Ram Vilas Paswan Death Anniversary: पहली बार चाचा-भतीजा आमने-सामने, चिराग ने किया पारस का स्वागत
जनशक्ति पार्टी (LJP) के नेता पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) पटना स्थित चिराग पासवान के घर पहुंचे। उन्होंने एलजेपी के संस्थापक और अपने बड़े भाई राम विलास पासवान (Ram vilas Paswan) को पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी।
Ram Vilas Paswan Death Anniversary: लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan Death Anniversary) की पहली बरसी के मौके पर पटना स्थित आवास पर पूरा परिवार इकट्ठा हुआ। लोजपा (LJP) में टूट के बाद पहली बार चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) और चिराग पासवान (Chirag Paswan) का आमना-सामना हुआ। इस दौरान चिराग ने अभिवादन के साथ चाचा का स्वागत किया। चाचा पारस ने भी अपने बड़े भाई रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि अर्पित की। चाचा और भतीजे की यह मुलाकात आगे चलकर क्या गुल खिलाएगी, यह देखने वाली बात होगी।
चिराग पासवान ने बरसी के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव समेत अन्य प्रमुख नेताओं को भी आमंत्रित किया था। इनमें से कोई भी प्रमुख नेता बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचा। पीएम मोदी ने शनिवार की देर रात चिराग पासवान से फोन पर बातचीत की थी। उसके साथ ही उन्होंने चिराग के पास रामविलास पासवान के योगदान को याद करते हुए संदेश भी भेजा। चिराग का कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यक्रम में पहुंचने की उम्मीद थी मगर वे इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे।
बरसी कार्यक्रम में इकट्ठा हुआ पूरा परिवार
लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान की पहली बरसी के मौके पर उनके कृष्णापुरी स्थित आवास पर पूरा परिवार जुटा। चिराग पासवान के साथ उनकी मां रीना पासवान, बड़ी मां राजकुमारी देवी और परिवार के कई अन्य लोग मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान हर किसी की नजर लोजपा में टूट की अगुवाई करने वाले केंद्रीय मंत्री और चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस पर टिकी हुई थी।
पारस लोजपा के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के साथ इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। उन्होंने रामविलास पासवान के चित्र पर पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। चिराग के लिए यह बड़ी चुनौती मानी जा रही थी कि वे बरसी के कार्यक्रम के मौके पर पूरे परिवार को इकट्ठा करें।.इस काम में चिराग कामयाब हुए। वैसे भविष्य में चिराग पूरे परिवार को एकजुट रखने में कहां तक कामयाब होंगे, इस सवाल का जवाब अभी मिलना बाकी है।
लोजपा में टूट से चिराग को लगा झटका
चिराग के चाचा पशुपति पारस की अगुवाई में लोजपा के 5 सांसदों की बगावत के बाद चिराग पासवान पार्टी में पूरी तरह अलग-थलग पड़ चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में लोजपा के टिकट पर छह सांसद चुने गए थे जिनमें से 5 सांसदों ने लोकसभा में अलग ग्रुप बना लिया है। पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्री बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिराग पासवान का एक और बड़ा झटका दिया है।
लोजपा से अलग हुए गुट को स्पीकर ओम बिरला ने भी मान्यता दे दी है। स्पीकर के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई । चिराग की याचिका भी खारिज की जा चुकी है। ऐसे में चिराग अपनी पार्टी में ही पूरी तरह अकेले पड़ गए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि भतीजे चिराग और चाचा पारस के बीच आने वाले दिनों में क्या समीकरण बनते हैं। वैसे बरसी के कार्यक्रम में पूरे पासवान परिवार के इकट्ठा होने पर लोजपा समर्थकों में खुशी दिखी। समर्थकों ने उम्मीद जताई कि इस बरसी कार्यक्रम के बाद चाचा और भतीजे के बीच दूरियां समाप्त हो जाएंगी।
पीएम खुद नहीं पहुंचे मगर भेजा चिराग को संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बरसी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने तो नहीं पहुंचे । मगर उन्होंने संदेश भेजकर रामविलास पासवान के योगदान को जरूर याद किया। पीएम मोदी ने अपने संदेश में रामविलास पासवान को बिहार का गौरव, महान सपूत और सामाजिक न्याय का मसीहा बताया है। उन्होंने अपने संदेश में रामविलास पासवान की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि वे आजीवन गरीबों और दलितों की लड़ाई लड़ते रहे। उन्होंने लोगों को पासवान से नसीहत लेने की भी सलाह दी।
पीएम मोदी ने शनिवार की रात चिराग पासवान से फोन पर बातचीत भी की थी। इसके बाद उन्होंने चिराग को लिखे पत्र में रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि अर्पित की। चिराग ने इस बाबत ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के पत्र के लिए आभार जताया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का पत्र मेरे और मेरे परिवार के लिए शक्ति प्रदान करने वाला है।
कार्यक्रम में नहीं पहुंचे नीतीश कुमार
रामविलास पासवान की बरसी पर आयोजित इस कार्यक्रम में समर्थकों का भारी हुजूम जुटा। चिराग पासवान ने श्रद्धांजलि कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले लोगों के प्रति हार्दिक आभार जताया है। उन्होंने कहा कि बरसी कार्यक्रम के मौके पर जुटी भीड़ इस बात का संकेत है कि आज भी बिहार में रामविलास पासवान की लोकप्रियता पूरी तरह कायम है। बरसी कार्यक्रम में हर किसी की नजर इस बात पर टिकी हुई थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसमें हिस्सा लेने पहुंचते हैं या नहीं । मगर आखिरकार नीतीश कुमार इसमें नहीं पहुंचे।
इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए चिराग ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कार्यक्रम में जरूर पहुंचेंगे मगर वे नहीं आए। उन्होंने अपनी ओर से सिर्फ डेढ़ लाइन की शोक संवेदना भेजी है। इस मौके पर चिराग ने एक बार फिर रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि देश की तरक्की में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें भारत रत्न का सम्मान दिया जाना चाहिए।