अब सड़कों पर लड़ी जाएगी लोजपा पर कब्जे की लड़ाई, आशीर्वाद यात्रा से ताकत दिखाएंगे चिराग

Bihar Politics: चिराग पासवान पिता रामविलास पासवान के जन्मदिन पर 5 जुलाई विविध कार्यक्रम आयोजित करने और इसी दिन हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा शुरू करने की घोषणा की है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update:2021-06-21 11:34 IST

Bihar Politics:  चिराग पासवान (Chirag Paswan) और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) पर कब्जे की लड़ाई में रोज नए सियासी दांव चले जा रहे हैं। चिराग पासवान ने रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर अपनी ताकत दिखाई। उन्होंने अपने पिता और पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) के जन्मदिन पर 5 जुलाई विविध कार्यक्रम आयोजित करने और इसी दिन हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा शुरू करने की घोषणा की है। माना जा रहा है कि इस यात्रा के जरिये वे शक्तिप्रदर्शन करके बागी गुट के दावों की हवा निकालने की कोशिश करेंगे।

दूसरी और चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के नाम पर केवल भीड़ जुटाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि भीड़ दिखाने के लिए बसों में भरकर लोग लाए गए। उन्होंने कहा कि इस बैठक में हिस्सा लेने वाले लोगों के बारे में पता किया जा रहा है और उनके खिलाफ पार्टी से निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।

पूरे बिहार में घूमेगी आशीर्वाद यात्रा

लोजपा के पांच सांसदों के अलग संसदीय गुट बनाने के बाद पार्टी में शुरू हुआ संघर्ष लगातार तीखा होता जा रहा है। पटना में हुई बैठक में पशुपति पारस को पार्टी का नया अध्यक्ष चुने जाने के बाद रविवार को चिराग पासवान ने भी नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित करके यह दिखाने की कोशिश की है कि पार्टी का समर्थन अभी भी उन्हीं के साथ है।



बैठक में चिराग पासवान ने कहा कि रामविलास पासवान के जन्मदिन पर निकाले जाने वाली आशीर्वाद यात्रा पूरे प्रदेश का भ्रमण करेगी और इसके समापन के मौके पर पटना में विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रैली के दिन ही पटना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी आयोजित की जाएगी।

पासवान को भारत रत्न देने की मांग

चिराग गुट की बैठक में पशुपति पारस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया। बैठक में पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान को भारत रत्न देने और बिहार में उनकी बड़ी प्रतिमा लगाने की मांग भी की गई। पार्टी की बैठक में पारित प्रस्ताव में कोरोना से पीड़ित लोगों को घर-घर जाकर मदद करने और टीकाकरण में कार्यकर्ताओं की भागीदारी बढ़ाने का संकल्प भी लिया गया। इसके साथ ही बिहार के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए प्रयास करने का भी वादा किया गया।

बैठक में चिराग ने दिखाई ताकत

चिराग गुट के प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक ने दावा किया कि चिराग ग्रुप की ओर से बुलाई गई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 66 सदस्यों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि 43 सदस्य बैठक में मौजूद थे जबकि 23 सदस्यों ने वर्चुअल ढंग से बैठक में हिस्सा लिया।


बैठक में हिस्सा लेने वालों ने पार्टी के कई प्रमुख पदाधिकारी शामिल थे। 13 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों ने भी बैठक में हिस्सा लिया। खालिक ने बताया कि बैठक में चिराग पासवान के नेतृत्व में पूरी आस्था जताई गई और बैठक में मौजूद सदस्यों को पार्टी संविधान के तहत शपथ भी दिलाई गई।

पारस करेंगे निलंबन की कार्रवाई

दूसरी ओर पशुपति पारस ने चिराग गुट की ओर से बुलाई गई बैठक में हिस्सा लेने वाले नेताओं के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि 2015 के बाद पार्टी की नई कार्यकारिणी नहीं बनाई गई है। ऐसे लोग भी कार्यकारिणी सदस्य बने हुए हैं जो या तो पार्टी छोड़कर जा चुके हैं या उनकी मृत्यु हो चुकी है। चुनाव आयोग के पास पार्टी से जुड़े सारे दस्तावेज भेजे जा चुके हैं और अब आयोग की ओर से जो भी दस्तावेज मांगे जाएंगे, उन्हें आयोग को भेजा जाएगा।

चिराग पासवान पर कसा तंज

पशुपति पारस ने चिराग की ओर से आशीर्वाद यात्रा निकाले जाने का भी स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मेरा आशीर्वाद तो हमेशा चिराग के साथ है, लेकिन सच्चाई तो यह है कि वे आशीर्वाद लेना ही नहीं चाहते। उन्होंने पार्टी नेता सौरव पांडे को घेरते हुए कहा कि सौरव पार्टी नेताओं को चिराग से मिलने ही नहीं देता।



 पशुपति पारस ने चिराग पासवान पर तंज करते हुए कहा कि वे अब मुझे संसदीय दल का नेता बनाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे बिहार प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने वाले चिराग अब इस तरह की बातें करके गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

चिराग की आशीर्वाद यात्रा पर टिकीं नजरें

जानकारों के मुताबिक चाचा-भतीजे की लड़ाई अब काफी दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुकी है और अब चिराग पासवान ने आशीर्वाद यात्रा के जरिये बिहार में अपनी ताकत दिखाने का ऐलान किया है। दोनों पक्षों का संघर्ष अब ऐसे मोड़ पर पहुंच चुका है जहां सुलह-समझौते की कोई गुंजाइश बाकी नहीं रह गई है।
इससे साफ है कि जल्द ही लोजपा का यह झगड़ा बिहार की सड़कों पर लड़ा जाएगा। चिराग ने अपनी ताकत दिखाने के लिए ही आशीर्वाद यात्रा निकालने की घोषणा की है। अब देखने वाली बात यह होगी कि वह अपनी इस मुहिम में कहां तक सफल हो पाते हैं।
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