LIC Surrender: दो करोड़ से ज्यादा जीवन बीमा पॉलिसी हुईं सरेंडर
LIC Surrender: 2 करोड़ 30 लाख से ज्यादा पॉलिसीधारकों ने वर्ष 21-22 में अपनी जीवन बीमा पॉलिसियों को उनकी मैच्योरिटी से बहुत पहले ही सरेंडर कर दिया गया है
LIC Surrender: 2 करोड़ 30 लाख से ज्यादा पॉलिसीधारकों ने वर्ष 21-22 में अपनी जीवन बीमा पॉलिसियों (LIC Surrender) को उनकी मैच्योरिटी से बहुत पहले ही सरेंडर कर दिया गया है। यह आंकड़ा 2020-21 में समय से पहले सरेंडर की गई पॉलिसियों (69.78 लाख) की संख्या के तीन गुना से अधिक है। समझा जाता है कि इस घटनाक्रम का ताल्लुक कोरोना महामारी से है। बहुत से लोगों ने कुछ धन प्राप्त करने के लिए अपनी जीवन बीमा पॉलिसियों (life insurance policies) को समय से पहले सरेंडर करके कंपनियों से सरेंडर वैल्यू ले ली।
इंडियन एक्सप्रेस (Indian Express) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 24 बीमाकर्ता कंपनियों में से 16 ने पिछले वर्ष की तुलना में पॉलिसीधारकों द्वारा पॉलिसी की समयपूर्व बिक्री में वृद्धि देखी है। बीमा कंपनियों द्वारा किए गए तिमाही सबमिशन के विश्लेषण से यह पता चलता है।
2021-22 में सरेंडर पॉलिसियों की संख्या में एलआईसी ने देखा तेज उछाल
पिछले वर्ष की तुलना में 2021-22 में सरेंडर की गई पॉलिसियों की संख्या में एलआईसी ने तेज उछाल देखा। जीवन बीमा कारोबार में एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी करीब 64 फीसदी है। इसके अलावा मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचडीएफसी लाइफ, बजाज आलियांज, आदित्य बिड़ला सनलाइफ, कोटक महिंद्रा, टाटा एआईए, एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस, केनरा-एचएसबीसी, श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस, फ्यूचर जेनेराली इंडिया, एजेस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस, एडलवाइस टोकियो लाइफ इंश्योरेंस, अवीवा लाइफ इंश्योरेंस और भारती एक्सा, अन्य 15 बीमाकर्ता हैं, जिन्होंने वर्ष के दौरान पॉलिसियों की समयपूर्व बिक्री की संख्या में वृद्धि देखी।
पॉलिसी का सरेंडर मूल्य
पॉलिसी धारकों को भुगतान किया गया औसत सरेंडर मूल्य 62,552 रुपये था, जो 2020-21 में ग्राहकों को भुगतान किए गए 1,67,427 रुपये के औसत सरेंडर मूल्य के आधे से भी कम है। एलआईसी पॉलिसीधारकों के लिए, 2021-22 के दौरान सरेंडर की गई 2.12 करोड़ से अधिक पॉलिसियों का औसत सरेंडर-वैल्यू सिर्फ 43,306 रुपये था। पिछले वर्ष में, एलआईसी पॉलिसीधारकों ने 53.35 लाख पॉलिसियों को सरेंडर किया था और उन्हें भुगतान की गई औसत सरेंडर वैल्यू 1,49,997 रुपये थी।
पिछले वर्ष की तुलना में केवल आठ कंपनियों ने 2021-22 में सरेंडर की गई पॉलिसियों की संख्या में कमी देखी है। ये हैं : एसबीआई लाइफ, रिलायंस निप्पॉन, इंडियाफर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस, पीएनबी मेटलाइफ, प्रामेरिका, स्टार यूनियन दाई-इची, एगॉन लाइफ इंश्योरेंस और सहारा इंडिया। इन कंपनियों के पॉलिसीधारकों ने 2021-22 में 4.93 लाख पॉलिसी सरेंडर की हैं, जो 2020-21 के मुकाबले 21.7 फीसदी कम है।
क्या है नियम
जब कोई पॉलिसी धारक मैच्योरिटी से पहले अपनी पॉलिसी को सरेंडर करता है, तो उसे जमा किए गए प्रीमियम का केवल एक छोटा हिस्सा प्राप्त होता है। लेकिन इसके लिए अलग-अलग कंपनियों के अलग-अलग नियम हैं। एलआईसी (LIC) की पॉलिसी के मुताबिक, सरेंडर वैल्यू पूरे तीन साल के प्रीमियम के बाद ही देय होती है। बीमाकर्ता आमतौर पर पॉलिसीधारकों को सलाह देते हैं कि वे समय से पहले पॉलिसियों को सरेंडर न करें क्योंकि उनका मूल्य बहुत कम होता है। गारंटीड सरेंडर मूल्य राशि का उल्लेख आमतौर पर पॉलिसी दस्तावेजों में किया जाता है। यदि प्रीमियम का भुगतान लगातार तीन वर्षों तक किया जाता है, तो पॉलिसीधारक पॉलिसी विनिर्देशों के अनुसार सरेंडर वैल्यू प्राप्त करने का पात्र होता है। बहरहाल, पॉलिसियों का बड़े पैमाने पर सरेंडर किया जाना हैरानी भरा है।