सीएम नीतीश के खिलाफ FIR दर्ज कराने वाला IAS कौन, क्यों गरमाई बिहार की सियासत, विपक्ष उठा रहा सवाल

Bihar IAS FIR: बिहार में आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार पटना के एससी-एसटी थाने में घंटों बैठे रहे मगर उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update:2021-07-18 11:54 IST

Bihar IAS FIR: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खिलाफ आईएएस अफसर की रिपोर्ट न लिखे (IAS FIR Not Filed) जाने के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है। रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार (IAS Sudhir Kumar) पटना के एससी-एसटी थाने में घंटों बैठे रहे मगर उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। अब इस मामले को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव, लोजपा नेता चिराग पासवान और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बड़ा हमला बोला है।

इस मुद्दे को लेकर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा कि आईएएस अफसर सुधीर कुमार मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे थे मगर रिपोर्ट लिखे जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फंस जाते। यही कारण है कि आईएएस अफसर की रिपोर्ट नहीं लिखी गई। दूसरी ओर चिराग पासवान ने भी इस मुद्दे पर नीतीश पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को यह बताना चाहिए कि अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद भी एससी-एसटी थाने में रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज की गई।

घंटों इंतजार के बाद भी नहीं लिखी रिपोर्ट

दरअसल आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार पटना के गर्दनीबाग स्थित एससी-एसटी थाने में शनिवार को दोपहर विभिन्न कागजातों के साथ एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे थे मगर घंटों इंतजार करने के बावजूद उनकी रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई। काफी देर बाद थाने पहुंचे थानेदार का कहना था कि एफआईआर की कॉपी अंग्रेजी में लिखी होने के कारण रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई। वरिष्ठ अफसर की थाने में रिपोर्ट न दर्ज किए जाने के बाद मामले ने बाद में सियासी रूप ले लिया और विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला।

सुधीर कुमार 2017 में बीपीएससी पेपर लीक मामले में जेल भी जा चुके हैं। सुधीर कुमार का कहना था कि उन्होंने मार्च में भी शास्त्रीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की थी मगर उस समय भी रिपोर्ट नहीं लिखी गई थी। सुधीर कुमार ने नीतीश कुमार के साथ ही कई अन्य आईएएस अफसरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही है।

रिपोर्ट लिखने पर फंसेंगे नीतीश और अन्य अफसर

आईएएस अफसर की रिपोर्ट न दर्ज किए जाने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा की नीतीश सरकार का यह रवैया शर्मनाक और निंदनीय है। तेजस्वी ने कहा कि सुधीर कुमार नीतीश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे थे मगर रिपोर्ट नहीं लिखी गई। उन्होंने कहा कि जब अपर मुख्य सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी की शिकायत नहीं सुनी जा रही है तो बिहार में गवर्नेंस की कल्पना की जा सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार का पितामह यूं ही नहीं कहा जाता।
तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि उन्हें आखिर किस बात का डर सता रहा है। जब मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी तो मैंने खुलकर कहा था कि कानून को अपना काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामला काफी गंभीर है क्योंकि इस मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने पर मुख्यमंत्री और उनके प्रधान सचिव बुरी तरह फंस जाएंगे। उन्होंने विधानसभा में भी इस मामले को उठाने का एलान किया।
एससी का दमन कर रहे नीतीश
नीतीश कुमार के खिलाफ काफी दिन दिनों से हमलावर रुख अपनाने वाले लोजपा नेता चिराग पासवान ने भी इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति को दलित और महादलित में बांटकर अंग्रेजों की तरह राज कर रहे हैं। सच्चाई तो यह है कि वे अनुसूचित जाति के लोगों का दमन करने में जुटे हुए हैं।
चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि साक्ष्य प्रस्तुत करने के बावजूद एक आईएएस अफसर की रिपोर्ट क्यों नहीं लिखी जा रही। लोजपा में टूट के बाद चिराग पासवान इन दिनों बिहार में आशीर्वाद यात्रा पर हैं और इस दौरान वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यशैली पर सवाल उठाने में जुटे हुए हैं।
कांग्रेस ने भी उठाए सवाल
महागठबंधन में राजद के सहयोगी दल कांग्रेस ने भी आईएएस अफसर की रिपोर्ट दर्ज न किए जाने पर सवाल उठाए। कांग्रेस के प्रवक्ता मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि आखिर कौन सा राज छिपाने की कोशिश की जा रही है। अगर इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई तो प्रधान सचिव स्तर के कई अधिकारी जेल चले जाएंगे। यही कारण है कि आईएएस अफसर की रिपोर्ट नहीं लिखी जा रही है।
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