Bihar Politics: जातीय जनगणना का मुद्दा फिर गरमाया, राजद का नीतीश को साथ देने का बड़ा ऑफर, भाजपा को मुश्किल में डाला

पार्टी का कहना है कि नीतीश कुमार को इस दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और यदि सरकार पर कोई संकट आता है तो राजद नीतीश कुमार का साथ देने को तैयार है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-01-07 11:56 GMT
आरजेडी के चुनाव चिन्ह की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Bihar Politics: बिहार की सियासत में जातीय जनगणना का मुद्दा एक बार फिर गरमाने लगा है। राज्य के मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर ऐसी सियासी चाल चली है जिसने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। राजद ने नीतीश कुमार को जातीय जनगणना के मुद्दे पर फिर साथ आने का ऑफर दिया है।

पार्टी का कहना है कि नीतीश कुमार को इस दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और यदि सरकार पर कोई संकट आता है तो राजद नीतीश कुमार का साथ देने को तैयार है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता ने खरमास के बाद बिहार की सियासत में बड़ा भूचाल आने की बात भी कही है।

राजद की ओर से फेंका गया यह पासा बिहार में भाजपा का तनाव बढ़ाने वाला है। बिहार में लंबे समय से राजद और जदयू की ओर से जातीय जनगणना कराने की वकालत की जा रही है मगर केंद्र सरकार इसके पक्ष में नहीं है। भाजपा के इस रुख के कारण नीतीश कुमार चाहकर भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा पा रहे हैं। इसी कारण राजद की ओर से एक बड़ी सियासी चाल चली गई है।

जातीय जनगणना पर आगे बढ़ें नीतीश

के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य में जातीय जनगणना कराने के लिए कदम आगे बढ़ाना चाहिए। भाजपा की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि कोई मंत्री इस मामले में उनकी बात नहीं सुनता है तो उसे हटा देना चाहिए। यदि इस मामले को लेकर सरकार किसी संकट में आती है तो राजद मदद करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

सीएम नीतीश कुमार की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया) 

बाद में पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने ने इस बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बिहार की सियासत में खरमास के बाद बड़ा भूचाल आने का भी संकेत किया।

भाजपा की न करें कोई चिंता

उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने साफ संदेश दिया है कि बिहार के लोगों के वाजिब हक के लिए स्टैंड लेकर नीतीश कुमार को पीछे नहीं हटना चाहिए। अगर किसी कैबिनेट मंत्री की ओर से मुख्यमंत्री के फैसले का विरोध किया जाता है तो उसे निकाला जाना चाहिए। यदि भाजपा राह में रोड़े अटकाती है तो उसकी भी चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि राजद और महागठबंधन साथ खड़ा है।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि नीतीश कुमार तो जातीय जनगणना के मुद्दे पर आगे बढ़ना चाहते हैं मगर भाजपा सहमत नहीं है। इसी कारण मुख्यमंत्री को साफ संदेश दिया गया है कि वे आगे बढ़ें और हम उनके साथ खड़े हैं।

भाजपा की बढ़ेगी मुसीबत

राजद की ओर से दिया गया यह बयान भाजपा की मुसीबत में बढ़ाने वाला है। जातीय जनगणना के मुद्दे पर धुर विरोधी माने जाने वाले बिहार के दोनों प्रमुख दल राजद और जदयू पूरी तरह एकमत हैं। दोनों ही दलों की ओर से इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की गई थी मगर केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने से इनकार कर दिया है। बिहार सरकार ने अपने खर्चे पर जातीय जनगणना कराने का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कही थी मगर भाजपा की ओर से अभी तक इस बैठक के लिए हामी नहीं भरी गई है। इस बीच राजद ने एक बड़ी सियासी चाल चलकर भाजपा की मुसीबतें बढ़ा दी हैं।

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