नीतीश का तीखा जवाब: किसी और की बोली बोल रहे हैं उपेंद्र कुशवाहा, उन्हें जहां जाना हो वहां चले जाएं
नीतीश का तीखा जवाब: नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच टकराव अब चरम पर पहुंच चुका है। उपेंद्र कुशवाहा अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज नेताओं को एकजुट करने की कोशिश में जुट गए हैं।
नीतीश का तीखा जवाब: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को तीखा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के जदयू में आने के बाद हमने उन्हें काफी आदर-सम्मान दिया है मगर पता नहीं अब वे किसकी भाषा बोल रहे हैं। उनके बयानों से तो यह बात साफ हो गई है कि वे किसी और की भाषा बोल रहे हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें जहां जाना हो, वहां चले जाएं। इस संबंध में फैसला उन्हीं को लेना है।
बांका में समाधान यात्रा के दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान नीतीश ने उपेंद्र कुशवाहा पर अनर्गल बयानबाजी करने का बड़ा आरोप लगाया। नीतीश ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा पार्टी में कई बार आए और गए। इसके बावजूद मैंने हमेशा उन्हें सम्मान दिया है। पिछले दो महीने के दौरान वे अलग तरह की भाषा बोल रहे हैं और सबको पता है कि वे किसके इशारे पर इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।
फैसला लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं कुशवाहा
दरअसल नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच टकराव अब चरम पर पहुंच चुका है। उपेंद्र कुशवाहा अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज नेताओं को एकजुट करने की कोशिश में जुट गए हैं। इसके लिए उन्होंने पटना में दो दिवसीय बैठक भी बुलाई है। 19 और 20 फरवरी को होने वाली यह बैठक सिन्हा लाइब्रेरी में होगी। उन्होंने बैठक के संबंध में जदयू नेताओं को लिखा गया पत्र भी टि्वटर पर पोस्ट किया है।
उपेंद्र कुशवाहा की ओर से उठाए गए कदम के बाद नीतीश ने भी उन्हें तीखा जवाब दिया है। नीतीश कुमार ने भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के बयानों से साफ हो गया है कि सारा खेल कहां से खेला जा रहा है। उपेंद्र कुशवाहा के संबंध में पार्टी के फैसले के सवाल पर नीतीश ने कहा कि अभी पार्टी की ओर से उनके संबंध में कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है। उपेंद्र कुशवाहा जहां जाना चाहे चले जाएं। वे अपने संबंध में फैसला लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं।
राजद से डील पर कुशवाहा ने उठाए सवाल
इस बीच उपेंद्र कुशवाहा ने राजद के साथ हुई डील के मामले को लेकर नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जदयू नेताओं और पदाधिकारियों को लिखे गए पत्र में कुशवाहा ने राजद के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से की गई डील का जिक्र किया है। इस डील को लेकर उपेंद्र कुशवाहा पहले भी सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने नीतीश कुमार से डील की शर्तों का खुलासा करने की मांग की थी।
कुशवाहा ने अपने पत्र में कहा है कि राजद के साथ की गई इस डील ने जदयू नेताओं और कार्यकर्ताओं को झकझोर कर रख दिया है। इसलिए इस मुद्दे पर चर्चा की जानी चाहिए। इसीलिए मैंने 19 और 20 फरवरी को पटना में पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। इस बैठक में राजनीतिक शून्यता की स्थिति को खत्म करने और पार्टी को मजबूत बनाने पर चर्चा होगी।
इस बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कुशवाहा की ओर से पार्टी नेताओं की बैठक बुलाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने राजद के साथ डील की बात को निराधार बताते हुए कहा कि मनगढ़ंत कहानी सुनाकर पार्टी नेताओं को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है।
आर-पार की लड़ाई के मूड में उपेंद्र कुशवाहा
सियासी जानकारों का मानना है कि उपेंद्र कुशवाहा अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिख रहे हैं। उनका कहना है कि जदयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर नीतीश कुमार ने उन्हें सिर्फ झुनझुना थमा दिया है जबकि वास्तविकता में उनके पास कोई अधिकार नहीं है। नीतीश को जवाब देते हुए उन्होंने यह भी कहा था कि मैंने एक झटके में केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ दिया था। इसलिए एमएलसी का पद मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता।
उन्होंने कहा कि वे पार्टी से जुड़े मुद्दों को लगातार उठाते रहे हैं मगर पार्टी नेतृत्व की ओर से उनकी अनदेखी की जा रही है। नीतीश कुमार पहले भी उन्हें पार्टी छोड़कर जाने के लिए कर चुके हैं। नीतीश कुमार के इस बयान पर उपेंद्र कुशवाहा ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा था कि अपना हिस्सा छोड़कर कैसे चले जाएं। कुशवाहा के तेवर को देखते हुए उनके जल्द ही भाजपा में जाने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं।