Bihar News : कोर्ट की फटकार का असर, बिहार के शराबबंदी कानून में ढील के आसार, अब जुर्माना देकर पुलिस स्टेशन से ही होगी रिहाई
Bihar News : बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम में पहली बार संशोधन 2018 में किया गया था। इसके तहत शराब पीते हुए पकड़े जाने के अपराध को जमानती बनाया गया और पुलिस स्टेशन से ही जमानत देने का प्रावधान किया गया।
Bihar News : बिहार में लागू शराबबंदी (Bihar liquor ban) कानून में एक बार फिर बड़े बदलाव की तैयारी है। अब बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम, 2016 में दूसरी बार संशोधन का प्रस्ताव लाया जा रहा है जिसके तहत पहली बार यदि शराब पीते पकड़े गए तो वहीं जुर्माना लेकर छोड़ दिया जाएगा लेकिन दोबारा पकड़े जाने पर जेल भेजा जाएगा।
50,000 रुपये का जुर्माना
बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम (Bihar Prohibition and Excise Act) में पहली बार संशोधन (Amendment) 2018 में किया गया था। इसके तहत शराब पीते हुए पकड़े जाने के अपराध को जमानती बनाया गया और पुलिस स्टेशन (Police station) से ही जमानत देने का प्रावधान किया गया। ये भी प्रावधान किया गया था कि पहली बार शराब पीने के आरोप में पकड़े गए व्यक्ति को 50,000 रुपये का जुर्माना देकर रिहा कर दिया जाएगा। मूल कानून में दस साल की जेल का प्रावधान था और रिहाई का अधिकार सिर्फ कोर्ट के पास था।
मद्य निषेध कानून में दूरदर्शिता का अभाव
दरअसल, दूसरी बार का संशोधन प्रस्ताव शराबबंदी कानून को लागू करने के तरीके को लेकर हो रही आलोचनाओं तथा अदालतों की फटकार के बाद लाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने भी मद्य निषेध कानून में दूरदर्शिता का अभाव बताया था तथा कहा था कि इस वजह से हाईकोर्ट में जमानत के आवेदनों का अंबार लग गया है। जमानत के एक साधारण मामले को निपटाने में कोर्ट को एक साल का वक्त लग जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पीठ ने बीते 11 जनवरी को शराबबंदी कानून के तहत आरोपियों को अग्रिम व नियमित जमानत दिए जाने को चुनौती देने वाली बिहार सरकार की 40 अपीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इन मामलों ने अदालतों को अवरुद्ध कर दिया है और पटना हाईकोर्ट के 14-15 जज सिर्फ ऐसे ही मामलों की सुनवाई कर रहे हैं।
बिहार में शराबबंदी कानून का उल्लंघन
सरकारी आंकड़ों के अनुसार बिहार में शराबबंदी कानून के उल्लंघन में चार लाख लोग गिरफ्तार किए गए हैं और जमानत के करीब बीस हजार मामले लंबित पड़े हैं। राज्य की 59 जेलों के 70,000 कैदियों में करीब 25,000 इस शराबबंदी कानून के उल्लंघन के आरोपित हैं।
15 दिनों में ही पांच हजार लोग गिरफ्तार
कोर्ट में शराबबंदी कानून के उल्लंघन में चल रहे 30 से 40 प्रतिशत मामले शराब पीने वालों के खिलाफ हैं। इस कानून में किए जा रहे संशोधन का उद्देश्य अदालतों में लंबित मामलों में कमी लाना तथा शराब माफिया व तस्करों को जल्द से जल्द सजा दिलाना है।जनवरी महीने के 15 दिनों में ही पांच हजार लोग गिरफ्तार किए गए हैं तथा एक से 15 जनवरी के बीच करीब डेढ़ लाख लीटर अवैध शराब जब्त की गई है।
नए संशोधन में शराब पीने तथा बेचने के आरोप में पकड़े गए लोगों के लिए अलग-अलग कोर्ट बनाने का प्रस्ताव है, ताकि तेज गति से मामलों का निपटारा किया जा सके। इस उद्देश्य से न्यायालयों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है।