुष्प-फल चढ़ाने से दवाओं के रिएक्शन तथा विषैले जीवों से खतरा समाप्त हो जाता है। शमीपत्र चढ़ाने से शनि की शाढ़ेसाती, मारकेश तथा अशुभ ग्रह-गोचर से हानि नहीं होती। इसलिए महाशिवरात्रि के एक-एक क्षण का सदुपयोग करें और शिवकृपा प्रसाद से त्रिबिध तापों से मुक्ति पायें।

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