Second Hand Cars: मात्र 2 लाख से भी कम बजट में खरीदें हुंडई, मारुति जैसी दिग्गज कंपनियों की कार,जानिए डिटेल
Second Hand Cars: जहां से आप अपने बजट के अनुरूप पुरानी कार खरीद कर चौपहिया वाहन रखने का शौक पूरा कर सकते हैं आइये जानते हैं यूज्ड कार मार्केट से जुड़े डिटेल्स के बारे में
Second Hand Cars: भौतिकतावादी लाइफ स्टाइल का चलन अब महज किसी एक खास वर्ग तक सीमित नहीं रह गया है। अब हर आय वर्ग का व्यक्ति बैंकों द्वारा दी जा रहीं लोन और आसान ईएमआई की सुविधा के चलते अपनी छोटी कमाई में भी बड़े बड़े शौकों को हकीकत में तब्दील कर रहा है। इसी कड़ी में आज के समय में कार एक हर फैमिली के लिए एक अहम जरूरत बन चुकी है। हर आय वर्ग का व्यक्ति इस समय एक कार लेने की प्रबल इक्छा रखता है। चार पहिए की बढ़ती जरूरत के पीछे दूसरा बड़ा कारण मौसम के तीखे तेवर भी शामिल है। जिनमें दो पहिया वाहनों से ठंड के मौसम में हांड तोड़ती ठंड का कहर हो या गर्मी में आग बरसाती हुई धूप का प्रकोप झेलना अब लोगों के लिए काफी मुश्किल साबित हो रहा है। यही वजह कि लोग इन सारी दिक्कतों से बचने के लिए भी एक चार पहिया वाहन को लेने के लिए उत्सुक हो रहें हैं। मार्केट में ग्राहकों की इस नब्ज को देखते हुए कई रजिस्टर्स ऑनलाइन और ऑफ लाइन सेकंड हैंड कार बाजार उपलब्ध है। जहां से आप अपने बजट के अनुरूप पुरानी कार खरीद कर चौपहिया वाहन रखने का शौक पूरा कर सकते हैं। यूज्ड कार बाजार की बिक्री रिपोर्ट पर अगर नजर डालें तो भारतीय यूज्ड कार बाजार 2024 में 31.62 बिलियन डॉलर और 2029 तक 15.10% की सीएजीआर से बढ़कर 63.87 बिलियन डॉलर का आंकड़ा छूने जा रहा है। वही सेकंड हैंड कार की बिक्री में बाजी करने वाली सबसे पॉपुलर मार्केट का नाम ले तो भारत में पुरानी कार कंपनियों में, Cars24 पुरानी कारों का व्यापार करने वाली इस कंपनी की 5,500 करोड़ रुपये से ही कहीं अधिक की कमाई है।आइये जानते हैं यूज्ड कार मार्केट से जुड़े डिटेल्स के बारे में
10 से 15 साल पुरानी गाड़ियां खरीदने से बचें
पर्यावरण प्रदूषण के चलते सरकार द्वारा बनाई गई स्क्रैप नीति के तहत 15 साल पुराने हो चुके वाहनों को स्क्रैप में भेजने का नियम लागू हो चुका है। ऐसे में आप 10 से 15 साल पुरानी गाड़ियों को कम कीमत के चलते खरीदने से बचें। नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 साल चल चुकी कार, बाइक, स्कूटर या स्कूटी को अगले 5 साल और चलाने के लिए री-रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है। इसके लिए आपको ऑटोमेटिक व्हीकल फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन से फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर आरटीओ में जमा करने के लिए चक्कर लगाने पड़ते हैं। लेकिन इसके बाद भी इनके लंबे समय तक सही तरह से काम करने की कोई गारंटी नहीं होती। यह वाहन जल्द ही खराब हो सकते हैं।
यूज्ड कार खरीदते समय इस बात का रखें खास ख्याल
सेकंड हैंड कार खरीदने से पहले हमें कुछ जरूरी बातों का बहुत ज्यादा ख्याल रखना चाहिए ताकि हम किसी तरीके से गलत सौदे में न फंसे। सेकंड हैंड कार किसी ऑथराइज्ड शॉप से ही लेना चाहिए। जो इस बात की गारंटी लेते हैं की निश्चित समय तक गाड़ी में कोई दिक्कत आती है तो वह इसकी फ्री सर्विस देने की सुविधा देते हैं। आप अगर एक सेकंड हैंड कर खरीद रहे हैं तो तो उसका सौदा करने से पहले आप उसे खुद एक बार चला कर जरूर देख लें। यानी कम से कम 5 से10 किमी तक उसका टेस्ट ड्राइव जरूर करें। ताकि कार के ब्रेक, क्लच, गियर और एक्सीलेटर आदि इन सारे पार्ट्स की जांच के साथ ही गाड़ी के स्मूथ ड्राइव से उसके फिटनेस का अंदाजा भी लग जाएगा। सबसे अहम बात ये भी है कि इस बात की जरूर जांच पड़ताल कर लें कि कहीं कार का कोई एक्सीडेंट तो नहीं हुआ है। अगली सबसे जरूरी बात ये है कि सेकंड हैंड कार खरीदते वक्त गाड़ी के सभी डॉक्यूमेंट को अच्छी तरह से जरूर देख लेना चाहिए। गाड़ी से जुड़े डिटेल्स में सर्विस रिकॉर्ड, रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस भी अच्छे तरीके से चेक कर लेना चाहिए। कार विक्रेता से रेट फाइनल होने के बाद आरसी की ऑरिजीनल कॉपी और गाड़ी के ओरिजिनल बिल की कॉपी जरूर ले लेनी चाहिए।
दो लाख से भी कम बजट में आती है ये कारें
आप कम बजट में भी अपने लिए एक बढ़िया सेकंड हैंड कार खरीद सकते हैं। भारत में मौजूद कई सेकेंड हैंड कार मार्केट में कारों की कीमत 2 लाख रुपये से भी कम है। इसमें मारुति ऑल्टो, हुंडई आई10 और मारुति वेगनआर कार का नाम प्रमुखता के साथ आता है। पुरानी कारों में छोटी कारों के सेगमेंट में मारुति की कारों की डिमांड सबसे ज्यादा होती है। सेकंड हैंड कार विक्रेता OLX ऑटो द्वारा जारी किए गए प्लेटफॉर्म डेटा के अनुसार, प्री-ओन्ड कार सेगमेंट में सबसे लोकप्रिय कारों में हुंडई क्रेटा, मारुति ब्रेजा, मारुति अर्टिगा और महिंद्रा XUV500 का नाम शामिल है। वहीं मौजूदा वक्त में एसयूवी कारों की भर्ती डिमांड को देखते हुए वित्त वर्ष 27 तक सेकंड हैंड कर बाजार में छोटी कारों की हिस्सेदारी 2% कम होकर 56% हो जाएगी। वही एसयूवी कारों की संख्या बढ़ जाएगी। आंकड़ें बताते हैं कि प्री-ओन्ड सेगमेंट में 5 साल की औसत वाहन उम्र को देखते हुए सबसे लोकप्रिय छोटी कारें मारुति बलेनो, हुंडई एलिट i20, रेनॉल्ट क्विड, मारुति सुजुकी, डिजायर हुंडई ग्रैंड i10 का नाम शामिल है। सेकंड हैंड कार बाजार में दिल्ली के करोल बाग स्थित बाजार में कार कई गुना तक सस्ती मिल जाती हैं। वहीं ऑन लाइन कार बाजार में Car 24, Spinny और OLX समेत कई प्लेटफॉर्म मौजूद हैं। जहां सेकंड हैंड कारों के कई बेहतरीन विकल्प उपलब्ध रहते हैं।