Patna High Court: हाई कोर्ट का अहम फैसला, बंदूक की नोक पर मांग भरना अब शादी नहीं कहलाएगी, फिर चर्चा में आया बिहार का पकड़ौआ

Patna High Court: बिहार की जिन शादियों पर फिल्में तक बन चुकी हैं, आज उन्हें पटना हाईकोर्ट के एक फैसले के साथ ही अवैध मान लिया गया है। शादियों का सीजन आते ही बिहार में इसकी चर्चा होती है, लेकिन इस बार इस चर्चा का कारण हाईकोर्ट का यह फैसला है।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update: 2023-11-24 09:38 GMT

Patna High Court  (photo: social media )

Patna High Court: पटना हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने पकड़ौआ शादी को अमान्य बताते हुए कहा है कि जबरदस्ती की गई शादी मान्य नहीं होगी। बंदूक की नोंक पर मांग भरना शादी नहीं कहलाएगी। यानी किसी भी महिला की मांग में जबरन सिंदूर लगाना हिन्दू कानून के तहत शादी नहीं है। जब तक दूल्हा और दुल्हन पवित्र अग्नि के चारों फेरे नहीं ले या दोनों के बीच सहमति न हो, तब तक शादी वैध नहीं मानी जाएगी। गुरुवार को पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अरुण कुमार झा और जस्टिस पीबी बजंथ्री ने दस साल पहले हुए पकड़ौआ शादी के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने पकड़ौआ शादी को अमान्य बताया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सबूत और गवाह के आधार पर पकड़ौआ विवाद को अमान्य कर दिया।

रविकांत की 30 जून 2013 को जबरन कर दी गई थी शादी-

दरअसल, नवादा निवासी रविकांत की शादी 30 जून 2013 को जबरन कर दी गई थी। वह अपने चाचा के साथ मंदिर गए थे, इसी दौरान उन्हें अगवा कर लिया गया। इसके बाद बंदूक के बल पर जबरन लड़की की मांग भरवाई गई। इसके बाद रविकांत ने लखीसराय के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में केस दायर किया। रविकांत ने पकड़ौआ को रद्द करने के लिए फैमिली कोर्ट भी गए थे। लेकिन, 27 जनवरी, 2020 को कोर्ट ने इनकी याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद भी रविकांत हार नहीं मानें और उन्होंने न्याय के लिए पटना हाईकोर्ट का खरवाजा खटखटाया।

कथित विवाह कानून की नजर में अमान्य है

हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी। साथ ही कहा कि दुल्हन यह साबित करने में विफल रही कि दूल्हा और दुल्हन द्वारा सात फेरे लिए गए थे। कोर्ट ने यह भी माना कि 2020 में फैमिली कोर्ट के निष्कर्ष त्रुटिपूर्ण थे। गवाही के दौरान पुजारी उस स्थान के बारे में बताने में भी सक्षम नहीं था, जहां विवाह संस्कार पूर्ण हुआ था। पुजारी को तो विवाह स्थल तक के बारे में पता नहीं। कथित विवाह कानून की नजर में अमान्य है।

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