Bihar Caste Survey Data: बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी, 63 फीसदी आंकड़े के साथ OBC सब पर भारी, जानिए किस जाति की कितनी आबादी

Bihar Caste Survey Data: बिहार में यदि जातिगत आधार पर बात की जाए तो सबसे ज्यादा संख्या यादव जाति से जुड़े हुए लोगों की है और उनकी आबादी करीब 14 फीसदी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-10-02 08:36 GMT

Bihar Caste Survey Data: बिहार सरकार ने बहुप्रतीक्षित जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं। सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी 36.1 फ़ीसदी है। पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 फ़ीसदी,अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 19.65 फ़ीसदी और अनुसूचित जनजाति से जुड़े लोगों की संख्या 1.68 फ़ीसदी है। अनारक्षित वर्ग की आबादी करीब 15 फ़ीसदी है। इस वर्ग में वे जातियां शामिल हैं जिन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलता।

बिहार में यदि जातिगत आधार पर बात की जाए तो सबसे ज्यादा संख्या यादव जाति से जुड़े हुए लोगों की है और उनकी आबादी करीब 14 फीसदी है। जहां तक ब्राह्मणों की आबादी का सवाल है तो राज्य में करीब 3.66 फ़ीसदी ब्राह्मण हैं। देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार की ओर से जारी किए गए जातिगत जनगणना के आंकड़े को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। अब बिहार में आंकड़ों के आधार पर सियासी उठापटक तेज होने की संभावना है। विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की ओर से पूरे देश में जातिगत जनगणना करने की मांग जोर पकड़ रही है।

लंबे समय से चल रही थी खींचतान

बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर लंबे समय से खींचतान चलती रही है। बिहार सरकार की ओर से पहले इस बाबत केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया था मगर केंद्र सरकार के सहमत न होने पर नीतीश सरकार ने राज्य में अपने स्तर पर जातिगत जनगणना कराई है। बाद में यह मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था मगर इस बाबत दायर याचिकाओं के खारिज होने के बाद आखिरकार राज्य में जातिगत जनगणना का काम पूरा हो गया है। बिहार सरकार की ओर से विकास आयुक्त और मुख्य सचिव का प्रभार संभालने वाले विवेक सिंह ने जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी किए।

ओबीसी सब पर भारी

उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि एक जून 2022 को सर्वदलीय बैठक में बिहार में जाति आधारित गणना कराने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया था। इसके बाद दो जून 2022 को राज्य मंत्रिपरिषद के फैसले के आधार पर राज्य में जाति आधारित गणना को दो चरणों में फरवरी 2023 तक संपन्न कराने का निर्णय लिया गया था। बिहार में हुई जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में पिछड़ा वर्ग 27.13% है। अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% है।

जातिगत जनगणना में यादव सबसे ज्यादा

जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में हिंदुओं की संख्या 81.99 फ़ीसदी और मुसलमानों की आबादी 17.7 फ़ीसदी है। यदि जातिगत आधार पर देखा जाए तो यादवों की संख्या 14.26 फ़ीसदी, रविदास की 5.2 फीसदी, कोइरी की 4.2 फीसदी, ब्राह्मणों की 3.65 फीसदी,राजपूतों की 3.45 फ़ीसदी, मुसहर की 3.08 फ़ीसदी, भूमिहार की 2.86 फ़ीसदी, कुर्मी की 2.8 फीसदी, मल्लाह की 2.60 फ़ीसदी, बनिया की 2.31 फ़ीसदी और कायस्थों की 0.60 फ़ीसदी है।

बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ से अधिक

विवेक सिंह ने कहा कि न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर राज्य सरकार ने राज्य के सभी धर्मों एवं जातियों की गणना के काम को पूरा किया है। बिहार में हुई गणना के अनुसार पूरे बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 पाई गई है। इसमें बिहार में बाहर के रहने वालों की संख्या 53 लाख 72 हजार 22 है। बिहार में रहने वालों की कुल जनसंख्या 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार 288 है।

उन्होंने बताया कि बिहार में पुरुषों की कुल संख्या छह करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 है जबकि महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 है। अन्य की संख्या 82 हजार 836 पाई गई है। जनगणना में 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं पाई गई हैं। पूरे बिहार में कुल दो करोड़ 83 लाख 44 हजार 107 परिवार का सर्वे किया गया है।

जातिगत जनगणना के आधार पर बनेंगी योजनाएं

जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में जाति आधारित जनगणना के लिए विधानमंडल में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था। उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद की मंजूरी के बाद राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से राज्य में जाति आधारित जनगणना का काम कराया है। जाति आधारित जनगणना से न केवल विभिन्न जातियों के संबंध में जानकारी मिली है बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति का ब्योरा भी जुटाया गया है। अब इसी आधार पर सभी वर्गों के उत्थान और विकास के लिए आगे कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि शीघ्र ही विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक बुलाई जाएगी और सभी को जातिगत जनगणना के आंकड़ों के संबंध में जानकारी दी जाएगी।

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