जब बिहार के लोग CM नीतीश को बोलने लगे थे 'क्विंटलिया बाबा' जानें पूरा किस्सा

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बाढ़ के दौरान अपने सरकार द्वारा किये गये कार्यों का बखान करते हुए कहा कि जब मुझे पहली बार सत्ता मिली थी। तब 2006 के बाद मैंने एसओपी बनाया कि कब किसी परिस्थिति में क्या काम करना है।

Update: 2020-09-07 07:47 GMT
नीतीश कुमार ने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा कि कोविड काल में आर्थिक संकट बढ़ता ही जा रहा है। सामुदायिक किचन से पूरे राज्य में 10 लाख लोगों को खाना खिलाया।

पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बाढ़ के दौरान अपने सरकार द्वारा किये गये कार्यों का बखान करते हुए कहा कि जब मुझे पहली बार सत्ता मिली थी। तब 2006 के बाद मैंने एसओपी बनाया कि कब किसी परिस्थिति में क्या काम करना है।

2007 में 22-23 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए थे, उन्होंने काम किया। एक-एक क्विंटल अनाज बांटा। इसी कड़ी में जब हम दरभंगा गए तो हम सुने कि लोग हमको क्विंटलिया बाबा बोल रहे थे। ये इसलिए था क्योंकि हमने काम किया, पहले कुछ नहीं होता था।

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बाढ़ की फोटो(साभार-सोशल मीडिया)

सरकार के खजाने पर सबसे पहला हक बाढ़ प्रभावितों का

सीएम नीतीश कुमार ने ये बातें ‘निश्चय संवाद’ के नाम से वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कही। नीतीश ने कोरोना काल में किए गए कार्यों का बखान करते हुए विपक्ष को जवाब दिया, साथ ही बाढ़ प्रभावितों की मदद की भी चर्चा की। नीतीश ने कहा कि सरकार के खजाने पर सबसे पहला हक बाढ़ प्रभावितों का है।

नीतीश कुमार ने अपने भाषण की शुरुआत में कोरोना पर सरकार द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा की। लॉकडाउन से लेकर अनलॉक में जो भी नियम बनाए गए उस पर काम करने की बात नीतीश कुमार ने कही।

उन्होंने विपक्ष के सवालों पर जवाब देते हुए ये भी कहा कि कुछ लोग आलोचना करते रहते हैं, बोलते रहते हैं लेकिन हमने शुरुआत से ही कोरोना जांच बढ़ाने के लिए कहा था।

बिहार के सीएम ने कहा, ''आज बिहार में प्रतिदिन 1 लाख 50 हजार से ज्यादा कोरोना जांच हो रही है। सबसे ज्यादा जांच एंटीजन टेस्ट से हो रही है। जांच में शीघ्रता के लिए राज्य सरकार 10 आरटीपीसीआर मशीन खरीद रही है।''

नीतीश कुमार ने बताया कि कोरोना मरीजों के लिए बेड, ऑक्सीजन का पर्याप्त इंतजाम है और जितनी व्यवस्था है उसका पूरा इस्तेमाल भी नहीं हो पा रहा है।

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कोरोना काल में लोगों की आर्थिक मदद की

उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजनों को सरकार की तरफ से 4 लाख रुपये की मदद दी जा रही है। डॉक्टरों के मनोबल को बढ़ाने के लिए एक महीने का अधिक वेतन दिया जा रहा है। साथ ही लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की पूरी मदद की गई। इसके अलावा राशनकार्ड धारकों की मदद की गई।

कोरोना की जांच करते स्वास्थ्यकर्मी की फोटो(साभार-सोशल मीडिया)

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बाढ़ में तत्काल पहुंचाई राहत

नीतीश कुमार ने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा कि कोविड काल में आर्थिक संकट बढ़ता ही जा रहा है। सामुदायिक किचन से पूरे राज्य में 10 लाख लोगों को खाना खिलाया। साथ ही कोरोना की जांच भी कराई।

दूसरी तरफ बाढ़ ने काफी नुकसान किया है। 16 जिले इस बार बाढ़ से प्रभावित हुए और सरकार ने तत्काल राहत पहुंचाई और 5 लाख से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया। खाने के लिए सामुदायिक रसोई चलाई गई। 83 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ प्रभावित हुए।

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