Bihar Cabinet Expansion: बिहार में कैबिनेट विस्तार को लेकर महागठबंधन में घमासान, कांग्रेस को तेजस्वी का दो टूक जवाब

Bihar Cabinet Expansion: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले में गेंद राज्य के डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव के पाले में डाल दी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-02-16 17:42 IST

Bihar cabinet expansion (Social Media)

Bihar Cabinet Expansion: बिहार में कैबिनेट के विस्तार के मुद्दे पर महागठबंधन में खींचतान तेज हो गई है। कांग्रेस नीतीश कैबिनेट में दो और मंत्री पद की मांग पर अड़ी हुई है और इसके लिए पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले में गेंद राज्य के डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव के पाले में डाल दी है। इस बीच तेजस्वी यादव ने कांग्रेस को दोटूक जवाब देते हुए कहा है कि अगर कैबिनेट विस्तार होगा तो कांग्रेस को सिर्फ एक मंत्री पद मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह बात पहले ही तय हो गई थी।

दिल्ली से पटना पहुंचने पर मीडिया से बातचीत के दौरान तेजस्वी ने कांग्रेस को खरा जवाब दिया है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा। इससे पहले दिल्ली में भी मीडिया से बातचीत के दौरान तेजस्वी ने कांग्रेस को खरी-खोटी सुनाई थी। उनका कहना था कि महागठबंधन में कई दल हैं। इसलिए कैबिनेट विस्तार में सबका ख्याल रखना होगा। कांग्रेस की ओर से दो मंत्री पद मांगे जाने के मुद्दे पर तेजस्वी ने कहा कि मीडिया में बयान देकर मंत्री पद मांगने का कांग्रेस का रवैया ठीक नहीं है।

कांग्रेस को सिर्फ एक मंत्री पद देने की बात तय

बिहार में कैबिनेट विस्तार का मुद्दा लंबे समय से लटका हुआ है। बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में सात दल शामिल हैं। कहने को तो सभी दल एकजुट हैं मगर विभिन्न मुद्दों पर इन दलों के नेताओं की राय बिल्कुल अलग-अलग दिखती रही है। महागठबंधन में शामिल राजद और जदयू में ही विभिन्न मुद्दों पर तनातनी दिखती रही है। मंत्रिमंडल के विस्तार के मुद्दे पर भी महागठबंधन में घमासान मच गया है। कांग्रेस काफी दिनों से अपने विधायकों की संख्या के आधार पर मंत्रिपरिषद में दो और सदस्यों को शामिल किए जाने की मांग करती रही है।

इस संबंध में तेजस्वी यादव ने आज स्पष्ट तौर पर कहा कि कांग्रेस को लेकर यह बात पहले ही तय हुई थी कि कैबिनेट विस्तार होगा तो कांग्रेस को एक और मंत्री पद दिया जाएगा। महागठबंधन के अन्य दलों को यह बात तय करनी है कि वे मंत्रिमंडल में शामिल होंगे या नहीं।

मीडिया में बयान देकर मंत्री पद नहीं मांगा जाता

इससे पहले दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव ने कांग्रेस को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से मीडिया में बयान देकर दो मंत्री पद मांगे जा रहे हैं। कांग्रेस को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मीडिया में बयान देकर मंत्री पद नहीं मांगे जाते।

उन्होंने कहा कि किस दल का कौन नेता मंत्री बनेगा,इस बात को तय करने की जिम्मेदारी उस दल की होगी। जदयू के दावेदारों के संबंध में फैसला जदयू नेतृत्व की ओर से किया जाएगा जबकि राजद के बारे में फैसला हम करेंगे। कांग्रेस को भी नाम तय करके बताना चाहिए कि उनका कौन नेता मंत्री बनाया जाएगा। हम उस पर विचार करेंगे।

कांग्रेस ने बना रखा है दो पदों का दबाव

दूसरी ओर कांग्रेस ने नीतीश कैबिनेट में दो मंत्री पद को लेकर दबाव बना रखा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद अखिलेश सिंह की ओर से मीडिया में बार-बार बयान देकर कांग्रेस के दो और नेताओं को मंत्री बनाने की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी इस बाबत बातचीत हो चुकी है और नीतीश कुमार को ही इस संबंध में आखिरी फैसला लेना है। उन्होंने यहां तक कहा कि डिप्टी सीएम की कैबिनेट नहीं होती और ऐसे में उनके कहने का कोई मतलब नहीं है।

दूसरी ओर नीतीश कुमार भी इस मामले में चतुराई भरी चाल चलने में जुटे हुए हैं। उनका कहना है कि कैबिनेट विस्तार के बारे में फैसला तेजस्वी यादव करेंगे। इस तरह कैबिनेट विस्तार के मुद्दे पर राजद और कांग्रेस के बीच खींचतान लगातार बढ़ती जा रही है। यह खींचतान नीतीश कुमार के लिए नई मुसीबत बनती दिख रही है।

महागठबंधन में और तेज होगा घमासान

मौजूदा समय में नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में कांग्रेस के दो मंत्री हैं। आफाक आलम को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था जबकि मुरारी गौतम राज्यमंत्री पद की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। राज्य विधानसभा के पिछले चुनाव में कांग्रेस के 19 विधायकों ने जीत हासिल की थी। विधायकों की संख्या के आधार पर कांग्रेस की ओर से पार्टी के चार विधायकों को मंत्री बनाए जाने की मांग की जा रही है।

अखिलेश प्रसाद सिंह ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दबाव बना रखा है। सियासी जानकारों का मानना है कि इस मुद्दे पर महागठबंधन में घमासान तेज होता दिख रहा है। आने वाले दिनों में यह तकरार और बढ़ने के आसार दिख रहे हैं।

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