Bihar MLC Election: एमएलसी चुनाव में जीत से प्रशांत किशोर उत्साहित, कहा: BJP और महागठबंधन को जनता कर देगी साफ

Bihar MLC Election: चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद प्रशांत किशोर ने इस जीत को बदलाव का बड़ा संकेत बताया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में जन सुराज कोई दल नहीं है।

Update:2023-04-07 17:15 IST
Bihar MLC Election (सोशल मीडिया)

Bihar MLC Election: बिहार विधान परिषद की पांच सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा और जदयू को दो-दो सीटों पर जीत हासिल हुई है जबकि सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जनसुराज समर्थित प्रत्याशी अफाक अहमद को जीत हासिल हुई है। इस बार राजद का खाता नहीं खुल सका है। अफाक अहमद की इस जीत को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसके जरिए प्रशांत किशोर ने बिहार की सियासत में महत्वपूर्ण दस्तक दे दी है।

सारण में मिली इस जीत से प्रशांत किशोर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन और भाजपा दोनों पर बड़ा हमला बोला है। इन दिनों जन सुराज यात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ने कहा कि आने वाले दिनों में जनता दोनों को साफ कर देगी।

महागठबंधन और भाजपा को साफ कर देगी जनता

चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद प्रशांत किशोर ने इस जीत को बदलाव का बड़ा संकेत बताया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में जन सुराज कोई दल नहीं है ऐसे में लोग सवाल खड़ा किया करते थे कि जब दल ही नहीं बना है तो फिर व्यवस्था में बदलाव कैसे होगा। सारण में सत्तारूढ़ महागठबंधन और भाजपा दोनों दल साफ हो गए हैं। भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि महागठबंधन का वोट कटा है जबकि महागठबंधन के नेता कह रहे हैं कि भाजपा का वोट कटा है।

चुनाव रणनीतिकार ने कहा कि इन दोनों दलों को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि जनसुराज वोट कटवा है। मैंने पहले ही इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि हम न महागठबंधन का वोट काटेंगे और न भाजपा का वोट काटेंगे बल्कि आने वाले दिनों में जनता इन्हें खुद ही वोट काटकर साफ कर देगी।

बच्चों के भविष्य को देखकर देना होगा वोट

प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज पदयात्रा के दौरान मैं लोगों को यही समझाने की कोशिश में जुटा हुआ हूं कि वोट देने में समझदारी दिखानी होगी। जाति, क्षेत्र और संप्रदाय से ऊपर उठकर अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए वोट देना होगा। हमने अपनी ओर से कुछ नहीं किया है बल्कि लोगों को धीरे-धीरे बात समझ में आने लगी है। उन्होंने कहा कि शिक्षक निर्वाचन में मिली हार के बाद महागठबंधन और भाजपा दोनों खेमों में घबराहट दिख रही है।

उन्होंने कहा कि मुझे चुनाव लड़ाने का लंबा अनुभव रहा है और इस अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि जनता पुरी तरह त्रस्त हो चुकी है और व्यवस्था में बदलाव का संकेत मिलने लगा है। उन्होंने सारण में जीत हासिल करने वाले जन सुराज पार्टी से जुड़े अफाक अहमद को किसान का बेटा बताते हुए कहा कि उनकी जीत काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने चुनाव के दौरान एक भी रुपया खर्च नहीं किया मगर जीत हासिल करने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि अफाक अहमद को जन सुराज के नाम पर वोट मिला है और उनकी जीत को साधारण नहीं माना जा सकता।

सारण की जीत इसलिए महत्वपूर्ण

दरअसल, सारण के चुनाव में जन सुराज से जुड़े अफाक अहमद ने बिहार के कद्दावर शिक्षक नेता माने जाने वाले केदारनाथ पांडेय के बेटे आनंद पुष्कर को हराने में कामयाबी हासिल की है। पिछले करीब 35 वर्षों से इस सीट पर कम्युनिस्ट पार्टी का कब्जा रहा है। इस कारण सियासी नजरिए से अफाक अहमद की यह जीत काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उनकी जीत का श्रेय प्रशांत किशोर को दिया जा रहा है क्योंकि उन्होंने ही अफाक अहमद की चुनावी बिसात बिछाते हुए ऐसी रणनीति बनाई जिसमें आनंद पुष्कर को हार का मुंह देखना पड़ा।

सारण शिक्षक निर्वाचन अफाक अहमद को 3055 वोट हासिल हुए हैं जबकि आनंद पुष्कर को 2381 वोट ही हासिल हो सके। इस तरह महागठबंधन को इस चुनाव में 674 वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा। शिक्षक नेता जयराम यादव को 2080 वोट हासिल हुए हैं।

बिहार की सियासत पर असर डालेंगे पीके

भाजपा को इस चुनाव में जबर्दस्त झटका लगा है क्योंकि पार्टी के उम्मीदवार धर्मेंद्र कुमार मात्र 495 मत पा सके। चुनाव मैदान में कई और उम्मीदवार भी उतरे थे और उन्होंने वोट काटने में बड़ी भूमिका निभाई। यदि बात चुनावी समीकरणों की जाए तो प्रशांत किशोर ने अफाक अहमद को जिताने में बड़ी भूमिका निभाई है।

अब प्रशांत किशोर चुनावी जीत से काफी उत्साहित दिख रहे हैं और माना जा रहा है कि अब वे बिहार की सियासत में पूरे दमखम के साथ उतरेंगे। उनकी मौजूदगी बिहार में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी असर डालेगी।

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