Bihar: 9 साल की उम्र में पहली जेल, छोटे सरकार के नाम से मशहूर, कौन हैं बाहुबली नेता अनंत सिंह
Bihar Politics: बिहार में छोटे सरकार के नाम से चर्चित अनंत सिंह को पेरोल पर रिहा कर दिया गया है। उन्हें 15 दिनों के लिए पेरोल दिया गया है। आइए, जानते हैं आखिर कौन हैं बाहुबली नेता अनंत सिंह?
Anant Singh: बिहार सरकार के गृह मंत्रालय ने जेल में बंद बाहुबली नेता अनंत सिंह को इलाज कराने के लिए 15 दिनों के पेरोल पर रिहा करने का निर्देश दिया है। आज यानी 5 मई की सुबह पटना की बेऊर जेल प्रशासन ने उन्हें रिहा किया। कोर्ट ने एके 47 रखने के अपराध में 10 साल की सजा सुनाई थी। बता दें, बिहार की हॉट सीट मुंगरे पर 13 मई को वोटिंग है और ऐसे में मतदान से कुछ दिन पहले अनंत सिंह जेल से रिहा हुए हैं। अनंत सिंह के बाहर आने से उनके समर्थकों में काफी उत्साह का माहौल है। बीते 5 सालों से अनंत सिंह जेल में बंद हैं। सुबह से ही जेल के बाहर अनंत सिंह के समर्थकों का हुजूम देखने को मिला। जेल से बाहर निकलते ही अनंत सिंह का टशन दिखने लगा। उन पर बुलडोजर से फूलों की बारिश की गई। वहीं सैकड़ों गाड़ियों का काफिला भी साथ में मौजूद था। आइए, और विस्तार से जानते हैं बाहुबली नेता अनंत सिंह के व्यक्तित्व को।
छोटे सरकार के नाम से जाने जाते हैं अनंत सिंह
बात बिहार की राजनीति और दबदबे की हो और मोकामा की चर्चा न हो ऐसा हो नहीं सकता। अनंत सिंह का नाम न आए, ऐसा संभव ही नहीं है। 'छोटे सरकार' और 'मोकामा के डॉन' के नाम से बिहार में चर्चित पूर्व विधायक ‘अनंत सिंह’ की मोकामा में समानांतर सरकार चलती है। रौबदार मूंछें, काउबॉय हैट और हमेशा चश्मा पहनने के शौकीन अनंत सिंह पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं। घर से एके-47 और बम तक बरामद हो चुके हैं।
हाथी-घोड़ा और बग्घी के शौकीन हैं अनंत
बाहुबली नेता अनंत सिंह के वैसे तो कई शौक हैं, लेकिन उनमें हाथी-घोड़ा, बग्घी, कीमती विदेशी गाड़ियों और सोने के मुकुट को लेकर वे हमेशा चर्चा का विषय बने रहते हैं। विश्वप्रसिद्ध सोनपुर पशु मेले में अनंत सिंह का घोड़ा हमेशा आकर्षण का केंद्र रहा। वे अपने मवेशियों के गले में हमेशा सोने की चेन पहनाते थे। उनके बादल और लाडला नाम के घोड़े ने चर्चा बटोरी थी। इस साल फरवरी में बिहार के जहानाबाद में आयोजित घोड़ा रेस प्रतियोगिता में ‘लाडला’ ने बाजी मारी थी। अनंत सिंह के पास बग्घी भी है, जिसे उन्होंने दिल्ली से मंगवाया था। उन्हें मर्सडीज जैसी महंगी गाड़ी भी बेहद पसंद है।
9 साल की उम्र में पहली बार लगे थे हत्या के आरोप
छोटे सरकार के नाम से चर्चित नेता अनंत सिंह का जन्म 1 जुलाई 1961 को हुआ था। महज 9 साल की उम्र में उनपर पहली बार हत्या के आरोप लगे थे। इसके बाद 15 साल की उम्र में उन्हें दूसरी बार जेल जाना पड़ा था। कम उम्र में मोकामा क्षेत्र में अपना दबदबा जमाने और चार भाइयों में सबसे छोटे होने की वजह मोकामा की जनता उन्हें छोटे सरकार के नाम से बुलाने लगे। 90 के दशक तक उनकी छवि राबिनहुड वाली भी रही।
बड़े भाई की गद्दी पर बैठे अनंत
अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह का भी मोकामा क्षेत्र में काफी वर्चस्व था। वे भी बाहुबली छवि के नेता माने जाते थे और मोकामा से विधायक भी रहे थे। लेकिन 2000 में सूरजभान सिंह से चुनाव हार गए। 2003 में उन्हें विधान पार्षद चुना गया, मगर 2006 में हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई। इसी बीच बिहार सरकार का तख्ता पलट हो गया। कभी लालू यादव के बेहद करीबी रहे बाहुबली नेता अनंत सिंह 2005 में जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की। इस तरह उन्होंने अपने भाई की खोई हुई कुर्सी पर बैठे और आगे अपना राजनीतिक दबदबा बनाया।
घर से बरामद हुई थी एके - 47
अनंत सिंह के घर से प्रतिबंधित एके-47 रायफल, हैंड ग्रेनेड और 27 गोलियां भी मिल चुकी हैं। जिसकी उन्हें सजा भी मिली चुकी है। ये चीजें अनंत सिंह के पैतृक गांव लदमा के घर से मिली थीं।