चाणक्य नीति से जानें स्त्री के गुण, करने जा रहे शादी तो ऐसे परखें नारी
चाणक्य की नीतियों को लोग अपनाकर अपने जीवन को आसान व सरल बनाते हैं। चाणक्य ने एक श्लोक के जरिए विवाह के लिए योग्य स्त्री के गुणों के बारे में बताया है। जानते हैं स्त्री के गुणों के बारे में क्या कहते हैं चाणक्य-
लखनऊ: नीति शास्त्र के ज्ञाता चाणक्य ने नीति शास्त्र में सुखद वैवाहिक जीवन से जुड़ी कई बातों के बारे में बताया है। चाणक्य नीति में स्त्रियों के गुणों पर बड़ी ही सूक्ष्मता से कहा गया है। समाज के निर्माण में स्त्रियों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। स्त्री को प्रथम शिक्षक भी कहा गया है। जो लोग स्त्री को अबला समझते हैं वे स्त्री के गुणों से परिचित ही नहीं है।
चाणक्य नीति में स्त्री के गुण
चाणक्य ने स्त्री के इन गुणों के बारे में बताया है।चाणक्य की नीतियों को लोग अपनाकर अपने जीवन को आसान व सरल बनाते हैं। चाणक्य ने एक श्लोक के जरिए विवाह के लिए योग्य स्त्री के गुणों के बारे में बताया है। जानते हैं स्त्री के गुणों के बारे में क्या कहते हैं चाणक्य-
बाहरी खूबसूरती से ज्यादा गुण
चाणक्य नीति के अनुसार, अगर विवाह का फैसला स्त्री की सुंदरता को देखकर लिया गया है तो यह आने वाले समय में पछतावा होता है। विवाह के लिए बाहरी खूबसूरती से ज्यादा उसके गुणों को परखना चाहिए। स्त्री को जीवनसाथी चुनते समय इन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
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स्वेच्छा से ही जीवनसाथी का चयन
चाणक्य कहते हैं कि विवाह हमेशा उस स्त्री से करना चाहिए जो आपसे स्वेच्छा से विवाह करना चाहती है। दवाबवश किया गया विवाह भविष्य में वैवाहिक जीवन में मुश्किलें खड़ी करता है।
परवाह और प्यार
चाणक्य के अनुसार, जो स्त्री आपकी परवाह और प्यार करती हो उसे कभी नहीं छोड़ना चाहिए। नीति शास्त्र के अनुसार, भविष्य में कितने ही उससे झगड़े क्यों न हो, लेकिन वह आपके परिवार में खुशियां लेकर आएगी। चाणक्य का मानना है जो स्त्री आपसे प्यार करती है वह आपको उदास या दुखी नहीं देख सकती है।
धर्म-कर्म में आस्था
जिस स्त्री या पुरुष से विवाह करने जा रहे हैं, उसकी धर्म-कर्म में आस्था होनी चाहिए। धर्म-कर्म इंसान को हमेशा अच्छे रास्तों पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। स्त्री को धार्मिक होना चाहिए ईश्वर और प्रकृति पर उसका विश्वास होना चाहिए। धर्म पर आस्था रखने वाली स्त्री अच्छे और बुरे का अंतर आसानी से समझ लेती है।
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स्त्री से विवाह
चाणक्य कहते हैं स्त्री अपने भावी पति में अपने पिता को देखती है। वह चाहती है कि उसका पति उसके पिता के समान ख्याल रखे। ऐसे में आप जिस स्त्री से विवाह करने जा रहे हैं, वो भी आपके बारे में ऐसा ही सोचती है तो वह आपको भविष्य में कभी धोखा नहीं देगी।
धन संचय का अच्छा ज्ञान
स्त्री का यह गुण आज के आधुनिक समय में बहुत ही जरूरी है। स्त्री को धन संचय का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। चाणक्य ने कहा है कि विपत्ति आने पर ही मित्र और पत्नी की परीक्षा होती है। इसका अर्थ ये है कि जो स्त्रियां धन की बचत करती हैं उनहें विपत्ति आने पर कष्ट नहीं होता है। उनके परिवार को कोई हानि नहीं होती है।