Bihar Employment Politics: सीएम नीतीश के नियुक्त पत्र पर भाजपा का हमला, 25 साल में भी नहीं दे पाएंगे दस लाख नौकरी
Bihar Employment Politics: बिहार में अब बहाली प्रक्रिया को लेकर सियासत हो रही है। सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार रोजगार की बात कह रहे हैं।
Bihar Employment Politics: बिहार में अब बहाली प्रक्रिया को लेकर सियासत हो रही है। महागठबंधन की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव लगातार रोजगार की बात कह रहे हैं। सरकार लगातार नियुक्ति पत्र बांट रही है और युवाओं को 10 लाख रोजगार देने का वादा भी कर चुकी है। रोजगार के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां तक कह दिया कि केंद्र सरकार, बिहार की मदद नहीं कर रही है। दिल्ली वाले कब क्या कर दें, उसका कोई ठिकाना नहीं है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया। देता, तो बिहार और ज्यादा आगे बढ़ा होता। सभी पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा मिलनी चाहिए।
वहीं गुरुवार को 183 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी समीक्षा में यह बात आई कि उर्दू से जुड़े कर्मियों के स्वीकृत पद 2247 हैं। इसमें 1294 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सभी स्वीकृत पदों पर जल्द नियुक्ति होगी।
सुशील मोदी ने किया दावा
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद सियायत गरमा गई है। सामूहिक नियुक्तियां करने वाले चार आयोगों के शीर्ष प्रशासनिक पद आधे से ज्यादा खाली हैं। अधिकांश विभागों में काम की रफ्तार सुस्त है। सुशील मोदी ने दावा किया कि बिहार सरकार 25 साल में 10.5 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा पूरा नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार लोकसेवा आयोग में 6 में से 3 सदस्य कार्यरत हैं।
एक पद 22 माह से और दो पद 6 माह से खाली हैं। विश्वविद्यालय सेवा आयोग में सहायक प्रोसेसर के लिए 43 सौ पदों नियुक्ति की प्रक्रिया तीन वर्ष से चल रही है। सुमो ने कहा कि रिक्त पदों पर 4.5 लाख और नए पदों पर 5.5 लाख नियुक्तियां संभव नहीं है।
बिहार की जनता सब देख रही है
वहीं नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने तंज कसते हुए कहा कि महागठबंधन की सरकार एनडीए सरकार द्वारा दी गई बहाली का नियुक्ति पत्र बांट रही है और रोजगार देने का डंका पीट रही है। 2 अगस्त 2022 को एनडीए सरकार ने 4235 नवनियुक्त राजस्व कर्मचारियों को जिला आवंटित कर उसका नियुक्ति पत्र राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया था। इसके बाद महागठबंधन की सरकार ने इन्हें पटना के ज्ञान भवन बुलाया और नियुक्ति पत्र बांटे। बिहार की जनता सब देख रही है।