Minus Zero: बिना ड्राइवर की मदद से चलेगी माइनस जीरो, स्टार्टअप कंपनी ने पेश की स्वचलित जेड पॉड कार, जाने खूबियां
Minus Zero: क्या आपने कभी कल्पना में भी ऐसा सोचा होगा कि आपकी कार बिना ड्राइवर और बिना स्टीयरिंग घुमाए ही आपको आपके डेस्टिनेशन पर पहुंचा देगी।;
Minus Zero : क्या आपने कभी कल्पना में भी ऐसा सोचा होगा कि आपकी कार बिना ड्राइवर और बिना स्टीयरिंग घुमाए ही आपको आपके डेस्टिनेशन पर पहुंचा देगी। लेकिन अब यह कोरी कल्पना हकीकत में तब्दील हो चुकी है। जो कि भारत देश की एक स्टार्टअप कंपनी ने अपनी दक्षता से इस महज ख्वाब को साकार कर के सबको भौचक्का कर दिया है। ऑटोमेटेड ड्राइविंग यानि कार बिना ड्राइवर की मदद के खुद चलने वाली कार की बात करें तो इस लिस्ट में सबसे पहला नाम टेस्ला का आता है।
जबकि टेस्ला भी पूरी तरह से ऑटोमेटेड नहीं थी और उसको भी कहीं कहीं पर ड्राइवर की मदद की जरूरत पड़ती है। लेकिन अब इंडिया की एक स्टार्टअप कंपनी ने पूरी तरह से ऑटोमेटेड ड्राइविंग कार का निर्माण कर लिया है। जिसकी लांचिंग भी कर दी गई है। इस स्वचालित गाड़ी के लॉन्च के बाद बेंगलुरू स्थिति आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप कंपनी माइनस जीरो ने दावा किया है कि उन्होंने देश का पहला ऑटोनोमस व्हीकल बनाकर इस तकनीक में सबसे पहले अपना नाम दर्ज करने का एक ऐतिहासिक काम किया है। जेड पॉड नामक ये कार स्टेज 5 ऑटोनोमस क्षमताओं को पूरा करती है। इसका सीधा मतलब है कि ये कार किसी भी कंडीशन में बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के ड्राइव हो सकती है।
एआई बेस्ड सिस्टम पर काम करती है ये कार
जेड पॉड केवल एक प्रोटोटाइप है जिसे कंपनी ने एआई बेस्ड ADAS तकनीक को संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है। हालांकि कंपनी का कहना है कि भविष्य में कार बनाने की उसकी कोई योजना नहीं है। अब कंपनी ऑटोमोबाइल कंपनियों को अपनी इस तकनीक से जोड़ने पर काम कर रही है। उसका कहना है कि इस तरह की टेक्नोलॉजी कोई एक कंपनी या व्यक्ति नहीं बना सकता बल्कि इसको बेहतर बनाने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना पड़ेगा। माइनस जीरो का मुख्य उद्देश्य ADAS टेक्नोलॉजी को बेहतर बनाने के लिए तकनीक को डवलप कर उसे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में इंट्रोड्यूस करना है
इन कंपनियों ने की है आर्थिक मदद
जेड पॉड कार बनाने के लिए एक बड़ी राशि की जरूरत थी। स्टार्टअप के जरिए माइनस जीरो के फाउंडर्स गगनदीप रीहाल और गुरसिमरन कालरा ने चिराता वेंचर्स, स्नो लेपर्ड वेंचर्स, आईआईटी मंडी और ऑटोनोमस व्हीकल इंडस्ट्री के दूसरे एंजल इंवेस्टर्स सहित निवेशकों के एक समूह से सीड फंड में 1.7 मिलियन डॉलर का फंड एकत्र किया है।
हाई रिजॉल्यूशन कैमरों के एक नेटवर्क पर ड्राइव होती है ये कार
बिना स्टीयरिंग के चलने वाली इस कार के जेड पॉड की बात की जाए तो इस कार में कंपनी ने स्टीयरिंग ही नहीं दिया है। कार पूरी तरह से हाई रिजॉल्यूशन के कैमरों के एक नेटवर्क पर एक्टिवेट होती है। जो कि कार की ड्राइविंग रूट की सारी इन्फॉर्मेशन को प्रोसेस कर आगे बढ़ाता है । ये कैमरे इस कार के चारों तरफ इंस्टॉल किए गए हैं। इंस्टॉल किए गए ये कैमरे चारों तरफ की पिक्चर्स को रियल टाइम में कैप्चर कर एआई सिस्टम तक भेजने का काम करते हैं। एआई नेविगेशन, स्पीड कंट्रोल और रास्ते में आने वाले हर तरह की जानकारी को प्रोसेस कर कार को स्मूदली ड्राइव करते हुए आगे बढ़ाता है।
कहां हो रहा इस कार का उपयोग
जेड पॉड कार के यूज की बात करें तो इसका यूज फिरहाल टेक्निकल पार्क, यूनिवर्सिटी कैंपस, कॉर्पोरेट कैंपस या किसी इंस्टीट्यूशन के दायरे में सीमित है जैसी जगहों पर कैंपस ड्राइव के लिए किया जा रहा है।