Small Cars: भारत में बनी छोटी कारों की विदेशों में बड़ी बिक्री, जानिए डिटेल

Small Cars: वहीं वित्त वर्ष 24 में SUV सेगमेंट के वाहनों की बिक्री आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो ये 53.6 प्रतिशत के भी पार जा रहा है। आइए इस विषय पर जानते हैं विस्तार से

Report :  Jyotsna Singh
Update: 2024-05-28 10:44 GMT

Small Cars ( Social Media Photo)

Small Cars: भारतीय ऑटोमार्केट में इस समय टॉप सेल की लिस्ट में एसयूवी वाहनों का नाम आता है। ग्राहकों की लगातार एसयूवी वाहनों की डिमांड को देखते हुए अब दूसरे सेगमेंट की डिमांड फीकी पड़ती जा रही है। एक समय भारत के PV बाजार में छोटी कारों का क्रेज जबरदस्त था, जिसमें पिछले कुछ सालों में निरंतर गिरावट आती जा रही है।वहीं ठीक इसके उलट विदेशों में ज्यादातर हैचबैक और सेडान सेगमेंट की छोटी कारों की डिमांड तेजी से बढ़ती जा रही है। सबसे खास बात यह है की विदेशों में बढ़ती छोटी कारों की डिमांड के साथ भारत में निर्मित इन कारों को वहां बेहद पसंद किया जा रहा है।अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अचानक आए इस बदलाव के चलते भारत में निर्मित सिट्रोन, फॉक्सवैगन, होंडा, निसान और रेनो और मारुति सुजुकी, हुंडई जैसी कंपनियों की छोटी गाड़ियां का निर्यात काफी बढ़ गया है। भारत में वित्तीय वर्ष 2017-18 में छोटी कारों की कुल कार बिक्री में छोटी हैचबैक कारों की हिस्सेदारी 47.4 प्रतिशत थी। वहीं वित्त वर्ष 2019 में यह आंकड़ा गिरकर 46 प्रतिशत हो गया।जिसके बाद निरंतर इसमें गिरावट ही आती जा रही है।जबकि भारतीय ऑटो बाजार में अब छोटी कारों की हिस्सेदारी सिमट कर 30 प्रतिशत से कम के आंकड़े तक पहुंच चुकी है। वहीं वित्त वर्ष 24 में SUV सेगमेंट के वाहनों की बिक्री आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो ये 53.6 प्रतिशत के भी पार जा रहा है।आइए इस विषय पर जानते हैं विस्तार से

इन कंपनियों का बड़ा निर्यात का आंकड़ा

ग्लोबल मार्केट में छोटी कारों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए कई कंपनियों के विदेशों में वाहनों के निर्यात का आंकड़ा भी तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है। जिसमें निसान ने अब तक 42,000 से ज्यादा भारत में निर्मित छोटे आकार के वाहनों को विदेशों में एक्सपोर्ट किया है। जबकि दक्षिण कोरियाई किआ मोटर्स द्वारा भारत में निर्मित कुल 52,000 से ज्यादा गाड़ियां विभिन्न देशों में अब तक एक्सपोर्ट की जा चुकी हैं। इस दिशा में फॉक्सवैगन ने भी भारत में निर्मित 44,000 से ज्यादा गाड़ियाें का अब तक निर्यात किया है।


2.8 लाख गाड़ियों का निर्यात कर मारुति ने मारी बाजी

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत में निर्मित छोटी गाड़ियों की डिमांड में आई तेजी का सबसे ज्यादा लाभ मारुति कंपनी को मिल रहा है। इस कंपनी ने अब तक सबसे ज्यादा छोटी गाड़ियों का निर्यात कर इस रेस में बाजी मार ली है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में छोटी कारों के निर्यात में वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2024 में मारुति सुजुकी ने 2.8 लाख कारों का निर्यात किया है। जिसमें मैक्सिको और फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, चिली आदि ऐसे कई देशों में इस कंपनी ने मिनी कार सेगमेंट में स्विफ्ट, डिजायर, S-प्रेसो और बलेनो आदि मॉडल्स की बढ़ती डिमांड के चलते इनका अब तक का सबसे बड़े आंकड़े में निर्यात किया है। जबकि हुंडई ने भारत में निर्मित वरना, ऑरा और ग्रैंड i10 निओस जैसी सेडान कारों का मैक्सिको, चिली और पेरू और दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब जैसे कई देशों में अपने कुल 1.6 लाख वाहनों के निर्यात का एक बड़ा आंकड़ा बनाया है।

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