Bihar: लोकसभा चुनाव के बीच नीतीश कुमार को बड़ा झटका, कद्दावर नेता ने पार्टी से दिया इस्तीफा
Bihar Politics: सीएम नीतीश कुमार ने आज मधुबनी जिले के झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा।
Bihar Politics: लोकसभा चुनाव के बीच नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है। बिहार राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह ने आज यानी 1 मई को जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देते हुए अजित सिंह ने पार्टी पर आरोप लगाया कि जदयू के हाईकमान ने कार्यकर्ताओं को विश्वास में लिए बिना कई बड़े फैसले लिए। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में शीर्ष नेतृत्व की वजह से कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर अजीब स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इसका पार्टी संगठन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, इसलिए जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है।
पीएम ने बिहार के स्पेशल स्टेटस पर कुछ नहीं बोला
अजीत सिंह ने अपने इस्तीफे में लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने को लेकर कुछ नहीं कहा है। साथ ही कुछ भाजपा नेताओं ने खुलेआम कहा है कि वे संविधान बदल देंगे। वहीं, नीतीश कुमार ने भी इसको लेकर कुछ नहीं किया। मेरे जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का प्रमुख कारण है"।
कौन हैं अजीत सिंह?
बता दें, अजीत सिंह जगदानंद सिंह के छोटे बेटे और बक्सर जिले से राजद प्रत्याशी सुधाकर सिंह के छोटे भाई हैं। अजीत सिंह अप्रैल 2022 से पहले राजद में थे। हालांकि, पार्टी ने उन्हें कोई बड़ा पद नहीं दिया। उनके सबसे छोटे भाई पुनीत सिंह भी राजद में हैं।
एक बार फिर सीएम नीतीश की जुबान फिसली
एक तरफ जदयू की प्राथमिक सदस्यता से अजीत सिंह ने इस्तीफा दिया है। तो दूसरी तरफ बिहार में जनसभा को संबोधित करते हुए आज एक बार फिर बिहार के सीएम नीतीश कुमार की जुबान फिसल गई। इस बार वह लोकसभा चुनाव में एनडीए का सीटें जीतने का लक्ष्य ही भूल गए। उन्होंने NDA के लक्ष्य को 400 की जगह पर 4000 का बता दिया।
राजद पर कसा तंज
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज झंझारपुर के लौकही ब्लॉक में चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे, जहां उन्होंने संबोधन के दौरान विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। नीतीश कुमार ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि ये लोग सिर्फ पत्नी, बेटे, बेटियों और अपने परिवार के लिए ही कर रहे हैं। हम लोगों को न कोई बेटा और न कोई बेटी है, हम लोगों के लिए पूरा बिहार है। पंचायत चुनावों में भी हमने महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित कर दिया। अब चारों ओर महिलाएं दिख रही हैं। पहले लड़कियां पढ़ती नहीं थीं, फिर हमने साइकिल और पोशाक योजना चलाई। इंटर पास करने पर 25 हजार रुपये, स्नातक पास करने पर 50 हजार रुपये की राशि को लागू किया।