Bihar Politics: बिहार में बड़ा सियासी उलटफेर, वीआईपी के सभी विधायक बीजेपी में हुए शामिल
Bihar Politics: कैबिनेट मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी के सभी विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है।
Bihar Politics: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की समाप्ति के बाद से पड़ोसी बिहार (Bihar) में सियासी उठापटक तेज हो गई है। बोचहां विधानसभा उपचुनाव को लेकर गरमाई बिहार की राजनीति में बुधवार को एक बड़ा उलटफेर हुआ है। नीतीश सरकार (Nitish Kumar Government) में कैबिनेट मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के सभी विधायकों ने बीजेपी (BJP) का दामन थाम लिया है। बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में वीआईपी के चार विधायक (VIP MLA) थे, एक के निधन के बाद तीन ही बचे थे।
वीआईपी को तगड़ा झटका
यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान से ही भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले बिहार सरकार (Bihar Government) में पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी को विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही झटके पे झटका दे रही है। बोचहां विधानसभा उपचुनाव में अपना कैंडिडेट उतारने के बाद बीजेपी ने वीआईपी में बड़ी सेँधमारी कर दी। बुधवार शाम वीआईपी के सभी तीन विधायक स्वर्णा सिंह, मिश्रीलाल यादव और राजू सिंह ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से मिलकर बीजेपी के पक्ष में अपना समर्थन पत्र सौंपा।
इस प्रकार बिहार विधानसभा में वीआईपी का बीजेपी में विलय हो गया। बता दें कि ये सभी विधायक अतीत में बीजेपी से ही जुड़े रहे हैं। एक समझौते के तहत उन्हें वीआईपी के सिंबल पर चुनाव लड़ाया गया था। ऐसे में उनकी निष्ठा बदलने का अंदेशा लंबे समय से लगाया जा रहा था।
बीजेपी बनी सबसे बड़ी पार्टी
बिहार में आज शाम हुए इस उलटफेर ने वहां के सियासी समीकरणों को पलट दिया है। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में 74 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी भारतीय जनता पार्टी अब सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है। पार्टी के पास अब 77 विधायक हो गए हैं। इससे पहले ये तमगा मुख्य विपक्षी दल राजद के पास था, जिसके पास 75 सीटें थीं।
एनडीए को स्पष्ट बहुमत
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बेहद मामूली जीत के साथ सरकार बनाने वाली एनडीए के सियासी भविष्य को लेकर कयासों का बाजार गर्म रहता था। मुख्य विपक्षी दल राजद लगातार बिहार में सत्ता परिवर्तन की बात कहता रहता था। उसकी बातों में वजन तब और बढ़ जाता था, जब एनडीए के दो घटक दल हम और वीआईपी बागी तेवर दिखाते थे। हालिया दिनों में कैबिनेट मंत्री मुकेश सहनी लगातार सरकार गिराने की धमकी दिया करते थे, लेकिन बीजेपी के इस दांव ने उनके धमकी की हवा निकाल दी।
बता दें कि बिहार में सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत होती है। एनडीए के पास अब 127 विधायकों का समर्थन हो चुका है। बदले स्वरूप में सीएम नीतीश कुमार की जदयू 45 सीटें और बीजेपी की 77 सीटें मिला दें तो 122 का आंकड़ा आसानी से पहुंच जाता है। ऐसे में अगर चार सीटों वाली हम और एक निर्दलीय विधायक पलटते भी हैं तो सरकार पर कोई आंच नहीं आएगी।
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