Bihar Politics: मांझी ने दूर की NDA की बेचैनी, फ्लोर टेस्ट में समर्थन का ऐलान, कहा- गरीब हैं मगर बेईमान नहीं...

Bihar Politics: राज्य में सियासी उठापटक के बीच मांझी ने एनडीए को समर्थन देने का स्पष्ट ऐलान कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि मैं जहां हूं,वहीं बना रहूंगा। हम गरीब हो सकते हैं मगर बेईमान नहीं।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-02-11 05:44 GMT

जीतन राम मांझी (सोशल मीडिया)

Bihar Politics: बिहार में नीतीश सरकार को सोमवार को विश्वासमत हासिल करना है, मगर उससे पहले राज्य में सियासी हलचल काफी तेज हो गई है। सभी दलों के नेता अपने विधायकों को टूटने से बचने की कोशिश में जुटे हुए हैं। राजद विधायकों को पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के घर रोक लिया गया है तो जदयू भी लगातार बैठकें करके अपने विधायकों को एकजुट बनाए रखने की कोशिश में जुटा हुआ है।

इस बीच सबकी निगाहें हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के मुखिया और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर लगी हुई हैं। मांझी की पार्टी के राज्य विधानसभा में चार विधायक हैं और उनका वोट काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राज्य में सियासी उठापटक के बीच मांझी ने एनडीए को समर्थन देने का स्पष्ट ऐलान कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि मैं जहां हूं,वहीं बना रहूंगा। हम गरीब हो सकते हैं मगर बेईमान नहीं। उन्होंने कहा कि अब किसी भी प्रकार का खेल नहीं होने वाला है।

एनडीए के समर्थन में वोट देने का ऐलान

दरअसल बिहार के सियासी हलकों में मांझी के रुख को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही हैं। नीतीश सरकार में मांझी के बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाया गया है मगर मांझी सिर्फ एक मंत्री पद को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं। वे इस बाबत अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर कर चुके हैं। उनका कहना है कि उनके दल को कम से कम दो मंत्री पद और महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलने चाहिए। मांझी की इस नाराजगी को देखते हुए विश्वासमत के दौरान उनके रुख को लेकर आशंकाएं जताई जाती रही हैं।

इस बीच मांझी ने विश्वासमत के दौरान अपना रुख पूरी तरह साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमने 10 फरवरी को ही पार्टी के चार विधायकों को व्हिप जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे सभी विधायक विधानसभा में मौजूद रहेंगे और फ्लोर टेस्ट के दौरान एनडीए गठबंधन का समर्थन करेंगे। मांझी ने कहा कि हम सदन में चर्चा के दौरान सरकार के समर्थन में अपनी बात रखेंगे और मतदान की स्थिति में एनडीए गठबंधन के पक्ष में वोट डालेंगे।

हम गरीब हो सकते हैं मगर बेईमान नहीं

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं पिछले 43-44 वर्षों से राजनीति के मैदान में सक्रिय हूं। राजनीति के मैदान में सक्रिय होने के कारण तमाम लोग मुलाकात करने के लिए आते रहते हैं और मैं किसी से मुलाकात से इनकार नहीं करता हूं। हम बहुत पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं। हम गरीब हो सकते हैं मगर बेईमान नहीं हो सकते। मांझी ने कहा कि मैं जहां हूं, वहीं रहूंगा और अंतिम वक्त तक वहीं बना रहूंगा।

अब कोई खेल नहीं होने वाला

मांझी ने विश्वासमत के दिन किसी भी प्रकार का खेल होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि जो कुछ होना था, वह हो चुका है और अब किसी भी प्रकार का खेल नहीं होगा। मांझी ने एक्स पर पोस्ट किया- जो खेला होना था, हो गया। अब कुछ नहीं होने वाला। मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए मजबूत था, है और रहेगा। वैसे फिर भी किसी को खेला खेलने का मन है, तो दुकान पर जाकर खिलौना ले ले। सस्ता, मजबूत एवं टिकाऊ खिलौना बेचते हैं विकास बाबू। उन्होंने खिलौने के दुकानदार विकास की तस्वीर भी पोस्ट की है।

माले विधायक से मुलाकात के बाद लग रही थीं अटकलें

दरअसल भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने शनिवार को मांझी से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई थी। इस मुलाकात के बाद बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई थी और यह चर्चा सुनी जा रहे थी कि विश्वासमत के दौरान मांझी एनडीए गठबंधन को गच्चा दे सकते हैं।

महबूब आलम की मांझी से मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए मांझी के बेटे और नीतीश सरकार में मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि इस मुलाकात से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। हमारा तो मानना है कि महबूब आलम बेकार में जंगलराज में फंसे हुए हैं। अगर वे भी एनडीए गठबंधन में शामिल हो जाएं तो काफी अच्छा रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुमत है और यदि कोई विधायक एनडीए में आना चाहता है तो उसका स्वागत है।

दूसरी ओर भाकपा माले विधायक महबूब आलम ने 12 फरवरी को विश्वासमत के दौरान खेल होने का दावा किया। उन्होंने इस प्रश्न का स्पष्ट उत्तर नहीं दिया था कि क्या वे महागठबंधन की ओर से मांझी के लिए कोई प्रस्ताव लेकर गए थे?

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