चालबाजी से बाज नहीं आ रहा चीन, खूनी झड़प के बाद बढ़ाए इतने ज्यादा सैनिक

चीन की सेनाओं के संबंध में मिली ताजा रिपोर्ट के अनुसार गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद एलएसी पर चीन लगातार अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है।

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Published on: 6 Sep 2020 3:36 PM GMT
चालबाजी से बाज नहीं आ रहा चीन, खूनी झड़प के बाद बढ़ाए इतने ज्यादा सैनिक
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चालबाजी से बाज नहीं आ रहा चीन, खूनी झड़प के बाद बढ़ाए इतने ज्यादा सैनिक

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: लद्दाख में एलएसी पर सैन्य विवाद बढ़ने के बाद से चीन अपनी चालवादियों से बाज नहीं आ रहा है। दोनों देशों के बीच विवाद की शुरुआत के बाद कई दौर की बातचीत हो चुकी है मगर चीन अपने वादे पर खरा उतरता नहीं दिख रहा है। चीन अपनी सेनाओं को पीछे हटाने की बात तो दूर उल्टे आक्रामक रवैया अपनाने में जुटा हुआ है। चीन की सेनाओं के संबंध में मिली ताजा रिपोर्ट के अनुसार गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद एलएसी पर चीन लगातार अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है। इस झड़प के बाद अभी तक चीन सैनिकों की तैनाती में करीब साठ फीसदी इजाफा कर चुका है।

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भारत-अमेरिका की नजदीकी से भड़का चीन

जानकार सूत्रों का कहना है कि अमेरिका से भारत की बढ़ती दोस्ती चीन को काफी नागवार गुजर रही है। सूत्रों के मुताबिक गलवान से लेकर पैंगोंग झील तक के इलाके का घेराव चीन ने भारत को अमेरिका से करीबी रिश्ते रखने की सजा के तौर पर किया है।

सूत्रों का यह भी कहना है कि अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव तक चीन की एलएसी पर आक्रामकता बने रहने के आसार दिख रहे हैं। हालांकि भारतीय सेना की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई के बाद चीन का रुख थोड़ा नरम होता दिखा है।

भारतीय सेना की त्वरित कार्रवाई

भारत के जांबाज सैनिकों ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सेना को पीछे खदेड़ते हुए ऊंची पहाड़ियों पर फिर से कब्जा जमा लिया है। चीन की सेना को भारत की ओर से इतनी त्वरित कार्रवाई की उम्मीद नहीं थी।

भारतीय सेना ने बेहद खुफिया और सधे हुए अंदाज में पहले पैंगोंग के दक्षिणी किनारे से चीन की सेना को पीछे धकेला और फिर नजदीक चुशुल की चोटियों पर कब्जा जमा लिया। यहां से चीन के सैन्य ठिकानों पर नजर रखने में भारतीय सेना को काफी मदद मिल रही है।

लंबे समय तक चल सकता है तनाव

सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में लद्दाख में मौसम लगातार खराब होता जाएगा। अक्टूबर के बाद इस इलाके में कम तापमान में दोनों सेनाओं के लिए तैनाती बड़ी चुनौती साबित होगी।

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हालांकि भारत की ओर से जाड़े के दिनों में सैनिकों के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जवानों के लिए विशेष कपड़े और उनकी सुरक्षा के लिए विशेष बंदोबस्त किए जा रहे हैं। भारत का मानना है कि लद्दाख में दोनों देशों में तनाव लंबे समय तक चल सकता है।

चीनी सेना की गतिविधि पर पैनी नजर

सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना की ओर से चीन के सैनिकों की हर गतिविधि पर करीबी नजर रखी जा रही है। इसके लिए लेह से लगाता फाइटर जेट उड़ान भर रहे हैं। चीनी रक्षा मंत्री से बातचीत के दौरान भी भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरी तरह साफ कर दिया है कि लद्दाख में एलएसी पर शांति स्थापित करने के लिए चीन को अपने सेना को पीछे हटाना ही होगा।

उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपनी अखंडता को बचाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। ऐसे चीन को उकसावे वाली कार्रवाई से बाज आना चाहिए।

विदेश मंत्री भी रखेंगे मजबूती से पक्ष

दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच यह मुलाकात चीन के रक्षा मंत्री की पहल पर ही हुई थी। चीन के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करने के लिए उनके होटल तक पहुंच गए थे।आने वाले दिनों में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की चीन के विदेश मंत्री के साथ मुलाकात प्रस्तावित है।

सूत्रों के अनुसार इस बैठक में भी भारत की ओर से मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा जाएगा। विदेश मंत्री जयशंकर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि चीन को अपनी आक्रामकता से बाज आना चाहिए और भारत एलएसी पर अपनी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

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