Bihar News: जातिगत जनगणना शुरू, पहले चरण में होगी सिर्फ घरों की गिनती, नीतीश और तेजस्वी ने बताए फायदे

Bihar News: जातिगत जनगणना का काम दो चरणों में पूरा करने की योजना तैयार की गई है। पहले चरण में सिर्फ घरों को गिनने का काम शुरू किया जाएगा जबकि दूसरे चरण में लोगों की जाति के आधार पर गणना की जाएगी।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2023-01-07 14:11 IST

Bihar News (Social Media)

Bihar News: लंबे समय तक चली खींचतान के बाद आखिरकार बिहार में आज से जातिगत जनगणना का काम शुरू हो गया। जातिगत जनगणना का काम दो चरणों में पूरा करने की योजना तैयार की गई है। पहले चरण में सिर्फ घरों को गिरने का काम शुरू किया जाएगा जबकि दूसरे चरण में लोगों की जाति के आधार पर गणना की जाएगी। पहले चरण की प्रक्रिया 21 जनवरी तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। दूसरे चरण की तारीखों का अभी तक ऐलान नहीं किया गया है।

पहले चरण में सिर्फ उन्हीं मकानों की गिनती की जाएगी जिनमें मौजूदा समय में लोग रह रहे हैं। झुग्गी झोपड़ी के साथ ही सड़क किनारे ठिकाना बनाकर रहने वाले लोगों के आश्रय स्थलों को भी गिनने की तैयारी है। राज्य में जातिगत जनगणना का काम शुरू होने के साथ ही सियासी उठापटक भी तेज होती दिख रही है। विभिन्न जातियों से जुड़े नेताओं ने भी सक्रियता बढ़ा दी है।

डीएम को बनाया नोडल पदाधिकारी

जातिगत जनगणना के काम के लिए विभिन्न जिलों में डीएम को प्रधान गणना अधिकारी सह नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। प्रगणक की जिम्मेदारी निभाने के लिए शिक्षकों के साथ ही विभिन्न विभागों के लिपिकों, मनरेगा कर्मियों और आंगनबाड़ी से जुड़ी महिलाओं को लगाया गया है। पूरे प्रदेश में घरों को गिनने के लिए दो लाख से अधिक कर्मचारियों को लगाया गया है। घरों, मकानों और आश्रय स्थलों को यूनिट मानते हुए गणना करने की तैयारी है। सूत्रों के मुताबिक मकानों की गणना के लिए 700 की आबादी या 150 घरों पर एक प्रगणक की नियुक्ति की गई है। प्रत्येक छह प्रगणक के ऊपर एक सुपरवाइजर की तैनाती की गई है। जिला स्तर पर सभी डाटा इकट्ठा करने के बाद उसे सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा जाएगा ताकि एक समेकित रिपोर्ट तैयार की जा सके।

दूसरा चरण होगा महत्वपूर्ण

पहले चरण में घरों की गिनती का काम पूरा होने के बाद दूसरे चरण को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दूसरे चरण के दौरान लोगों का नाम-पता दर्ज करने के साथ ही जाति,उपजाति, लिंग, उम्र और आर्थिक स्थिति आदि के संबंध में सवाल पूछे जाएंगे। इसके लिए एक निर्धारित फॉर्मेट तैयार किया गया है और सभी प्रगणक इस फॉर्मेट के आधार पर ही लोगों से सवाल पूछेंगे। हालांकि अभी तक इस बात की घोषणा नहीं की गई है कि दूसरा चरण कब से शुरू होगा। सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पहले चरण की रिपोर्ट तैयार होने के बाद दूसरे चरण की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।

कितना होगा खर्च

सूत्रों के मुताबिक बिहार में जातिगत जनगणना के सर्वे पर नीतीश सरकार की ओर से 500 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी है। हालांकि यह आंकड़ा अनुमानित है और सर्वे पर इससे ज्यादा खर्च भी हो सकता है। कंटेनजेंसी फंड से पैसा खर्च करके जातिगत जनगणना का काम पूरा किया जाएगा। जातिगत जनगणना को लेकर नीतीश सरकार की ओर से पुख्ता दलील दी जा रही है। प्रदेश सरकार का मानना है कि जाति आधारित जनगणना से समाज के सभी वर्गों को फायदा मिलेगा। देश सरकार का कहना है कि जातिगत जनगणना का मकसद प्रदेश के वंचित वर्ग तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।

नीतीश और तेजस्वी ने बताया फायदा

इन दिनों समाधान यात्रा पर निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिवहर में कहा कि जातिगत जनगणना से केवल जातियों के संबंध में ही नहीं बल्कि राज्य के हर परिवार के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।

उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना से प्रदेश के विकास के साथ ही समाज के उत्थान में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना कराना चाहते थे मगर केंद्र सरकार सहमत नहीं हुई। अब हम बिहार के स्तर पर यह काम करा रहे हैं और इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भी भेजी जाएगी।

राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि जातिगत जनगणना के जरिए विभिन्न जातियों के लोगों की आर्थिक स्थिति की सही जानकारी मिलेगी। यह जानकारी विकास की योजनाएं शुरू करने में मददगार बनेगी। ऐसे लोगों को फायदा मिलने के साथ ही क्षेत्र का विकास भी होगा।

उन्होंने कहा कि हमारा मकसद सिर्फ जातियों की गणना ही नहीं बल्कि लोगों की आर्थिक स्थिति के संबंध में सर्वेक्षण करना भी है। जातिगत जनगणना का काम पूरा होने के बाद इसकी जानकारी केंद्र सरकार के पास भेजी जाएगी।

बिहार सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम से देश के विकास के साथ ही समाज के उत्थान के लिए योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।

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