Hindenburg Report: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर आया अडानी ग्रुप का रिएक्शन,सेबी चीफ के साथ कोई कमर्शियल कनेक्शन नहीं

Hindenburg Report: रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कुछ विदेशी फंड में विनोद अडानी व उनके करीबी सहयोगियों और सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच दोनों ने निवेश किया था।

Newstrack :  Network
Update: 2024-08-11 07:21 GMT

Adani Group reaction on Hindenburg Report

Adani Group reaction on Hindenburg Report: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फॉर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद देश में एक बार फिर हंगामा मचा हुआ है। सेबी चीफ माधबी पुरी बुच की ओर से रिपोर्ट को पूरी तरह निराधार बताए जाने के बाद अब अडानी ग्रुप का रिएक्शन भी सामने आया है। अडानी ग्रुप ने भी रिपोर्ट में लगाए गए आरोपी को पूरी तरह खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अडानी ग्रुप ने यह भी कहा है कि सेबी चीफ माधबी पुरी बुच के साथ उसका कोई कमर्शियल कनेक्शन नहीं है। अडानी ग्रुप की ओर से इस रिपोर्ट को दुर्भावनापूर्ण और शरारती बताया गया है।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाया बड़ा आरोप

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट आने के बाद देश में सियासी माहौल भी गरमा गया है। विपक्षी दलों की ओर से पूरे मामले की जांच पड़ताल की मांग उठाई जा रही है। हिंडनबर्ग ने शनिवार को एक ब्लॉग पोस्ट में आरोप लगाया कि अडानी समूह की कंपनियों में हेरफेर के लिए इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट आफशोर (विदेश में स्थित) फंड में सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की हिस्सेदारी थी।

हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि सेबी ने अडानी के मारीशस और आफशोर शेल संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई में कोई रुचि नहीं दिखाई है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कुछ विदेशी फंड में विनोद अडानी व उनके करीबी सहयोगियों और सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच दोनों ने निवेश किया था।

अडानी ग्रुप का कमर्शियल कनेक्शन से इनकार

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप की ओर से जताई गई पहली प्रतिक्रिया में कहा गया है कि रिपोर्ट में जिन व्यक्तियों का या जिन मामलों का जिक्र किया गया है, उनसे कमर्शियली अडानी समूह का कोई लेना-देना नहीं है। समूह ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया।

अडानी समूह ने कहा कि उसकी कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को वह खारिज करता है और फिर से अपनी बात को दोहराता है कि उसकी विदेशी होल्डिंग का स्ट्रक्चर पूरी तरह से पारदर्शी है। दूसरी ओर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि अडानी समूह की ओर से कंपनियों का जाल बुनकर फंड को इधर से उधर करने का काम किया गया है।

आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और शरारती बताया

अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की लेटेस्ट रिपोर्ट पर एक बयान जारी किया है। समूह ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए लेटेस्ट आरोप सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और जोड़-तोड़ वाला चयन है, जो तथ्यों और कानून की अवहेलना करते हुए व्यक्तिगत मुनाफा कमाने के लिए पूर्व-निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंचने के के लिए लगाए गए हैं।

बयान में कहा गया है कि अडानी समूह इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करता है जो बदनाम दावों का रीसाइक्लिंग हैं। इस तरह के आरोपी की पहले भी बहन जांच पड़ताल की जा चुकी है जो पूरी तरह निराधार साबित हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी जनवरी 2024 में इन आरोपों को खारिज किया जा चुका है। हिंडनबर्ग ने पिछले साल भी अपनी एक रिपोर्ट के जरिए अडानी समूह को करारा झटका दिया था। यह रिपोर्ट पिछले साल जनवरी महीने में जारी की गई थी। इस रिपोर्ट में अडानी समूह पर गंभीर वित्तीय अनियमितता बरतने का आरोप लगाया गया था।

सेबी चीफ ने भी आरोपों को किया खारिज

इस बीच हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट को सेबी की माधबी पुरी बुच ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने रविवार की सुबह जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि 10 अगस्त को आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट में हमारे खिलाफ लगाए गए आरोपों के संदर्भ में हम बताना चाहते हैं कि हम रिपोर्ट में लगाए गए आधारहीन आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं।

उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में तनिक भी सच्चाई नहीं है। हमारा जीवन और फाइनेंस खुली किताब की तरह है। हमें जो भी खुलासे करने की जरूरत थी, वो सारी जानकारियां बीते सालों में सेबी को दी गई हैं। उन्होंने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को चरित्र हनन का प्रयास भी बताया। उन्होंने रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि पूरी पारदर्शिता का ध्यान रखते हुए वे जल्द ही इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट जारी करेंगी।

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