Bihar Politics: बिहार बीजेपी को बड़ा झटका, राजीव रंजन ने दिया इस्तीफा...संजय जायसवाल को लिखे पत्र में निकाली भड़ास

Rajiv Ranjan Resign BJP: बिहार बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर अपनी भड़ास निकाली।

Written By :  aman
Update: 2022-12-30 10:55 GMT

राजीव रंजन (Social Media)

Rajiv Ranjan Resign BJP: बिहार की राजनीति में हलचल जारी है। साल 2022 जाते-जाते बिहार भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बड़ा झटका लगा है। बिहार बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन (Rajiv Ranjan Resign BJP) ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता तथा अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बीजेपी नेता राजीव रंजन ने शुक्रवार (30 दिसंबर) को एक पत्र बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को लिखा। जिसमें उन्होंने अपने इस्तीफे से संबंधित जानकारी दी है। राजीव रंजन ने पार्टी पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। 

बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को लिखे पत्र में राजीव रंजन ने कहा, 'बिहार बीजेपी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और आदर्शों से पूरी तरह भटक चुकी है। वो लिखते हैं, प्रधानमंत्री के कहे 'सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास' की बात केवल कहने तक ही सीमित हो चुकी है। आज बिहार बीजेपी में पिछड़ा/अतिपिछड़ा व दलित समाज विरोधी तत्व हावी हो चुके हैं। हालात ये हैं कि, जो नेता पिछड़े समाज के नहीं हैं वो भी इस समाज के नाम पर दशकों से सत्ता का सुख भोग रहे हैं।' उन्होंने लिखा ऐसे में उनका मन पार्टी से उचट चुका है। 

गंभीर आरोप- पार्टी का एजेंडा सिर्फ पटना तक ही

राजीव रंजन पत्र में लिखते हैं, चहेते चंद नेताओं के अलावा बिहार बीजेपी में पिछड़ा, अतिपिछड़ा और दलित समाज के नेताओं का उपयोग केवल झंडा ढोने तक ही सीमित हो चुका है। पार्टी के भीतर ऐसा होना प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों (Prime Minister Modi's policies) की उपेक्षा है। राजीव रंजन ने कहा, पार्टी का एजेंडा सिर्फ राजधानी पटना तक ही सीमित रह गया है। उन्होंने आरोप लगाया, नालंदा जिले की बात तक नहीं होती। ये नालंदा सहित अन्य जिलों की उपेक्षा है। क्षेत्र में जनता जब सवाल पूछती है तो हम जवाब तक नहीं दे पाते। 

'त्यागपत्र स्वीकार करें'

बिहार बीजेपी नेता राजीव रंजन ने बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से आग्रह किया है कि, उनके त्यागपत्र को स्वीकार कर लें। उन्हें पार्टी द्वारा दिए गए दायित्वों से मुक्त किया जाए। ये भी कहा कि, कई अन्य विषय भी हैं जिन पर उनका पार्टी से मत मेल नहीं खाता। जिसे वो पत्र में लिख नहीं सकते। लेकिन, आने वाले समय में वह उसे उठाते रहेंगे। आखिर में लिखा पार्टी के पद और सदस्यता से अपना त्यागपत्र देता हूं।'

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