Bihar News: सुधाकर सिंह बोले- जब लगा मैं इस व्यवस्था में फिट नहीं तो मंत्री पद को अलविदा कहने में देर नहीं लगी
Bihar News: कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद राजद विधायक सुधाकर सिंह ने एक बार फिर से अफसरशाही पर हमला बोला है।
Bihar News: कृषि मंत्री (Agriculture Minister) के पद से इस्तीफा देने के बाद राजद विधायक सुधाकर सिंह (RJD MLA Sudhakar Singh) ने एक बार फिर से अफसरशाही (bureaucracy in bihar) पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे हुक्मरान जो सरकारी नौकरी में बैठे हैं वे मालिक भाव से आते हैं। हॉस्पिटल बना इलाज के लिए लेकिन उसमें पुलिस बैरक बना हुआ है। विधान सभा में सवाल उठाने के बाद भी आज तक वह बैरक नहीं हटा। इससे ज्यादा संवेदनहीनता सरकार में और क्या हो सकती है।
दरअसल सुधाकर सिंह कैमूर जिले के गोरा प्रखंड में एक किसान सभा को संबोधित कर रहे थे इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझसे लोग अपेक्षा नहीं करें कि हम यथास्थिति बरकरार रखेंगे। हम सत्ता में आए हैं बदलाव के लिए ही। सुधाकर ने कहा कि जब लगा मैं इस व्यवस्था में फिट नहीं हूं तो मुझे मंत्री पद को अलविदा कहने में देर नहीं लगी। हजारों लोग यहां बैठे वे लोग हैं जिन्होंने राष्ट्र और राज्य को बनाने में कुर्बानी दी है।
छोटी -छोटी जरूरतों के लिए भी सत्ता के सामने हाथ जोड़ना पड़ रहा है- राजद विधायक सुधाकर सिंह
हम ताना भगत के वंशज, बिरसा मुंडा के वंशजों ने देश के निर्माण के लिए कुर्बानी दी। उस समाज के लोगों को अपनी छोटी -छोटी जरूरतों के लिए भी सत्ता के सामने हाथ जोड़ना पड़ रहा है। चिरौरी और मिन्नतें करनी पड़ रही है।
बता दें कि रविवार दोपहर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। सुधाकर सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज चल रहे थे। माना जा रहा है कि इसी नाराजगी के कारण उन्होंने अपना इस्तीफा दिया।हाल में ही सुधाकर सिंह ने कहा था कि कृषि विभाग के सारे अफसर चोर हैं। और वो खुद चोरों के सरदार बताया हैं।
बिहार की सियासत में हड़कंप
इसके बाद इस बयान से बिहार की सियासत में हड़कंप सी मच गई थी कुछ दिन बाद कैबिनेट की बैठक में एजेंटों पर बातचीत खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री ने सुधाकर सिंह को ठोक दिया था। इसके बाद सुधाकर सिंह ने यहां तक कह दिया था कि कृषि विभाग में अफसरशाही हावी है। कृषि मंत्री पद की लेने के बाद सुधाकर सिंह लगातार अपनी ही सरकार पर हमला बोल रहे थे। उन्होंने कहा था कि ढाई सौ करोड़ का बीज तो निगम ही खा जाता है। और निगम के बीच भी फर्जी हैं। उन्होंने माप तोल विभाग को वसूली विभाग तक कह दिया था।