Caste Census In Bihar: बिहार में जातीय जनगणना का रास्ता साफ, सर्वदलीय बैठक में हुआ फैसला

Caste Census In Bihar: राजधानी पटना में हुए सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) में राज्य में जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया गया है।

Update: 2022-06-01 13:01 GMT

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Caste Census In Bihar: बिहार में लंबे समय से जातीय जनगणना (Caste Census) कराने को लेकर चल रही सियासी उठापटक का अब पटाक्षेप हो गया है। राजधानी पटना में हुए सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) में राज्य में जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने इसकी पुष्टि की है।

मुख्यमंत्री सचिवालय में आज शाम चार बजे सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) हुई। बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी दल शामिल हुए। बैठक में राज्य में किस तरह जातीय जनगणना कराई जाए और इसकी रूपरेखा क्या होगी, इस पर सभी सियासी दलों ने अपना पक्ष रखा।

बैठक को लेकर बोले- सीएम नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि, सर्वदलीय बैठक में एकमत से बिहार में जातीय जनगणना कराने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में इसे लेकर जल्द ही कैबिनेट से एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा। जातीय जनगणना को सही तरीके से कराने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दी जाएगी।

सर्वदलीय बैठक में वीआईपी की नो एंट्री

जातीय जनगणना पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सन ऑफ मल्लाह और पूर्व कैबिनेट मंत्री मुकेश सहनी की पार्टी को नहीं बुलाया गया। उनकी विकशसील इंसान पार्टी महीने भर पहले सत्ताधारी एनडीए का हिस्सा हुआ करती थी। मगर पार्टी में हुई जबरदस्त तोड़फोड़ के बाद वीआईपी विधानसभा में शून्य पर पहुंच चुकी है। जबकि विधान परिषद में वो अकेले अपने पार्टी के मेंबर हैं।

सर्वदलीय बैठक न बुलाए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि उनकी पार्टी आरंभ से ही जातीय जनगणना के पक्ष में रही है और सीएम नीतीश के स्टैंड का हमेशा समर्थन किया है। सहनी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार की अगुवाई में प्रधानमंत्री के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में भी में खुद भाग लिया था, मगर राज्य में सर्वदलीय बैठक में वीआईपी को नहीं बुलाया जाना समझ से परे हैं।

नीतीश के तेवर के सामने बीजेपी झुकी

बता दें कि बिहार विधानमंडल से दो बार सर्वसम्मति से जातीय जनगणना कराने का प्रस्ताव पारित करवाया जा चुका है। लेकिन फिर भी ये अधर में लटका हुआ था। दरअसल, इसके पीछे बीजेपी की अनिच्छा थी। बीजेपी नहीं चाहती थी कि राज्य में जातीय जनगणना कराए जाए। यही वजह है कि जब सीएम नीतीश के नेतृत्व में बिहार से नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी शामिल थे, पीएम मोदी से मिले तब भी कोई इसका रास्ता नहीं निकला। लेकिन इस मुद्दे पर नीतीश और तेजस्वी की बढ़ती नजदीकी ने बीजेपी के कान खड़े कर दिए और पार्टी ने अंततः जातीय जनगणना कराने पर हामी भर दी। 

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